ठेले खोमचे से शुरु किया क्राईम का कैरियर, जाने यूपी के दोनो तोमर भाईयों का पूरा सच

रायपुर। करणी सेना के छत्तीसगढ़ प्रदेश अध्यक्ष वीरेंद्र तोमर और उनके भाई हिस्ट्रीशीटर रोहित तोमर के आवासों पर क्राइम ब्रांच ने मंगलवार रात ताबड़तोड़ छापेमारी की। महिला पुलिसकर्मियों सहित 25 सदस्यीय टीम की यह कार्रवाई बीते कई घंटों से लगातार जारी है। अब तक की कार्रवाई में पुलिस ने कई करोड़ रुपये की नकदी, दो किलो सोना, दो पिस्टल, 20 जिंदा कारतूस, एक लग्जरी गाड़ी और जमीन से जुड़े महत्वपूर्ण दस्तावेज जब्त किए हैं।
तोमर के खिलाफ दर्ज केस में छापेमारी
यह कार्रवाई रोहित तोमर के खिलाफ दर्ज पुराने आपराधिक मामलों और आर्थिक गड़बडिय़ों की जांच के तहत की जा रही है। रोहित को स्थानीय पुलिस रिकॉर्ड में एक सक्रिय हिस्ट्रीशीटर बताया गया है। सुरक्षा कारणों को देखते हुए कार्रवाई के दौरान भारी पुलिस बल तैनात किया गया है। सूत्रों के अनुसार, यह छापा किसी बड़े आर्थिक और आपराधिक नेटवर्क से जुड़े सुराग सामने ला सकता है।
छापे के बाद फरार हुए दोनों भाई
क्राइम ब्रांच की ताबड़तोड़ छापेमारी के बाद करणी सेना के अध्यक्ष वीरेंद्र सिंह उर्फ रूबी तोमर और उनके भाई रोहित सिंह तोमर रायपुर छोडक़र फरार हो गए हैं। पुलिस के अनुसार, रोहित का मोबाइल बंद है और उसके साथ उसका निजी बाउंसर भी लापता है। दोनों की तलाश में पुलिस की कई टीमें दबिश दे रही हैं। दोनों भाइयों के खिलाफ रायपुर के अलग-अलग थानों में सूदखोरी, जबरन वसूली, मारपीट, जान से मारने की धमकी, अपहरण, और गोलीबारी जैसे 12 से अधिक संगीन मामले दर्ज हैं। वे कई बार जेल जा चुके हैं और फिलहाल जमानत पर बाहर थे, लेकिन जमानत के बावजूद आपराधिक गतिविधियों में सक्रिय रहे।
सर्च वारंट के साथ पहुंची थी पुलिस की टीम
पुलिस ने बताया कि थाना तेलीबांधा रायपुर में दर्ज मामले में रोहित सिंह तोमर की खोजबीन की जा रही है, लेकिन आरोपी का अब तक कुछ पता नहीं चला है। इसके बाद पुलिस ने न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी सिर्फ आरोपी के भाटागांव स्थित मकान का सर्च वारंट प्राप्त किया गया। पुलिस ने भाठागांव और ढेबर कालोनी के निकट स्थित तोमर बंधुओं के अलिशान मकान पर पर छापेमारी की। गत 4 जून 2025 को की गई इस कार्रवाई में पुलिस ने 70 तोला सोना, चांदी के जेवरात, 37 लाख नकद, अवैध हथियार, कारतूस, तीन लग्जरी गाड़ियां (जिनमें बीएमडब्ल्यू शामिल है) और संपत्तियों से संबंधित महत्वपूर्ण दस्तावेज भी बरामद किए। इसके अलावा, 5,000 वर्गफीट में फैली उनकी आलीशान कोठी ने भी जांच एजेंसियों को हैरान कर दिया। यह संपत्ति और वैभव उस समय और भी सवाल खड़े करता है जब यह सामने आया कि तोमर बंधु पहले सड़क किनारे अंडा ठेला लगाते थे।

