टमाटर की बंपर पैदावार, लागत नहीं निकल रही इसलिए फेंकने पे मजबूर
प्रदेश में ठंड के सीजन में टमाटर की बंपर पैदावार होती है। दुर्ग के धमधा और जशपुर के पत्थलगांव हर साल टमाटर इतने सस्ते हो जाते हैं कि किसानों को सड़कों पर फेंकना पड़ता है । इस बार भी धमधा में टमाटर की बंपर पैदावार हुई। सब्जी का स्वाद बढ़ाने वाले टमाटर की कीमत कम होने से ग्राहकों को तो फायदा है, लेकिन किसानों को भारी नुकसान झेलना पड़ रहा है।
लोग फ्री में ले जा रहे टमाटर
राज्य के टमाटर उत्पादकों को हर साल इस समस्या से रुबरु होना पड़ता है। इस बार भी धमधा में किसानों ने टमाटर फेंकना शुरू कर दिया है। किसान सड़क के किनारे और खेत के पास टमाटर फेंक रहे हैं। टमाटर के बंपर पैदावार से खरीददार नहीं मिल रहे, जिससे पैदावार का लागत मूल्य तक नहीं मिल रहा है। वहीं राहगीर फ्री में टमाटर ले जा रहे हैं। बता दें कि धमधा क्षेत्र कृषि मंत्री रविंद्र चौबे के विधानसभा साजा के अंतर्गत आता है। हर साल यहां टमाटर का हाल ऐसा ही होता है।
मार्केट में 10 रुपए किलो बिक रहा टमाटर
मार्केट में टमाटर की खपत नहीं है। 10 से 12 रुपए प्रति किलो के हिसाब से मंडी में बेचे जा रहे हैं। स्थानीय टमाटर की आवक बढ़ने के बाद दुर्ग, धमधा, सुपेला, रायपुर के मंडियों में टमाटर की आवक अन्य राज्यों से बन्द हो गई है।