छत्तीसगढ़

अरब सागर से उठे चक्रवात ‘मोंथा’ का असर… ठंडी हवाएं, बूंदाबांदी और गीले खेतों ने रोकी फसल कटाई

आरंग : अरब सागर से उठे चक्रवात ‘मोंथा’ का असर आरंग लाखौली क्षेत्र में भी दिखा. गुरुवार को पूरे दिन आसमान में घने बादल छाए रहे, ठंडी हवाएं चलती रहीं और समय-समय पर बूंदाबांदी होती रही. मौसम के इस बदलते मिजाज ने खेतों में चल रही धान कटाई की रफ्तार पर ब्रेक लगा दिया है.

गुरुवार को सुबह से ही आसमान में घने बादल छाए रहे. इस दौरान बुधवार की रात रुक रुक हुई बूंदाबांदी गुरुवार देर शाम तक जारी रही. जिससे खेत व खलिहान गीले हो गए, जिसके कारण किसानों को मजबूरन धान की कटाई रोकनी पड़ी. कई किसानों का कहना है कि फसल अब पूरी तरह पक चुकी है, लेकिन जमीन गीली होने से कटाई मशीनें खेतों में नहीं उतर पा रहीं. ग्रामीण क्षेत्रों में कुछ किसानों ने हाथ से छूटपुट कटाई की कोशिश की, मगर लगातार नमी बने रहने से फसल को खेत में ही रचा (इकट्ठा) कर छोड़ना पड़ा.

इससे किसानों के चेहरे पर चिंता साफ झलक रही है. मौसम विभाग के अनुसार, चक्रवात मोंथा का असर अगले एक-दो दिन और बना रह सकता है. बादल और हल्की बारिश के चलते तापमान में गिरावट दर्ज की गई है. विभाग ने किसानों को सलाह दी है कि वे मौसम सामान्य होने तक कटाई के कार्य स्थगित रखें ताकि नुकसान से बचा जा सके. ग्रामीणों ने बताया कि 17 नवंबर के धान खरीदी शुरू होनी है, ऐसे में मौसम का यह रुख किसानों के लिए चिंता का विषय बन गया है.

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National Desk

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