अंडे के ठेले से करोड़ो तक का सफर
एक समय अंडे का ठेला लगाने वाले तोमर बंधुओं का करोड़ों की संपत्ति, बीएमडब्ल्यू जैसी लग्जरी गाड़ियां, 5,000 वर्गफीट की आलीशान कोठी, लाखों की नकदी, सोना, और अवैध हथियारों तक का सफर न केवल चौंकाता है, बल्कि यह भी दर्शाता है कि कुछ रसूखदार लोगों की मेहरबानी और प्रशासनिक लापरवाही ने इस आपराधिक गतिविधियों को पनपने का मौका दिया।
तोमर बंधुओं का आपराधिक इतिहास
वीरेंद्र सिंह तोमर और रोहित सिंह तोमर मूल रूप से उत्तर प्रदेश के रहने वाले हैं। रायपुर में पिछले कुछ वर्षों में दोनों भाई अपराध की दुनिया के बड़े चेहरों के रूप में उभरे हैं। दोनों भाइयों के खिलाफ मारपीट, ब्लैकमेलिंग, रंगदारी, और खारून नदी के घाट पर अवैध कब्जे जैसे गंभीर अपराधों के 10 से अधिक मामले दर्ज हैं। उनकी शुरुआत रेलवे स्टेशन पर पॉकेटमारी जैसे छोटे अपराधों से हुई थी, लेकिन धीरे-धीरे उन्होंने सूदखोरी, रंगदारी, और अवैध हथियारों के कारोबार में अपनी पकड़ मजबूत की।
अपराध जगत से ऐसे बनाया अकूत संपत्ति
छोटे स्तर के अपराधों से शुरूआत करने वाले इन भाइयों ने न केवल रायपुर में अपनी जड़ें जमाईं, बल्कि सूदखोरी और रंगदारी के जरिए करोड़ों की संपत्ति अर्जित की। उनकी आलीशान कोठी, महंगी गाड़ियां, और भारी मात्रा में नकदी और सोने की बरामदगी इस बात का सबूत है कि अपराध का उनका नेटवर्क कितना संगठित और व्यापक हो चुका था। यह सवाल उठता है कि इतने बड़े स्तर पर आपराधिक गतिविधियां चलाने के बावजूद वे इतने समय तक कानून की पकड़ से बाहर कैसे रहे?

पुलिस ने सिर मुंडवाकर निकाला था जुलूस
बता दें कि, एक साल पहले रायपुर के हाइपर क्लब गोलीकांड के बाद पुलिस ने आरोपियों का सिर आधा मुंडवा कर जुलूस निकाला था। इस घटना में रोहित तोमर, विकास अग्रवाल, सारंग मांधान और अमित तनेजा गिरफ्तार हुए थे। जुलूस निकालने के दौरान उनके कपड़े भी फटे हुए थे।

परिवार की महिलाओं पर भी दर्ज है कई केस
2006: आजाद चौक में कारोबारी पर चाकू से हमला
2010: गुढियारी में मारपीट और उगाही
2013: हत्या का मामला
2015: अप्राकृतिक कृत्य की रिपोर्ट
2016: मारपीट व धमकी (पुरानी बस्ती)
2017-2019 : सूदखोरी, ब्लैकमेलिंग, धोखाधड़ी, महिलाओं से मारपीट व धमकी इनके खिलाफ वीआईपी रोड, भाठागांव, कबीर नगर, कोतवाली, आजाद चौक, गुढियारी, अमलीडीह व हलवाई लाइन समेत कई थाना क्षेत्रों में मामले दर्ज हैं।
सामाजिक और प्रशासनिक संकट का प्रतीक
तोमर बंधुओं का मामला केवल एक आपराधिक घटना नहीं, बल्कि एक बड़े सामाजिक और प्रशासनिक संकट का प्रतीक है। अंडा ठेला लगाने से लेकर करोड़ों की संपत्ति तक का उनका सफर न केवल उनके अपराधों की गहराई को दर्शाता है, बल्कि यह भी सवाल उठाता है कि सिस्टम ने उन्हें इतना बेखौफ होने का मौका कैसे दिया? यह समय है कि छत्तीसगढ़ में कानून-व्यवस्था को और मजबूत किया जाए, ताकि अपराध की जड़ें और गहरी न हो सकें।