कांग्रेस मना रही है बोरे बासी दिवस…तो भाजपा ने बताया राजनीतिक स्टंट और भ्रष्टाचार का जरिया

छत्तीसगढ़ में पिछली कांग्रेस की सरकार हर साल 1 मई को बोर-बासी दिवस सरकारी तौर पर मनाती रही है। कांग्रेस पार्टी ने इस साल भी 1 मई को बोर-बासी दिवस पार्टी के स्तर पर मनाने का ऐलान किया है। दुर्ग में पूर्व सीएम भूपेश बघेल ने आज संत विजय ऑडिटोरियम, भिलाई में विश्व श्रमिक दिवस के अवसर पर बोरे-बासी तिहार मनाया। इसी कड़ी में दीपक बैज ने भी बोरे-बासी का स्वाद लिया और X पोस्ट कर उन्होंने लिखा, “श्रम का सम्मान ही समाज की असली पहचान है!” बोरे-बासी न सिर्फ हमारे छत्तीसगढ़ की परंपरा है, बल्कि मेहनतकश श्रमिक साथियों के सम्मान की भावना भी है। आज बोरे-बासी ग्रहण कर श्रमिकों के श्रम, संस्कृति और संघर्ष को नमन किया गया। यह दिन याद दिलाता है कि समाज की असली शक्ति वे हाथ हैं जो ईंट, मिट्टी, पसीने और हौसले से देश का भविष्य गढ़ते हैं। बोरे-बासी खाकर हम उस मेहनत को नमन करते हैं, जो हर सुबह एक नया सपना साकार करने में लगी रहती है।
कब कितने पैसे बोरे-बासी में लगाए, जांच हो
बोरे-बासी दिवस को लेकर सियासी हलचल तेज हो गई है। भाजपा के वरिष्ठ विधायक अजय चंद्राकर ने इस आयोजन पर गंभीर सवाल खड़े करते हुए इसे राजनीतिक स्टंट और भ्रष्टाचार का जरिया करार दिया ,चंद्राकर ने कहा कि, बोरे-बासी दिवस के आयोजन के लिए पहले भी कई बार धन आवंटित किया गया है। यह जांच का विषय है कि, कांग्रेस सरकार ने वास्तव में कितनी बार यह दिवस मनाया और इसके लिए श्रम विभाग ने कितनी राशि खर्च की। सार्वजनिक धन का उपयोग कहां और कैसे हुआ, इसकी पूरी जानकारी जनता के सामने रखी जानी चाहिए। उन्होंने आरोप लगाया कि, भूपेश बघेल सरकार ने इस सांस्कृतिक प्रतीक को सिर्फ पैसे खाने और भ्रष्टाचार को बढ़ावा देने के लिए राजनीतिक रूप से इस्तेमाल किया।