CGVidhansabha – कोल परिवहन, हसदेव अरण्य जल जीवन मिशन को लेकर सदन रहा गरम, वन अधिकारियों की नियुक्तियों पर उठे सवाल…सीएम ने की कौन सी बड़ी घोषणा…पढ़े आज दिन भर सदन में क्या क्या हुआ…
📌 अजय चंद्राकर ने उठाया अवैध टेंडर के मामला
2 करोड़ रुपए के अवैध टेंडर के मामले को बीजेपी विधायक अजय चंद्राकर ने सदन में उठाया। उन्होंने कहा- देश में पहली बार जादू से सड़क बन गई। इस सड़क से मुख्यमंत्री की, नेताओं की, अफ़सरों की गाड़ियां चलती हैं। वह कौन सा आदमी है, जिसके जादू के प्रभाव में इधर-उधर सभी है। अजय चंद्राकर ने पूछा- नेशनल हाईवे पर रोड बना रहे थे। इससे पहले क्या अनुमति ली गई थी।
अफसरों ने जायजा लिया था, काम को निरस्त किया गया
इस पर PWD मंत्री अरुण साव ने कहा कि 13 जून 2022 को नगर निगम ने NHAI को पत्र लिखा था।NHAI के जवाब के बाद अफसरों की टीम ने मौके का जाया भी लिया था। काम कौन कर रहा है, ये पता नहीं चला लिहाजा, काम को निरस्त कर दिया गया। नगर निगम के अनटाइड फंड से इसका निर्माण किया जा रहा था।
समिति बनाकर की जाएगी मामले की जांच
मंत्री अरुण साव ने सदन में संभागीय आयुक्त की अध्यक्षता में उच्चस्तरीय समिति बनाकर जांच कराने और गड़बड़ी पाए जाने पर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की घोषणा की। जिसके बाद अजय चंद्राकर ने कहा कि दो करोड़ के टेंडर को 10 टुकड़ों में किया था। जांच समिति में रायपुर शहर के विधायकों को भी शामिल किया जाए।
📌धर्मजीत सिंह न उठाया जल-जीवन-मिशन का मुद्दा
तखतपुर से बीजेपी विधायक धर्मजीत सिंह ने सदन में जल जीवन मिशन का मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा कि जल जीवन मिशन का पूरा काम नहीं हो पा रहा है और गड्ढा खुदा हुआ है। कहीं पूरा काम नहीं हो रहा है। इस पर ठोस जवाब चाहिए। इसके बाद विधानसभा अध्यक्ष रमन सिंह ने कहा कि जल तरल होता है, आपको कितना ठोस जवाब चाहिए।
इस पर धर्मजीत सिंह ने कहा- आश्वासन ठोस होना चाहिए, क्योंकि पानी के समान दिया आश्वासन बह जाता है और निकल जाता है। तखपुर की विधायक ने दावा किया है कि पिछले 5 सालों में विकास की गंगा बही है, मैं गंगा खोजने आया हूं, लेकिन गंगा का अता-पता नहीं है।
📌 लता उसेंडी ने भी उठाया जल-जीवन-मिशन का मुद्दा
बीजेपी विधायक लता उसेंडी ने भी प्रश्नकाल के दौरान सदन में जल जीवन मिशन का मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा कि जिन गांवों में काम पूरा होना बताया जा रहा है, वहां काम अधूरा है, उन पर कार्रवाई करेंगे क्या? इस पर मंत्री अरुण साव ने कहा कि गांव की जानकारी दें, काम शुरू करेंगे।
PWD मंत्री ने माना निर्माण में अनियमितता हुई
उप मुख्यमंत्री और PWD मंत्री अरुण साव ने कहा कि ये सही है कि अव्यवस्था थी। कई जगह गड्ढे खोदकर छोड़ दिए थे, लेकिन मैं आश्वस्त करता हूं कि जिस बड़े उद्देश्य को लेकर ये योजना बनाई गई है, उसमें जल्दी काम हो, गुणवत्तापूर्ण काम हो, सरकार ये सुनिश्चित करेगी।
📌 मरवाही में वन अधिकारियों की नियुक्ति पर सवाल
विधायक धर्मजीत सिंह ने मरवाही वन मंडल में अधिकारियों की नियुक्ति पर सवाल उठाते हुए कहा कि मरवाही इकलौता वन मंडल था, जहां रेंजर-एसडीओ DFO के पद पर बैठे थे। ये इतना बड़ा मामला है कि जांच के लिये दुबई तक जाना होगा। ED की तरह जांच का दायरा बढ़ाना होगा।
इस पर वन मंत्री केदार कश्यप ने कहा- ये पूरा मामला हमारे संज्ञान में आया है। सभी मामलों में जल्द से जल्द जांच पूरी कर कार्रवाई की जाएगी।
📌 भारत माला परियोजना में पेड़ कटाई का मामला उठा
कांग्रेस विधायक अंबिका मरकाम ने भारत माला परियोजना के तहत रायपुर से विशाखापट्टनम 6 लेन में पेड़ कटाई का मामला सदन में उठाया। उन्होंने पूछा कि इसके लिए कितने वृक्षों को काटा गया है? काटने की अनुमति कब और किससे ली गई ? कितने भूस्वामियों को मुआवजा दिया गया है। सवाल का जवाब देते हुए वन मंत्री केदार कश्यप ने कहा कि इसके लिए 64 हजार 217 वृक्षों को काटा गया है। सिहावा विधानसभा के अंतर्गत 12 करोड़ 59 लाख 2147 रुपए का मुआवजा दिया गया है।
