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दिवाली से पहले EPF नियमों में बड़ा बदलाव, निकासी होगी अब आसान

नई दिल्ली। दिवाली से पहले कर्मचारियों के लिए EPF (कर्मचारी भविष्य निधि) नियमों में बड़ा बदलाव किया गया है। सरकार ने आंशिक और पूर्ण निकासी के नियमों को सरल बनाते हुए खाताधारकों को अधिक सुविधा दी है। श्रम मंत्री मनसुख मांडविया की अध्यक्षता में हुई EPFO बैठक में लिए गए फैसलों को संगठन के इतिहास के सबसे बड़े सुधारों में से एक बताया जा रहा है।

सबसे बड़ा बदलाव यह है कि अब सदस्य अपने खाते में जमा पूरी राशि (कर्मचारी और नियोक्ता दोनों का योगदान) 100% तक निकाल सकते हैं। पहले 13 अलग-अलग श्रेणियों में निकासी के नियम थे, जिन्हें अब तीन मुख्य श्रेणियों में सरल किया गया है: आवश्यक जरूरतें (बीमारी, शिक्षा, विवाह), आवास और विशेष परिस्थितियां (जैसे महामारी या प्राकृतिक आपदा)।

शिक्षा और विवाह के लिए निकासी सीमा बढ़ाई गई है। अब सदस्य शिक्षा के लिए अपने बैलेंस का 10 गुना और विवाह के लिए 5 गुना तक निकाल सकते हैं। आंशिक निकासी की न्यूनतम सेवा अवधि अब 12 महीने कर दी गई है, जिससे नए कर्मचारियों को भी राहत मिल सकेगी।

सेवानिवृत्ति सुरक्षा के लिए एक नया नियम भी जोड़ा गया है, जिसके तहत खाते में कम से कम 25% राशि हमेशा बनी रहेगी। इससे कर्मचारियों को भविष्य में पर्याप्त बचत और 8.25% ब्याज का लाभ सुनिश्चित होगा।

निकासी प्रक्रिया पूरी डिजिटल और तेज कर दी गई है। दस्तावेज जमा करने की जरूरत नहीं, सभी दावे ऑनलाइन निपटेंगे और पैसे सीधे बैंक खाते में ट्रांसफर होंगे। EPF निकासी का समय अब 12 महीने और पेंशन के लिए 36 महीने तक बढ़ा दिया गया है।

विशेषज्ञों के अनुसार, यह सुधार न केवल खाताधारकों के लिए राहत देगा, बल्कि डिजिटल इंडिया और ईज ऑफ डूइंग बिजनेस पहल को भी मजबूत करेगा। दिवाली से पहले यह बदलाव करोड़ों कर्मचारियों के लिए किसी बोनस से कम नहीं हैं।

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Regional Desk

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