हिरासत में मौत : बलरामपुर में फिर बवाल, पुलिसकर्मियों पर पथराव, कई घायल
बलरामपुर के कोतवाली थाना में चपरासी गुरुचंद मंडल की हिरासत में मौत के मामले में फिर से बड़ा बवाल हुआ है. आज पुलिस की कड़ी सुरक्षा व्यवस्था में मृतक के डेड बॉडी को अंतिम संस्कार के लिए ले जाया जा रहा था, तभी ग्रामीणों ने जोरदार विरोध जताया और पत्थरबाजी कर दी. इस हिंसा में एडिशनल एसपी निमिशा पांडे को चोट लगी है. वहीं पुलिस के अधिकारी मौके पर उग्र भीड़ को समझाइश देने में जुटे हुए हैं. घटनास्थल पर बड़ी संख्या में पुलिस के जवान तैनात हैं.
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— news36live (@news36live) October 25, 2024
इससे पहले परिजनों ने पीएम होने के बाद शव को लेने से इंकार कर दिया, परिजन अपनी मांगो के लेकेर हास्पिटल चौक पे धरने पे बैठ गए थे
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बता दे कि पुलिस कस्टडी में युवक की मौत के बाद बलरामपुर थाने में लोगों की भीड़ ने हमला बोल दिया। देर रात तक हंगामे के बाद थाने और एसपी कार्यालय के सामने एनएच पर चक्काजाम कर प्रदर्शन कर रहे लोगों की भीड़ को पुलिस ने हटाया। एसपी ने बलरामपुर थाना प्रभारी और आरक्षक को सस्पेंड कर दिया है। शहर में भारी पुलिस बल तैनात है।
घटना पर पूर्व सीएम भूपेश बघेल और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने x पर पोस्ट कर गृहमंत्री को हटाने की मांग की है। वहीं मृतक गुरुचरण मंडल के पिता शांति राम ने थाने से बाहर निकलकर कहा कि TI और SP साहब तीन दिनों से गुरुचरण से मारपीट कर रहे थे। इसलिए उसने फांसी लगा ली। ASP शैलेंद्र पांडेय ने इन आरोपों को खारिज किया है।
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ऐ है पूरा मामला
बलरामपुर थाने में गुरूवार को पूछताछ के लिए बुलाए गए स्वास्थ्य विभाग के प्यून गुरूचरण मंडल (30) ने लॉकअप के बाथरूम में फांसी लगा ली। थाने में गुरूचरण मंडल की मौत की सूचना लोगों को शाम को मिली तो हंगामा मच गया। लोगों ने थाने का घेराव कर जमकर हंगामा करते हुए थाने और पुलिस की गाड़ियों पर पथराव किया।
पुलिस ने भीड़ को तितर-बितर करने आंसू गैस के गोले छोड़े और लाठीचार्ज किया। सैकड़ों की संख्या में लोगों ने नेशनल हाइवे पर चक्काजाम कर दिया। वहीं घटना के बाद लोगों के आक्रोश को देखते हुए देर रात थाना प्रभारी प्रमोद रूसिया और कॉन्स्टेबल अजय यादव को निलंबित कर दिया गया है।
रामविचार नेताम ने की शांति बनाए रखने की अपील
बवाल के बाद कृषिमंत्री रामविचार नेताम ने वीडियो मैसेज जारी कर लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की है। नेताम ने कहा कि दोषी जो भी हो, उसके खिलाफ कार्रवाई होगी। सरकार आपकी है, लोग शांति बनाए रखें।
पुलिसिया कार्रवाई पर उठे सवाल
घटना के बाद आईजी अंकित गर्ग ने कहा कि कस्टडी में मौत के बाद मानवाधिकार आयोग के द्वारा जारी दिशा-निर्देशों का पालन किया जा रहा है। इस दावे के उलट बलरामपुर पुलिस ने सभी प्रोटोकॉल की अनदेखी की। दोपहर करीब दो बजे गुरूचरण मंडल को पूछताछ के लिए थाने में बुलाया। करीब 45 मिनट बाद उसने लॉकअप के बाथरूम में फांसी लगा ली। आरोप है कि वह पत्नी की गुमशुदगी के मामले में पुलिस द्वारा कई बार घंटों पूछताछ से डर गया था और डिप्रेशन में था।
युवक ने फांसी लगाई तो नियम के अनुसार फोरेंसिक जांच होनी चाहिए, लेकिन पुलिस ने शव को उतरवाकर हॉस्पिटल भेज दिया। हॉस्पिटल से ही गुरुचरण मंडल की मौत की जानकारी बाहर आई। लोगों को सूचना मिली तो वे थाने पहुंच गए। गुरूचरण मंडल के पिता शांति राम मंडल को पुलिस ने बुलाकर थाने के अंदर रखा। उसे लोगों से मिलने तक नहीं दिया गया। इससे लोग भड़क गए और आक्रोशित लोगों ने थाने पर हमला बोल दिया। रात 9 बजे हंगामे के बाद थाने से शांति राम मंडल को छोड़ा गया।
गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई, पति पर ही शक
बलरामपुर में एनएचएम कार्यालय में बतौर प्यून पदस्थ संतोषीनगर निवासी गुरुचरण मंडल की पत्नी रीना गिरी 29 सितंबर को लापता हो गई थी। गुरुचरण मंडल की पहली पत्नी उसे छोड़कर चली गई थी। पहली पत्नी से उसका एक बच्चा भी है। दूसरी पत्नी रीना गिरी के साथ गुरूचरण मंडल रह रहा था। गुरुचरण मंडल की दूसरी पत्नी रीना गिरी गायब हुई और वह नहीं मिली तो गुमशुदगी की रिपोर्ट 29 सितंबर को बलरामपुर थाने में दर्ज कराई गई थी। इसी मामले में पूछताछ के लिए बलरामपुर पुलिस उसे बार-बार बुलाकर घंटों पूछताछ कर रही थी।