पहलगाम आतंकी हमले में रायपुर के दिनेश मीरानिया की मौत, रायपुर से सालगिरह मनाने गए थे कश्मीर

जम्मू कश्मीर के पहलगाम में मंगलवार को आतंकियों ने रायपुर के स्टील कारोबारी दिनेश मिरानिया की गोली मारकर हत्या कर दी। आतंकियों ने पत्नी, बेटे और बेटी के आंखों के सामने मारी है। पत्नी के चेहरे पर बारूद के छींटे पड़ें हैं, जिससे गहरा घाव हो गया। बच्चों को भी हल्की चोट है।
मिली जानकारी के मुताबिक दिनेश मिरानिया (45) को जिस दिन गोली मारी गई, उसी दिन उनकी शादी की सालगिरह थी। वह परिवार के साथ खुशियां मनाने बैसरन घाटी गए थे। वहां पत्नी नेहा, बेटा शौर्य और बेटी लक्षिता के साथ सेलीब्रेट कर रहे थे, तभी आतंकियों गोलियों से भून डाला।
परिवार के सदस्य रात में ही जम्मू के लिए रवाना हो गए थे। दिनेश का शव रायपुर लाया जाएगा। उनका अंतिम संस्कार रायपुर में किया जाएगा। परिवार में मातम पसर गया है। दोनों बच्चे भी डरे-सहमे हैं, किसी से बात करने की स्थिति में नहीं हैं।
दिनेश के चाचा के भाई मनीष सिंघानियां ने बताया कि रिश्तेदार के यहां भागवत कथा चल रही है। दिनेश को कथा में भी शामिल होना था। पूरा परिवार रविवार सुबह रवाना हुआ। रविवार को ही देर शाम जम्मू पहुंच गए थे। सोमवार को रिश्तेदार के घर पूजा में शामिल हुए।
उन्होंने बताया कि मंगलवार सुबह पुलवामा के बैसरन घाटी पहुंचे। वे बच्चों के साथ घूम रहे थे। दोपहर को आतंकियों ने घेरेबंदी की हमला कर दिया। पत्नी नेहा, बेटा शौर्य और बेटी लक्षिता के सामने ही उन्होंने दिनेश को गोली मारी। दिनेश को गंभीर हालत में सेना के अस्पताल ले जाया गया। उस समय तक हम सबको उम्मीद थी हमारा दिनेश बच जाएगा।
बच्चों को लेकर भागी, तब बची जान
नेहा मिरानिया उर्फ नेहा अग्रवाल ने ही पति की मौत की खबर रायपुर में अपने रिश्तेदारों को दी। नेहा ने रिश्तेदारों को फोन पर जो बताया उसके अनुसार… दोपहर में हम चारों बैसरन घाटी घूम रहे थे। अच्छा लोकेशन देखकर दिनेश बच्चों के साथ फोटो ले रहे थे।
वहां चारों ओर और भी कई लोग मौजूद थे, तभी घाटियों से हथियारों से लैंस आतंकी आए। पहले तो हम समझे नहीं वो कौन लोग हैं। करीब आते ही उन्होंने एकाएक हमला कर दिया। इस दौरान उन्होंने कुछ लोगों को नाम पूछा और गोली मार दी। वो सिर्फ पुरुषों को ही निशाना बना रहे थे।
हमले के दौरान वहां चीख पुकार और भगदड़ मच गई। इस बीच कुछ स्थानीय लोग सामने आए उन्होंने महिला और बच्चों को बचाया। उसी दौरान मुझे भी बच्चों के साथ भागने का मौका मिला, फिर हम वहां से सेना के कैंप में गए। जहां सभी को सुरक्षित रखा गया।
पत्नी को आई चोट
कारोबारी की पत्नी नेहा को चेहरे में गहरी चोट आई है। बच्चे भी जख्मी हुए हैं। नेहा के चेहरे में बारुद के छींटे पड़े हैं। मौत का मंजर देखने से सभी डरे-सहमे हैं। बच्चे तो फोन पर भी किसी से बात करने की स्थिति में नहीं है।
चार भाइयों में छोटे थे दिनेश मिरानिया
दिनेश का स्टील का कारोबार है। दिनेश चार भाइयों में सबसे छोटे थे। वह परिवार के साथ समता कॉलोनी में रहते थे। एक भाई की पहले ही मौत हो गई है। उसके 2 बड़े भाई हैं। यह परिवार मूलत: ओडिशा का रहने वाला है। कई साल पहले रायपुर आकर बस गया।
बेटा बेंगलुरु में पढ़ता है, छुट्टियां मनाने आया था
दिनेश का बेटा शौर्य बेंगलुरु में 12वीं की पढ़ाई कर रहा है, जबकि बेटी रायपुर में 9वीं कक्षा में पढ़ाई करती है। पत्नी नेहा गृहिणी है। अभी छुट्टियां चल रही हैं। इसी वजह से उसने औन पत्नी ने छुट्टियों में एक साथ घूमने जाने का प्लान बनाया था, लेकिन आतंकी हमले का शिकार हो गए।