छत्तीसगढ़

ग्राम पंचायतों में जनजातीय गौरव दिवस पर विशेष ग्राम सभा का आयोजन

भगवान बिरसा मुंडा की 150वीं जयंती पर आदिवासी संस्कृति और अधिकारों पर हुई चर्चा

नारायणपुर, 15 नवंबर 2024 // जनजातीय गौरव दिवस के अवसर पर जिले के 17 ग्राम पंचायतों बड़ेजम्हरी, बड़गांव, बागबेड़ा, बाकुलवाही, बेलगांव, बेनूर, बिंजली, छोटे डोंगर, देवगांव, गरांजी, हलामीमूंजमेटा, करलखा, पालकी, केरलापाल, दुग्गाबेंगाल, चंदागांव और महका ग्राम पंचायत में विशेष ग्राम सभा का आयोजन किया गया। माहका ग्राम

पंचायत में आयोजित सभा में 80 से अधिक ग्रामवासियों ने भाग लिया। यह दिन भारत के जनजातीय समुदाय की समृद्ध विरासत, संस्कृति और योगदान को सम्मानित करने के लिए समर्पित है। इस वर्ष का विशेष महत्व भगवान बिरसा मुंडा की 150वीं जयंती के रूप में है।

इस ऐतिहासिक अवसर को चिह्नित करने के लिए पंचायती राज मंत्रालय देशभर के जनजातीय बहुल पंचायतों में विशेष ग्राम सभाओं का आयोजन कर रहा है। इस ग्राम सभा का उद्देश्य “वन अधिकार अधिनियम” एवं “पेसा अधिनियम” के तहत ग्राम सभाओं की शक्तियों, अधिकारों और कार्यों से ग्रामवासियों को परिचित कराना था। साथ ही, भगवान बिरसा मुंडा के बलिदानों को स्मरण करते हुए आदिवासी समुदाय को उनके सपनों को साकार करने और नए भारत के निर्माण में योगदान देने के लिए प्रेरित करना भी इस सभा का प्रमुख उद्देश्य था।

माहका में कार्यक्रम की शुरुआत भगवान बिरसा मुंडा के जीवन पर आधारित रिकॉर्डिंग सुनाकर की गई। विशेष अतिथियों का स्वागत और सम्मान समारोह आयोजित किया गया। इसके बाद सरपंच और वरिष्ठ नागरिकों ने दीप प्रज्वलन किया। सरपंच रेनू कॉमेडी ने जनजातीय गौरव दिवस के महत्व और इस ग्राम सभा के उद्देश्यों पर प्रकाश डाला। इसी क्रम में, माहका ग्राम पंचायत की बस्तर ओलंपिक वॉलीबॉल प्रतियोगिता में द्वितीय स्थान प्राप्त करने वाले प्रतिभागियों को सम्मानित किया गया। सभापति मैनू राम कॉमेडी ने “संविधान की प्रस्तावना” का वाचन किया और नशामुक्ति एवं स्वच्छता पर शपथ दिलाई। इसके बाद व्यवहार न्यायालय से आए अधिवक्ता ने नशामुक्ति से संबंधित जानकारी दी। सभापति मैनू राम कॉमेडी ने पेसा अधिनियम और वन अधिकार अधिनियम की विस्तृत व्याख्या की। पीरामल फाउंडेशन की जिला लीडर वर्षा मिश्रा ने ग्राम पंचायत विकास योजना और सतत विकास लक्ष्य पर प्रशिक्षण दिया, जिसमें पंचायत के भविष्य की योजनाओं और विकास की संभावनाओं पर चर्चा हुई। पंचायत की प्रगति की समीक्षा पंचायत विकास सूचकांक के आधार पर की गई।

कार्यक्रम के अगले चरण में, पिछली ग्राम सभा के वार्षिक कार्य योजना में उठाए गए विषयों का पुनरावलोकन किया गया। सरपंच ने ग्रामवासियों के साथ मुद्दों पर चर्चा कर निर्णय लिए। ग्राम सभा का समापन राष्ट्रगान के साथ किया गया। कार्यक्रम को यादगार बनाने के लिए “एक पेड़ मां के नाम” अभियान के तहत 15 पौधे लगाए गए। उपस्थित सदस्यों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया। अंत में, सरपंच ने सभी का धन्यवाद करते हुए ग्राम पंचायत के समग्र विकास के प्रति अपनी प्रतिबद्धता व्यक्त की। जिले के 17 ग्राम पंचायतों में आयोजित इन ग्राम सभाओं में पीरामल फाउंडेशन, टीआरआईएफ और यंग फेलो के सदस्यों का सहयोग रहा। इन सभाओं में संबंधित ग्राम पंचायतों के नोडल अधिकारी, अध्यक्ष, सरपंच, सचिव, उप-सरपंच और पंच उपस्थित रहे।

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