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निजी विश्वविद्यालयों से NAAC रेटिंग दिलाने के नाम पर रिश्वत, छत्तीसगढ़ के साथ कई राज्यों के लोग शामिल

छत्तीसगढ़ सहित देश के अलग-अलग राज्यों के निजी विश्वविद्यालयों से NAAC रेटिंग दिलाने के नाम पर घुस लेने वाले गिरोह का CBI ने भंड़ाफोड़ किया है। पुलिस ने इस मामले में JNU दिल्ली के प्रोफेसर सहित 10 से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया है। घुस लेने वालों के गिरोह में छत्तीसगढ़ के साथ-साथ कई राज्यों के लोग शामिल है।

मिली जानकारी के अनुसार केंद्रीय जांच एजेंसी सीबीआई को सूचना मिली थी कि NAAC रेटिंग के नाम पर कुछ लोग देश के अलग-अलग राज्यों के निजी विश्वविद्यालयों से पैसे ले रहे थे। इसके बाद सीबीआई की टीम ने बिलासपुर, ओडिशा, चेन्नई, बैंगलौर समेत कई राज्यों में दबिश दी थी। इस दौरान पुलिस ने 10 से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया है। सीबीआई ने इन लोगों के कब्जे से 37 लाख रुपये नगदी समेत सोना, मोबाइल फोन और लैपटॉप जब्त किया है।

10 लोगों की गिरफ्तारी
जांच एजेंसी ने एनएएसी की रेटिंग में घोटाले का खुलासा करते हुए आंध्र प्रदेश में गुन्टूर के कोनेरु लक्ष्मैया एजुकेशन फाउंडेशन (केएलईएफ) के पदाधिकारियों और एनएएसी निरीक्षण टीम के सदस्यों समेत 10 लोगों को गिरफ्तार किया है।
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मामले में सीबीआई के अनुसार, यह शिक्षण संस्थान रिश्वत देकर ए++ रेटिंग हासिल करने की कोशिश कर रहा था। इस घोटाले में एनएएसी निरीक्षण टीम के अध्यक्ष और कई सदस्य भी शामिल पाए गए। सीबीआई ने आरोपियों के खिलाफ भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम और आईपीसी की धाराओं के तहत केस दर्ज किया है।

इन लोगों की हुई गिरफ्तारी
बात अगर गिरफ्तार आरोपियों की करें तो गिरफ्तार किए गए आरोपियों में केएलईएफ गुन्टूर के कुलपति जीपी सारधी वर्मा व उपाध्यक्ष कोनेरु राजा हरीन और केएल विश्वविद्यालय हैदराबाद के निदेशक ए रामकृष्ण को गिरफ्तार किया गया है। इसके अलावा एनएएसी निरीक्षण टीम के अध्यक्ष समरेन्द्र नाथ साहा, जेएनयू दिल्ली के प्रोफेसर और एनएएसी के समन्यवक राजीव सिजारिया, एनएएसी टीम के सदस्य व भारत इंस्टीट्यूट ऑफ लॉ के डी गोपाल, जागरण लेकसिटी यूनिवर्सिटी भोपाल के डीन राजेश सिंह पवार, जीएल बजाज इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी के निदेशक मानस कुमार मिश्रा, दावणगेरे यूनिवर्सिटी की प्रोफेसर गायत्री देवराजा और संबलपुर विश्वविद्यालय के प्रोफसर बुलु महाराणा की गिरफ्तारी हुई।

सीबीआई ने दी जानकारी
साथ ही मामले में सीबीआई ने जानकारी देते हुए बताया कि तलाशी के दौरान आरोपित शैक्षिक फाउंडेशन के पदाधिकारियों से एनएएसी निरीक्षण दल के सदस्य को नकद, सोना, मोबाइल फोन और लैपटॉप जैसे लाभ दिए गए थे। बता दें कि सीबीआई की जांच अभी भी जारी है।

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