BJP को समय से पहले टिकट वितरण पड़ रहा है भारी : पार्टी की बैठक से घोषित प्रत्याशी को ही कर दिया गया बाहर, दूसरे दावेदारों ने जमकर निकाली भड़ास
गरियाबंद। बीजेपी के द्वारा छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव से काफी पहले कुछ प्रत्याशियों की घोषणा करने का असर भी अब दिखने लगा है। गरियाबंद जिले के राजिम विधानसभा में जिस प्रत्याशी का चयन किया गया है, उसका जमकर विरोध हो रहा है। आलम ये है कि यहां आयोजित कोर कमेटी की बैठक में पार्टी के घोषित प्रत्याशी रोहित साहू को बैठक कक्ष से बाहर कर दिया गया, फिर बैठक लेने पहुंचे धरमलाल कौशिक के सामने नाराज नेताओं ने अपनी भड़ास निकाली। नेताओं का कहना है कि जिसे पार्टी में आए दो साल ही हुआ है, और जिसके परिवार का भी वोट अब तक भाजपा को नहीं मिला वो भाजपा का प्रत्याशी कैसे हो सकता है ?
डैमेज कण्ट्रोल का प्रयास हुआ विफल
राजिम विधानसभा में भाजपा को प्रत्याशी की घोषणा के बाद अपने ही कार्यकर्ता और वरिष्ठ नेताओं के विरोध का सामना करना पड़ रहा है। इसी के चलते डेमेज कंट्रोल के लिए मतदाता पुनरीक्षण के बहाने पार्टी के पूर्व विधानसभा अध्यक्ष धरमलाल कौशिक यहां पहुंचे। इस दौरान कोर कमेटी और शक्ति केंद्र प्रभारियों की बैठक हुई। प्रारम्भ में घंटे भर तक तय ऐजेंडे पर चर्चा हुई। इस बीच बाद अंदर से सुलग रहे कार्यकर्ताओं ने अपनी बातें रखनी शुरू कर दी। इस दौरान प्रत्याशी के समाज के ही नेताओं ने प्रत्याशी नहीं बदले जाने पर पार्टी की हार होने की बात कही।
प्रत्याशी को कक्ष से किया बाहर
इसी दौरान पार्टी के जिला अध्यक्ष राजेश साहू ने प्रत्याशी रोहित साहू को बैठक कक्ष से बाहर जाने कहा। रोहित के बाहर जाते ही खुल कर विरोध शुरू हो गया। सबसे पहले पूर्व जिला अध्यक्ष राम कुमार साहू ने कहा कि पार्टी हमारी धैर्य की प्रतिक्षा कब तक लेगी, फिर रामू राम साहू, अशोक राजपूत, संदीप शर्मा, श्वेता शर्मा, आशीष शर्मा, पूनम यदु, मुरलीधर सिन्हा समेत 15 से ज्यादा वरिष्ठ और टिकट के दावेदारों ने अपनी भड़ास निकाली। सभी इस बात से नाराज थे कि पार्टी के अन्य कर्मठ और जीतने लायक नेताओं की उपेक्षा कर डेढ़ साल पहले ही पार्टी ज्वाइन करने वाले नेता को टिकट दे दिया गया है।
टिकट चाहिए तो ये तरीका अपनाएं..!
यहां मौजूद युवा नेताओं ने तंज कसते हुए ये भी कहा कि भाजपा में टिकट चाहिए तो पहले कांग्रेस प्रवेश करें फिर निर्दलीय चुनाव लड़े तो ही पार्टी तव्वजो देगी। धरमलाल कौशिक ने सभी की बातो को धैर्य से सुनने के बाद कहा कि भाजपा ने अब तक घोषित प्रत्याशी का नाम नहीं बदला है. सभी की भावनाओं से अवगत हूं. बात ऊपर तक पहुंचाऊंगा। निर्णय ऊपर ही लिया जाना है।
इस बैठक के बाद नाराज मुरलीधर सिन्हा ने मीडिया के सामने कहा कि बीजेपी ने जिसको टिकट दिया है, उसने पार्टी को एक बार भी वोट नहीं दिया है. मैं 48 साल से पार्टी के लिए काम कर रहा हूं, फिर भी पार्टी ने दूसरे को टिकट दिया है जो कि गलत है। टिकट नहीं बदली तो निश्चित रूप से भाजपा की हार होगी। इस दौरान धरमलाल कौशिक इस सवाल को टाल गए। वहीं पार्टी के जिम्मेदार नेता ने एकजुट होकर पार्टी को जिताने की बात कही।