Chhattisgarh News CM : पंच से मुख्यमंत्री तो ABVP के जमीनी कार्यकर्ता और आपरेटर से उपमुख्यमंत्री तक का सफर, बीजेपी के तीन जमीनी कार्यकर्ताओं के राजनीति के फर्श से अर्श तक पहुंचने की पूरी कहानी
सरपंच से मुख्यमंत्री का सफर
श्री विष्णु देव साय जी के सरपंच से मुख्यमंत्री का सफर के बारे में अधिकांश लोग नही जानते होंगे . तो उन्हे हम बता दे कि विष्णु देव साय एक जमीनी नेता है, जिन्होंने राजनीति को जमीनी स्तर से देखा है, साय ने सबसे पहले सरपंच का चुनाव जीतकर राजनीति में अपनी शुरुआत की थी . धीरे-धीरे राजनीति और इस तरह अपनी योग्यता के चलते पार्टी में अपना कद बढाते गए और उसी का परिणाम है कि आज श्री विष्णु देव साय राज्य के मुख्यमंत्री के पद पर आसीन हुए हैं . श्री साय एक अच्छे नेता होने के साथ-साथ पार्टी के वरिष्ठ सदस्यों के चहेते भी हैं. यही कारण है कि पार्टी द्वारा आगामी लोकसभा चुनाव को देखते हुए श्री साय को छत्तीसगढ़ की कमान सौंपी गई है.
छत्तीसगढ़ में BJP द्वारा धमाकेदार जीत प्राप्त करने के बाद मुख्यमंत्री के पद के लिए चल रही दौड़ को विराम देते हुए , Party द्वारा आदिवासी समुदाय के कद्दावर नेता श्री विष्णु देव साय को Chhattisgarh का मुख्यमंत्री नियुक्त किया है. श्री साय छत्तीसगढ़ के जाने माने जमीनी नेता है . जिन्होंने आदिवासी समुदाय के लिए काफी समय तक प्रगति कार्य किए हैं. इसके साथ ही वह राज्य में आदिवासी समुदाय का प्रमुख चेहरा है
विष्णुदेव साय का जीवन परिचय | Vishnudeo Sai Biography in Hindi
विष्णु देव साय का जन्म छत्तीसगढ़ राज्य में जशपुर जिले के बगिया गाँव के किसान परिवार “राम प्रसाद साई” और जशमनी देवी के घर हुआ था। उन्होंने अपनी उच्च माध्यमिक शिक्षा लोयोला उच्चतर माध्यमिक विद्यालय, कुनकुरी, जशपुर, छत्तीसगढ़ में प्राप्त की। साय बचपन से ही समाज के प्रति जागरूक रहे। विष्णुदेव साय सन 2020 से 2022 तक छत्तीसगढ़ के लिए भारतीय जनता पार्टी (BJP) के प्रदेश अध्यक्ष के रूप में भी कार्य किया। बताया जाता है की साय प्रधान मंत्री मोदी के पहले मंत्रिमंडल में केंद्रीय इस्पात राज्य मंत्री चुने गए थे। वह छत्तीसगढ़ के कुनकुरी निर्वाचन क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करने वाले 16वीं लोकसभा के सदस्य थे। उन्होंने 1991 में कौशल्या देवी से शादी की और उनके एक बेटा और दो बेटियां हैं।
जैसे की आप जानते है, राजस्थान, मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनावों में बीजेपी ने प्रचंड जीत के बाद मुख्यमंत्री के नाम का एलान कर दिया है. छत्तीसगढ़ में विष्णुदेव साय, मध्यप्रदेश में डॉ. मोहन यादव और राजस्थान में भजन लाल शर्मा को मुख्यमंत्री पद का भार सौपा गया है। आज याने 13 दिसंबर को विष्णु देव साय ने छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री के पद का शपथ ले पदभार ग्रहण कर लिया है
मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की शिक्षा | Vishnudeo Sai Education
