लाइफस्टाइल

एक साल से बड़े बच्चे को ज्यादा दूध पिलाना क्यों है खतरनाक? जानें 3 बड़ी हेल्थ प्रॉब्लम

अक्सर माता-पिता सोचते हैं कि बच्चे को जितना ज्यादा दूध पिलाया जाए, उसकी सेहत उतनी ही बेहतर होगी। लेकिन एक साल से बड़े बच्चे को ज्यादा दूध पिलाना उनके शरीर के लिए हानिकारक साबित हो सकता है। हेल्थ एक्सपर्ट्स के अनुसार, इस उम्र के बाद बच्चों को ठोस आहार के साथ संतुलित पोषण की जरूरत होती है, केवल दूध पर निर्भर रहना सही नहीं है।

1. आयरन की कमी (Iron Deficiency)

ज्यादा दूध पीने से बच्चों में आयरन की कमी होने लगती है। दूध में आयरन की मात्रा बहुत कम होती है, और जब बच्चा ज्यादा दूध पीता है तो वह दूसरे आयरन-युक्त फूड जैसे हरी सब्जियां, दाल या अनाज नहीं खाता। इससे एनीमिया का खतरा बढ़ जाता है।

डॉक्टर की सलाह:
दिन में दो बार से ज्यादा दूध न दें और बच्चे के आहार में पालक, दाल, सेब और अनाज जैसी चीजें शामिल करें।

 2. भूख न लगना (Loss of Appetite)

ज्यादा दूध पीने से बच्चे का पेट जल्दी भर जाता है, जिससे उसे भूख नहीं लगती। परिणामस्वरूप वह जरूरी पोषक तत्वों से वंचित रह जाता है, जो उसकी ग्रोथ और इम्यूनिटी के लिए बेहद जरूरी हैं।

एक्सपर्ट टिप:
दूध के बजाय बच्चे को ठोस आहार जैसे खिचड़ी, सूजी, दलिया और सब्जियां खिलाएं।

3. दांतों में सड़न और कैल्शियम असंतुलन (Tooth Decay & Calcium Imbalance)

लगातार दूध पीते रहने से दांतों में सड़न (Tooth Decay) की समस्या हो सकती है, खासकर अगर बच्चे सोने से पहले दूध पीते हैं। इसके अलावा, अधिक दूध शरीर में कैल्शियम असंतुलन पैदा कर सकता है, जिससे हड्डियों की ग्रोथ पर भी असर पड़ता है।

डेंटिस्ट की राय:
रात में दूध पिलाने के बाद बच्चे के दांत साफ कर दें और दिन में केवल दो बार ही दूध दें।

डॉक्टर क्या कहते हैं?

हेल्थ एक्सपर्ट्स के मुताबिक, 1 से 2 साल की उम्र के बीच बच्चे को दिन में केवल 400–500 ml दूध देना पर्याप्त है। इससे ज्यादा मात्रा से उसका आहार असंतुलित हो सकता है।

 माता-पिता के लिए जरूरी सलाह

  • दूध को संतुलित मात्रा में दें।
  • बच्चे के आहार में ठोस भोजन और फल शामिल करें।
  • डॉक्टर की सलाह के अनुसार ही सप्लीमेंट्स दें।
  • बच्चे के दांतों और पाचन पर ध्यान रखें।
ख़बर को शेयर करें

National Desk

National Desk में अनुभवी पत्रकारों और विषय विशेषज्ञों की पूरी एक टीम है जो देश दुनिया की हर खबर पर पैनी नजर बनाए रखते है जो आपके लिए लेकर आते है नवीनतम समाचार और शोधपरक लेख

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button