अब छत्तीसगढ़ के शिक्षकों को एप पर भी ऑनलाइन दर्ज करनी होगी छात्रों की हाजिरी

छत्तीसगढ़ के सरकारी स्कूलों में अब छात्रों की हाजिरी ऑनलाइन भी दर्ज की जाएगी. शिक्षकों को अब सभी बच्चों की उपस्थिति रजिस्टर के साथ-साथ शिक्षण एप पर भी दर्ज करनी होगी. इसके लिए नया ऐप लॉन्च करके इसकी जानकारी राज्य के सभी जिला शिक्षा अधिकारियों को भेज दी गई है.
ये सिस्टम केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय द्वारा लागू किया जा रहा है. वहीं समग्र शिक्षा से इस बारे में सभी जिला शिक्षा अधिकारियों को अफसरों को निर्देश जारी किए गए है. बता दें कि, पांच जिलों में ये पायलट प्रोजेक्ट चल रहा है. अब शिक्षकों को छात्रों की ऑनलाइन अटेंडेंस अपडेट करने के निर्देश जारी किए गए हैं.
आमतौर पर सरकारी स्कूलों में बच्चों की उपस्थिति कम रहती है. जिसकी जानकारी मुख्यालय और विकासखंड शिक्षा अधिकारियों तक नहीं पहुंच पाती. वहीं इस नए सिस्टम से छात्रों की रोज की उपस्थिति का डेटा हर स्तर पर कभी भी चेक किया जा सकेगा. इससे शिक्षकों को भी ये चिंता रहेगी कि बच्चे अगर रोज कम आएंगे तो उन्हें जवाब देना होगा. ऐसे में वे गैरहाजिर बच्चे के परिजनों से फोन पर बात कर कारण जान सकेंगे और उन्हें प्रेरित करेंगे वे बच्चे को स्कूल भेजें.
इन ऐप में शिक्षक कर रहे एंट्री
सरकारी स्कूलों में शिक्षक पहले से ही करीब आधा दर्जन एप में ऑनलाइन एंट्री कर रहे हैं. वहीं अब उन्हें ये नई जिम्मेदारी सौंप दी गई है.
हरिहर पाठशाला : हर माह पौधे लगाने और उनकी देखरेख का वीडियो.
विनोबा एप: कक्षा पहली से 11वीं तक हर माह के टेस्ट की जानकारी स्कूल की अन्य गतिविधियों का विवरण.
गूगल शीट : शिक्षकों के मोबाइल पर इसका लिंक आता है. इसमें वे 10-12वीं के छात्रों के यूनिट टेस्ट का विवरण भरते हैं. जिसकी समीक्षा कलेक्टर करते हैं.
दीक्षा एप : ऑनलाइन एप में शिक्षकों का प्रशिक्षण और लिया जाता है टेस्ट.
अपार आईडी : स्कूल में अभी हर बच्चे की अपार आईडी बनाई जा रही. इसके लिए व्यक्तिगत जानकारी अपलोड की जा रही.
एमडीएम : ऑनलाइन एप में रोज मध्यान्ह भोजन की जानकारी. कितने बच्चे आए.
अवकाश : छुट्टी के लिए शिक्षकों को ऑनलाइन करना पड़ता है आवेदन. शिक्षक प्रधान पाठक या प्राचार्य ऑनलाइन ही करते हैं स्वीकृत
जादुई पिटारा : स्कूलों में दिए गए जादुई पिटारा में कोर्स मटेरियल होता है. उसकी जानकारी हर माह की जाताी है अपलोड
टीबीसी बुक : बच्चों को बांटी जाने वाली एक-एक पुस्तक को करना पड़ता है स्कैन