वही Chhatisgarh के नए मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की शिक्षा की बात करे तो आपको बता दे कि विष्णु देव साय ने कितनी पढ़ाई की है. किसान परिवार से ताल्लुक रखने वाले vishnu Dev Saay ज्यादा पढ़े लिखे नही है , लेकिन राजनीति मे उनकी समझ दिग्गज नेताओं से भी काफी बेहतर है . आपको बता दे कि विष्णु देव साय कक्षा 12वीं तक पढ़े हुए है। उनकी स्कूली शिक्षा जशपुर के कुनकुरी स्थित लोयोला हायर सेकेंडरी स्कूल से हुई है।
मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय बायोग्राफी
पूरा नाम श्री विष्णु देव साय (Vishnudeo Sai Biography in Hindi)
जन्म तिथि 21 फरवरी 1964
जन्म स्थान बगिया जिला जशपुर (छत्तीसगढ़)
शिक्षा 12 वीं पास (लोयोला उच्चतर माध्यमिक विद्यालय, कुनकुरी, जिला: जशपुर)
व्यवसाय कृषि
पिता का नाम राम प्रसाद साय
माता का नाम श्रीमती जशमनी देवी
पत्नी का नाम श्रीमती कौशल्या देवी
पुत्र/ पुत्री पुत्र 1, पुत्री 2
साय की राजनीतिक उपलब्धियां
अब बात करे विष्णु देव साय की राजनीतिक Vishnudev Sai CM Chhattisgarh उपलब्धियां क्या रही है , तो आपकी जानकारी के लिए बता दे कि विष्णुदेव साय ने अपने राजनीतिक जीवन की शुरूआत 1989 में ग्राम पंचायत बगिया के पंच के रूप में की थी. इसके बाद विष्णु देव साय ने 1990 में पहला विधानसभा चुनाव लड़ा और इस चुनाव में श्री साय ने अपनी जीत का परचम लहराया . इसके बाद वे 1998 तक विधायक रहे। वहीं 1999 में उन्होंने पहला लोकसभा का चुनाव लड़ा और जीत हासिल की. वही इसके बाद साय 2004 में दोबारा सांसद चुने गए। इसके बाद 2009 और 2014 में लोकसभा चुनाव लड़ा और संसद पहुंचे।
वहीं उन्होंने मोदी सरकार के पहले कार्यकाल में उन्होंने इस्पात और खनन मंत्रालय के रूप में कार्यभार संभाला. इसी के साथ वे कांग्रेस सरकार में भी विभिन्न समितियों के सदस्य रह चुके हैं। इसके बाद श्री विष्णु देव साय को साल 2006 में छत्तीसगढ़ का भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बनाया गया था। वहीं दुबारा 2011 में भाजपा प्रदेश अध्यक्ष चुने गए। इसके बाद उन्हें 8 जुलाई 2023 को भाजपा के राष्ट्रीय कार्य समिति का सदस्य बनाया गया। यही वजह है कि विष्णु देव साय छत्तीसगढ़ के मुख्य आदिवासी नेता भी माने जाते हैं . इसके साथ ही श्री साय आदिवासी समुदाय में भी उनकी पकड़ अच्छी है . जिसके चलते वह काफी लोकप्रिय नेता रहे है .
नरेंद्र मोदी और विष्णुदेव साय
BJP विधायक दल की बैठक में मुख्यमंत्री पद के लिए चुने जाने के तुरंत बाद विष्णु देव साय ने अपने एजेंडे की घोषणा कर दी है. इसी के साथ विष्णु देव साय ने कहा है कि “पार्टी ने जनता की सेवा का अवसर दिया है और मैं जनता की उम्मीदों पर खरा उतरूंगा. उन्होंने पीएम मोदी और अमित शाह का आभार जताते हुए सभी विधायकों को धन्यवाद दिया है. आदिवासी समाज के नेता विष्णु देव साय चार बार सांसद, दो बार विधायक, केंद्रीय राज्य मंत्री और दो बार प्रदेश अध्यक्ष भी रहे हैं. आपको बता दे कि संगठन में काम करने का लंबा अनुभव रहा है. जैसे की आपको यह मालूम ही है कि विधानसभा चुनाव में बीजेपी को 54 सीटों पर जीत मिली थी. वहीं, सत्ताधारी कांग्रेस को 35 सीटें मिली थीं.
