छत्तीसगढ़बिलासपुर संभागरायपुर संभाग

हाईकोर्ट ने लगाई है रोक, फिर भी प्रमोशन के बाद प्राचार्यों को दी गई ज्वॉइनिंग, राज्य सरकार को कड़ी फटकार

छत्तीसगढ़ प्राचार्य प्रमोशन के विरुद्ध हाईकोर्ट में अलग-अलग कई याचिकाएं दायर की गई। इनमें एक मामला 2019 का है, जबकि दूसरा 2025 में बीएड-डीएलएड से जुड़ा है। हाईकोर्ट ने इस केस की सुनवाई 28 मार्च 2025 को हुई थी। सुनवाई के दौरान सरकार ने कोर्ट को विश्वास दिलाया था कि आगामी सुनवाई तक पदोन्नति के कोई आदेश जारी नहीं किए जाएंगे।

सूचना देर से मिलने की आड़ में प्रमोशन
कोर्ट को आश्वासन देने के बावजूद 30 अप्रैल को प्रमोशन सूची जारी कर दी गई। इस आदेश के दूसरे ही दिन एक मई को हाईकोर्ट ने प्रक्रिया पर रोक लगा दी। मगर, स्कूल शिक्षा विभाग ने जिलों को स्थगन आदेश की सूचना 2 मई को दी। सूचना देर से मिलने की आड़ लेकर प्रमोशन के बाद कुछ प्राचार्यों को ज्वॉइनिंग दे दी गई। कई व्याख्याताओं को नियम के विरुद्ध कार्यभार भी ग्रहण करा दिया गया।

राज्य सरकार को कड़ी फटकार
प्राचार्य प्रमोशन पर रोक के बाद भी ज्वॉइनिंग करवाए जाने के मामले में छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को कड़ी फटकार लगाई है। डिवीजन बेंच ने नाराजगी जताते हुए शासन और स्कूल शिक्षा विभाग से पूछा कि रोक के आदेश के बाद भी शिक्षकों को प्राचार्य पद पर कैसे जॉइन कराया गया? यह कृत्य अदालत के आदेश की अवमानना है। इसके बाद कोर्ट ने प्रमोशन को लेकर किसी भी प्रक्रिया पर अगली सुनवाई तक रोक लगा दी। मामले की अगली सुनवाई 9 जून को होगी।

कोर्ट ने ज्वॉइनिंग को किया अमान्य
न्यायाधीश रजनी दुबे और न्यायाधीश सचिन सिंह राजपूत की डिवीजन बेंच को याचिकाकर्ताओं ने जानकारी दी कि स्थगन आदेश के बाद पहले तो पदोन्नति के आदेश जारी कर दिए गए। अब तो पदोन्नति के बाद प्राचार्यों को जॉइन भी कराया जा रहा है। सुनवाई के दौरान डिवीजन बेंच ने सरकार से पूछा कि कितने शिक्षकों को प्राचार्य पदों पर जॉइन कराया गया है? साथ ही प्राचार्य के पदोन्नति पर रिपोर्ट प्रस्तुत करने का आदेश दिया। इसके बाद अगले आदेश तक सभी ज्वॉइनिंग अमान्य कर दिया।

सरकार ने कोर्ट को किया था आश्वस्त
छत्तीसगढ़ प्राचार्य प्रमोशन के विरुद्ध हाईकोर्ट में अलग-अलग कई याचिकाएं दायर की गई। इनमें एक मामला 2019 का है, जबकि दूसरा 2025 में बीएड-डीएलएड से जुड़ा है। हाईकोर्ट ने इस केस की सुनवाई 28 मार्च 2025 को हुई थी। सुनवाई के दौरान सरकार ने कोर्ट को विश्वास दिलाया था कि आगामी सुनवाई तक पदोन्नति के कोई आदेश जारी नहीं किए जाएंगे।

ख़बर को शेयर करें

news36Desk

news36 Desk में अनुभवी पत्रकारों और विषय विशेषज्ञों की पूरी एक टीम है जो देश दुनिया की हर खबर पर पैनी नजर बनाए रखते है जो आपके लिए लेकर आते है नवीनतम समाचार और शोधपरक लेख

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button