भाजपा के पूर्व विधायक को जान से मारने की धमकी, नक्सलियों ने संघ प्रमुख भागवत पर भी साधा निशाना, भोजराज को बताया आरएसएस का एजेंट
कांकेर जिले के अंतागढ़ विधानसभा से भाजपा के पूर्व विधायक और जनजाति सुरक्षा मंच के प्रदेश संयोजक भोजराज नाग को नक्सलियों ने जान से मारने की धमकी दी है। इसे लेकर नक्सलियों ने एक प्रेस नोट भी जारी किया है। इसमें पूर्व विधायक पर धर्मांतरण के नाम पर आपस मे लड़ाने और क्षेत्र में दंगे भड़काने का आरोप लगाया है। इसके साथ ही नक्सलियों ने पूर्व विधायक को आरएसएस का एजेंट बताते हुए जन अदालत में सजा देने की बात कही है।
नक्सलियों के उत्तर बस्तर डिवीजन के सचिव सुखदेव कोड़ो की ओर से जारी किए गए पर्चे में पूर्व विधायक नाग पर आदिवासियों में दरार पैदा कर समाज में विभाजन करने का षड्यंत्र रचने का आरोप लगाया है। साथ ही आदिवासी समाज को त्याग कर हिंदू धर्म मे शामिल होने के लिए उकसाने की बात कही है। नक्सलियों ने कहा कि मृत्यु के पश्चात कब्रिस्तान सब का संवैधानिक अधिकार है। हर धर्म को कब्रिस्तान नसीब होने का अधिकार संविधान देता है।
नाग बोले- सरकार ने सुरक्षा घटाई
दरअसल, हाल ही में पखांजूर में धर्म परिवर्तन करने वाले एक ग्रामीण की मौत के बाद उसके शव को दफनाने को लेकर जमकर विवाद हुआ था। इसमें भोजराज नाग भी शामिल हुए थे। उन्होंने ईसाई धर्मांतरण के खिलाफ पखांजूर बंद भी कराया था। इसके बाद अब नक्सलियों ने भोजराज को निशाने पर लिया है और जान से मारने की धमकी दी है। वहीं भोजराज नाग ने कहा कि सरकार ने उनकी सुरक्षा घटा दी है। पहले Z कैटेगरी थी अब Y है। कहा कि, हम जो काम कर रहे हैं, वह ईश्वर का काम है। धर्मांतरण की लड़ाई लड़ना हमारा काम है। हम जिस जाति समुदाय से आते हैं, वहां प्रकृति का समुदाय है।
विक्रम उसेंडी और मोहन भागवत पर भी निशाना
नक्सलियों ने आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत और पूर्व सांसद विक्रम उसेंडी पर भी निशाना साधा है। नक्सलियों ने मोहन भागवत पर राजनीतिक रोटी सेकने और आदिवासियों को भड़काने का आरोप लगाया है।विक्रम उसेंडी पर भी आदिवासियों को लेकर वोट बैंक की राजनीति करने का आरोप लगाकर निशाना साधा है।
विक्रम उसेंडी के फार्म हाउस में हो चुका है नक्सली हमला
2018 में नक्सलियों ने अंतागढ़ के नजदीक एक गांव में स्थित विक्रम उसेंडी के फार्म हाउस में हमला किया था। इसमें आईईडी ब्लास्ट कर फार्म हाउस को उड़ा दिया था। हालांकि इस हमले के दौरान विक्रम उसेंडी फार्म हाउस में नहीं थे।