इसी के साथ छत्तीसगढ़ के नए मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने कहा है कि, ” मैं प्रदेश के सभी नेतृत्व को बधाई देना चाहूंगा. उनके वजह से यह सफलता मिली है. छत्तीसगढ़ में कांग्रेस सरकार से जनता त्रस्त थी. पीएम मोदी की गरंटी को पूरा करना हमारा पहला काम होगा. 18 लाख घरों को स्वीकृति मिलेगी, जो भी पीएम मोदी की गारंटी है. उसको हम 5 साल में पूरा करेंगे.”
छत्तीसगढ़ के नए मुख्यमंत्री
विधायक दल की बैठक में लिए गए छत्तीसगढ़ के नए मुख्यमंत्री के फैसले में केंद्रीय मंत्री सर्बानंद सोनोवाल और अर्जुन मुंडा और दुष्यंत कुमार गौतम के अतिरिक्त छत्तीसगढ़ बीजेपी प्रभारी ओम माथुर भी मौजूद रहे. काफी समय तक पार्टी ने मुख्य मंत्री के नाम पर विचार विमर्श करने के पश्चात आगामी लोकसभा चुनाव को मध्य नजर रखते हुए श्री विष्णु देव साय को छत्तीसगढ़ की कमान सौंपी है. और इसके बाद बीजेपी ने छत्तीसगढ़ में CM पद के लिए विष्णुदेव साय का नाम ऐलान कर दिया है.
विष्णुदेव साय को ही क्यों बनाया गया सीएम
अधिकांश नागरिक यह जरूर जानना चाहते होंगे कि विष्णुदेव साय को ही क्यों बनाया गया सीएम. तो आपको बता दे कि छत्तीसगढ़ चुनाव भारतीय जनता पार्टी के द्वारा सीएम के चेहरे को पेश किए बिना लड़ा गया था . पूरा चुनाव भाजपा द्वारा प्रधानमंत्री मोदी के चेहरे पर ही लड़ा गया है , लेकिन जीत के बाद एक हफ्ते तक रायपुर से दिल्ली तक CM के चेहरे को लेकर मंथन का दौर चला और पार्टी द्वारा आदिवासी समाज से आने वाले विष्णु देव सहाय के नाम पर मोहर लगा दी. छत्तीसगढ़ को आदिवासी राज्य के रूप में देखा जाता है ,क्योंकि यहां के 32 फ़ीसदी आबादी इसी समुदाय से आते है. एक यही मुख्य कारण है कि आदिवासी समुदाय से आने वाले भाजपा के नेता श्री विष्णु देव सहाय को मुख्यमंत्री के रूप में चुना गया है।
विष्णु देव साय राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के साथ पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह के भी करीबी माने जाते हैं, और यही कारण है कि उनकी संगठन एवं जमीनी राजनीति दोनों पर अच्छी पकड़ है. जिस कारण आगामी लोकसभा चुनाव में बीजेपी को बहुत फायदा हो सकता है .
परिवार
विष्णु देव साय का जन्म छत्तीसगढ़ राज्य में जशपुर जिले के बगिया गाँव के किसान परिवार राम प्रसाद साई और जशमनी देवी के घर हुआ था। उन्होंने अपनी उच्च माध्यमिक शिक्षा लोयोला उच्चतर माध्यमिक विद्यालय, कुनकुरी, जशपुर, छत्तीसगढ़ में प्राप्त की। उन्होंने 1991 में कौशल्या देवी से शादी की और उनके एक बेटा और दो बेटियां हैं।
Deputy CM of chhattisgarh ऑपरेटर से डिप्टी सीएम तक का सफर
विजय शर्मा का जन्म 19 जुलाई 1973 को कवर्धा में हुआ. उनकी प्रारंभिक शिक्षा कवर्धा में ही हुई. जिसके बाद उन्होंने 1998 – 2001 में (म.प्र. भोज मुक्त विश्वविद्यालय, रायपुर अध्ययन केन्द्र से M.C.A. (मास्टर आफ कम्प्यूटर एप्लीकेशन) किया. इससे पहले 1997 में पं. रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय अध्ययन केंद्र रायपुर से उन्होंने इंगलिश लैंगुवेज में डिप्लोमा किया. वहीं 1994-1996 में उन्होंने भौतिक शास्त्र में M.sc. किया.विजय शर्मा राजनीति में आने से पहले Reliance telecom limited, रायपुर केन्द्र में ऑपरेटर विभाग में कार्य कर चुके है
यहां कर चुके हैं काम
1998 से 2001 तक Reliance telecom limited, रायपुर केन्द्र में ऑपरेटर विभाग में कार्य.