📌 शून्यकाल में उठा हसदेव अरण्य का मामला
छत्तीसगढ़ विधानसभा में हसदेव के जंगलों में पेड़ों की कटाई के मुद्दे पर विपक्ष ने जमकर हंगामा किया। विपक्ष ने सदन में स्थगन प्रस्ताव लाकर चर्चा की मांग की थी, जिसे स्पीकर ने अस्वीकार कर दिया। इसके बाद विपक्षी विधायकों ने गर्भगृह में जमकर नारेबाजी की। जिसके बाद नारेबाजी करने वाले विधायक निलंबित होगए। हंगामे के बीच सदन की कार्यवाही 5 मिनट के लिए स्थगित करनी पड़ी।
मामले में विपक्ष ने दोबारा चर्चा की मांग की। इस पर बीजेपी विधायक सुशांत शुक्ला ने पुरानी सरकार से कुछ सवाल किया तो पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि बीजेपी सदस्य चाहते हैं तो इस पर चर्चा होनी चाहिए। संसदीय कार्य मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने कहा- आसंदी की व्यवस्था आने के बाद भी विपक्ष की मांग उचित नहीं है। सदन में चर्चा के पर्याप्त मौके मिलेंगे।
शून्यकाल में कांग्रेस विधायक कुंवर सिंह निषाद ने हसदेव अरण्य का मुद्दा उठाया। उन्होंने हसदेव बांगो बांध का जिक्र करते हुए कहा की हसदेव अरण्य के नुकसान से इस बांध के अस्तित्व पर सवाल खड़ा हो जाएगा। जिसके बाद जीवन यापन मुश्किल हो जाएगा।
वहीं, विक्रम मंडावी ने इसे आदिवासी संस्कृति से जोड़ते हुए कहा की हमें लगा था की अगर आदिवासी मुख्यमंत्री बनते हैं तो उनके हक का ध्यान रखा जाएगा, पर यहां पर यह होता नहीं दिख रहा है। इस पर नेता प्रतिपक्ष चरणदास महंत ने क्षेत्र में सभी कोल ब्लॉक निरस्त करने की मांग उठाई। उन्होंने विधायक धर्मजीत की तरफ इशारा करते हुए कहा कि ये आपका उठाया हुआ मुद्दा है, इस पर ध्यान दें।
पूर्व सीएम भूपेश बघेल ने बीजेपी से पूछा कि कौन सी अदृश्य शक्ति है जो ये सब काम करा रही है। चुनाव जीतने के बाद मुख्यमंत्री बनने से पहले ही वहां मशीनरी एक्टिव हो जाती हैं और पेड़ कटाई शुरू हो जाती हैं यह चिंताजनक है। उन्होंने आरोप लगाया कि कोल ब्लॉक निरस्त करने की बात सर्वसहमति से सदन में स्वीकृत की गई थी, इसके बाद यह होना अनुचित है।
📌मूणत ने उठाया कोल परिवहन परमिट का मामला
छत्तीसगढ़ विधानसभा के बजट सत्र के तीसरे दिन भाजपा विधायक राजेश मूणत ने ध्यानाकर्षण के जरिए कोल परिवहन और उससे संबंधित परमिट की स्वीकृति के मुद्दे को सदन में उठाया। जवाब देते हुए सीएम विष्णुदेव साय ने कहा कि, इससे संबंधित मामले की ईडी जांच कर रही है।
सीएम विष्णुदेव साय के जवाब के बाद बीजेपी विधायक राजेश मूणत ने कहा कि, खनिज विभाग के किस अधिकारी ने और किसकी सहमति से ऑनलाइन प्रक्रिया जो चल रही थी, उसके संशोधित कर आफलाइन करने को लेकर हरी झंडी दी। कोल परिवहन और उससे संबंधित परमिट और स्वीकृति का मुद्दा उठाते हुए उन्होंने पूछा कि, कोल परिवहन के नाम पर जो अवैध वसूली का खेल चल रहा था, उस मामले में कौन-कौन अधिकारी जांच के घेरे में हैं और उस पर क्या कार्रवाई हुई है।
मूणत ने पूछा- किसके निर्णय से हुआ ऑफलाइन
राजेश मूणत के सवाल का जवाब देते हुए सीएम विष्णुदेव साय ने कहा कि, बगैर परिवहन पास प्राप्त किए परिवहन किया जा रहा था। संचालक आईएएस समीर विश्नोई ने 2020 में नये निर्देश दिए थे और वो फिलहाल जेल में हैं और एंटी करप्शन ब्यूरो में मामला विवेचनाधीन है। जिसको लेकर राजेश मूणत ने कहा कि, ऐसी क्या वजह थी कि, ऑनलाइन प्रक्रिया को ऑफलाइन किया गया… क्या डायरेक्टर ऑफलाइन करने के लिए अधिकृत है और क्या भारसाधक मंत्री से अनुमति ली गई। पिछले 5 साल में नये-नये तरीके से भ्रष्टाचार किया गया है। क्या ये केस सीबीआई को सौंपा जाएगा और ऑफलाइन प्रक्रिया को ऑनलाइन आप करेंगे।
साय का ऐलान- फिर से ऑनलाइन हो गई है प्रक्रिया
सीएम विष्णुदेव साय ने सदन में कहा कि, खनिज विभाग के संचालक ने सरकार से अनुमोदन नहीं लिया था। लेकिन हमारी सरकार सुशासन के लिए संकल्पित है और मैं तात्कालिक संचालक की ओर से 2020 में लिए गए फैसले को रद्द करता हूं। साथ ही सीएम साय ने बड़ी घोषणा करते हुए कहा कि, हमनें ऑफलाइन प्रक्रिया को अब ऑनलाइन कर दिया है।