छत्तीसगढ़

बस्तर में 210 नक्सली हुए सरेंडर, AK-47 छोड़ थामा संविधान

बस्तर, जिसकी पहचान दशकों तक नक्सलवाद के लिए रही, आज बदलाव की ओर बढ़ रहा है। जंगलों और हिंसा से जुड़े इस क्षेत्र में अब मुख्यधारा में लौटने वाले नक्सलियों की खबरें एक नया अध्याय लिख रही हैं। जगदलपुर में 210 हथियारबंद नक्सलियों ने अपने हथियार छोड़कर संविधान की प्रति हाथ में थाम ली। इस सूची में 110 महिला नक्सलियों ने भी हिस्सा लिया।

सरेंडर करने वाले नक्सली रेड कार्पेट वेलकम के साथ सम्मानित किए गए। AK-47, इंसास राइफल और रॉकेट लॉन्चर जैसे हथियार छोड़ते हुए उन्होंने गुलाब और संविधान थामकर नया जीवन शुरू करने की प्रतिबद्धता जताई। यह कदम उत्तर बस्तर और अबूझमाड़ को नक्सलियों के आतंक से मुक्त करने में अहम साबित होगा।

देश के गृह मंत्री अमित शाह ने नक्सलियों को स्पष्ट संदेश दिया है कि आत्मसमर्पण करने वालों का स्वागत होगा, लेकिन हथियार उठाए रखने वालों के खिलाफ सुरक्षा बल कड़ी कार्रवाई करेंगे। पिछले 20 महीनों में छत्तीसगढ़ में 2100 नक्सली सरेंडर कर चुके हैं, जबकि 1785 को गिरफ्तार और 477 नक्सली मारे गए हैं। अमित शाह ने 31 मार्च 2026 तक नक्सलवाद पूरी तरह समाप्त करने का लक्ष्य रखा है।

बस्तर दशहरा में अमित शाह की मौजूदगी और स्थानीय लोगों से मुलाकात ने भी नक्सलवाद के अंत का संदेश दिया। इस बड़ी सफलता के साथ बस्तर और छत्तीसगढ़ के लोग अब उन बुनियादी सुविधाओं और विकास का लाभ उठाने के करीब हैं, जो लंबे समय से उनकी प्रतीक्षा कर रहे थे। बस्तर नक्सल सरेंडर इस क्षेत्र के लिए बदलाव और शांति की नई उम्मीद लेकर आया है।

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Regional Desk

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