1996-1997 तक “Page Me” पेजर कम्पनी में ऑपरेटर के पद पर कार्य.
1996-1998 में सेंट्रल कालेज रायपुर प्रगति कॉलेज रायपुर, इंजीनियरिंग कालेज रायपुर मे अध्यापन का कार्य.
राजनीतिक सफर
प्रदेश महामंत्री, भारतीय जनता पार्टी छत्तीसगढ़
प्रदेश मंत्री, भारतीय जनता पार्टी छत्तीसगढ़
मार्च 2016 से 2020 तक प्रदेश अध्यक्ष युवा मोर्चा छत्तीसगढ़
फरवरी 2020 से ( 4 वर्षो के लिए) जिला पंचायत सदस्य क्षेत्र क्र. 09 जिला कबीरधाम
मई 2015 दिसम्बर 2015 जिला अध्यक्ष ( भा.ज.पा.) कार्यकारी
फरवरी 2015 से जनवरी 2020 जिला पंचायत सदस्य प्रतिनिधि क्षेत्र क्र. 07 जिला कबीरधाम ( पत्नि सदस्य रही)
2011 से मई 2015 तक जिला महामंत्री भा.ज.पा. कबीरधाम
2008 से सन् 2010 तक जिला अध्यक्ष युवा मोर्चा जिला कबीरधाम
2004 से सन् 2008 तक जिला अध्यक्ष भा.ज.पा. युवा मोर्चा जिला कबीरधाम
2001 से सन् 2003 जिला कबीरधाम मे राजनीतिक रूप से सक्रिय रहे.
1993 से सन् 1994 तक छात्र संघर्ष मोर्चा स्थानीय छात्र संगठन का गठन कर उसमे सक्रिय रहे.
1992 अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद रायपुर अधिवेशन में सम्मिलित हुए.
सन् 1991 अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के पैनल से स्वामी करपात्री जी शा. उ. मा. विद्यालय कवर्धा मे शाला नायक रहे.
1990 अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के दुर्ग अभ्यासवर्ग मे सम्मिलित हुए.
1989 से 1991 तक अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के कवर्धा नगर इकाई के सह. संयोजक रहें.
वर्तमान में-
वर्तमान में वे कृषि तथा परिवारिक संसाधनो ( किराये के दुकान / मकान) पर निर्भर हैं.
Deputy CM of chhattisgarh – ABVP के तहसील इकाई के अध्यक्ष से डिप्टी सीएम तक का सफर
अरुण साव कबीर वार्ड मुंगेली में रहकर पले–बढ़े है। मुंगेली के एसएनजी कॉलेज से बीकॉम कर बिलासपुर से एलएलबी किया। वह 1990 से 1995 तक अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के मुंगेली तहसील इकाई के अध्यक्ष रहे। फिर जिला 1996 में युवा मोर्चा के जिलाध्यक्ष, प्रांतीय सह मंत्री और राष्ट्रीय कार्य समिति सदस्य बने। तत्कालीन विधायक अमर अग्रवाल के साथ महामंत्री भी रहें। ग्रेजुएशन के दौरान कॉलेज में सीआर ( कक्षा प्रतिनिधि) बनें। साहू समाज की राजनीति में भी अरुण साव की अच्छी पैठ है। साहू समाज युवा प्रकोष्ठ मुंगेली के तहसील सचिव के अलावा जिला अध्यक्ष साहू समाज भी रहें। छत्तीसगढ़ प्रदेश साहू समाज के सह संयोजक बने।
अरुण साव की शादी मीना साव से हुई है। अरुण साव 1996 से 2005 तक भारतीय जनता युवा मोर्चा मे विभिन्न पदों पर कार्यरत रहे। 1998 में दशरंगपुर से जनपद सदस्य के लिए भाजपा समर्थित प्रत्याशी बनें। 2001 से छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय की स्थापना के साथ ही अरुण साव यहां वकालत कर रहें हैं। 2004 में राज्य सरकार के पैनल लायर, 2005 से 2007 तक उप शासकीय अधिवक्ता, 2008 से 2013 तक उपमहाधिवक्ता छत्तीसगढ़ शासन रहें।
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