छत्तीसगढ़रायपुर संभाग

छत्तीसगढ़ में सेना के जवान ने घर में लगाया भगवा झंडा, मचा बवाल, मैदान में उतरी भाजयुमो

छत्तीसगढ़ के दुर्ग जिले के मचांदूर गांव में भगवा ध्वज फहराने को लेकर विवाद गहराता जा रहा है। आज भाजयुमो के दर्जनों कार्यकर्ता सेना के जवान कौशल निषाद के घर पहुंचे और घर की छत पर कई भगवा ध्वज फहराकर पीड़ित परिवार के साथ खड़े होने का आश्वासन दिया। वहीं किसी भी तरह का तनावपूर्ण माहौल न बने इसके लिए गांव में भारी पुलिस बल तैनात किया गया है।

पीड़ित पक्ष की ओर से आर्मीमेन कौशल निषाद की मां, नेहा निषाद ने कहा कि उन्होंने अपने बेटे को भारत माता को समर्पित किया है जो बॉर्डर पर देश के दुश्मनों से लोहा ले रहा है। लेकिन दुख की बात है कि उसी के अपने गांव में पुलिसकर्मियों द्वारा उसके साथ बदसलूकी की जा रही है। उन्होंने कहा कि जब तक दोषी पुलिसकर्मियों को बर्खास्त नहीं किया जाएगा वे शांत नहीं बैठेंगी। साथ ही उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि गांव में मुस्लिम समुदाय द्वारा अवैध कब्जे किए गए हैं जिनकी जांच कर कार्यवाही की जानी चाहिए। उन्होंने अपनी जान को खतरे में बताया है।

दरअसल 3 सितंबर को कौशल निषाद द्वारा अपने घर की छत पर भगवा झंडा फहराया जा रहा था तभी मचांदूर चौकी के दो आरक्षकों ने उन्हें झंडा लगाने से मना किया और उनके साथ गाली-गलौज भी की। सेना के अग्निवीर कौशल निषाद का आरोप है कि यह सब गांव के ही मुस्लिम समुदाय के दबाव में पुलिस द्वारा जानबूझकर कराया गया है। इस घटना की शिकायत उन्होंने बजरंग दल के कार्यकर्ताओं से की थी। बजरंग दल द्वारा सूचना दिए जाने के बाद भाजयुमो के प्रदेश अध्यक्ष राहुल टिकरिया के नेतृत्व में बड़ी संख्या में कार्यकर्ता मचांदूर गांव पहुंचे। उन्होंने कौशल निषाद और उनके परिवार को भरोसा दिलाया कि वे बिना किसी भय के अपने घर में झंडा फहरा सकते हैं और भाजयुमो उनके साथ खड़ा है। इस दौरान कार्यकर्ताओं ने कौशल निषाद के घर को भगवा ध्वजों से ढक दिया और घर के सामने हनुमान चालीसा का पाठ भी किया।

भाजयुमो प्रदेश अध्यक्ष राहुल टिकरिया ने कहा कि स्वयं गृह मंत्री विजय शर्मा ने उन्हें यह भगवा ध्वज सौंपा है जिसे उन्होंने कौशल निषाद के घर पर फहराया है। उन्होंने मांग की कि इस मामले में जो भी दोषी हैं उनके विरुद्ध कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए, ताकि सनातन आस्था के साथ खिलवाड़ न हो सके। टिकरिया ने आरोप लगाया कि यह घटना मुस्लिम परिवारों के दबाव में पुलिस द्वारा की गई है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस के शासन में भगवा झंडे का अपमान हुआ था और कांग्रेस के नेता कभी ऐसे मौकों पर सामने नहीं आए। लेकिन भाजपा की सरकार में कार्यकर्ता पीड़ित के साथ खड़े हैं। उन्होंने यह भी कहा कि मचांदूर गांव मुस्लिम बहुल नहीं है लेकिन जिस स्थान पर पीड़ित का घर है वहां मुस्लिम परिवारों की संख्या अधिक है। गांव में कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए दुर्ग पुलिस द्वारा कड़े सुरक्षा इंतज़ाम किए गए हैं।

इस पूरे मामले पर ग्रामीण एसपी अभिषेक झा ने बताया कि अभी तक किसी भी पक्ष की ओर से कोई लिखित शिकायत नहीं की गई है। पुलिसकर्मियों की लापरवाही को गंभीरता से लेते हुए एक आरक्षक को लाइन अटैच किया गया है, जो वीडियो में बदसलूकी करते हुए दिखाई दे रहा है। उसके खिलाफ विभागीय जांच शुरू कर दी गई है। वहीं जिस मुस्लिम युवक असलम द्वारा धमकाने की बात सामने आई है वह निगरानीशुदा बदमाश है और उसके खिलाफ भी कार्रवाई की तैयारी की जा रही है।

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