जाने पुलिस रिमांड में सूदखोर विरेंद्र तोमर ने क्या क्या खोले राज !….जानकर उड़ जाऐंगे होश

रायपुर – पुलिस रिमांड में हिस्ट्रीशीटर सूदखोर विरेंद्र तोमर एक के बाद एक राज खोल रहा है। उसने पूछताछ में पुलिस को बताया है कि वह और उसका भाई ठाट-बाट का जीवन जीना चाहता था। अंडा ठेला की दुकान लगाने से वह सिर्फ दो समय की रोटी के लिए ही पैसे कमा पा रहा था। इससे उसके परिवार की आर्थिक स्थिति बहुत खराब थी। एक-एक रुपए के लिए उन्हें मोहताज होना पड़ता था। इस तरह उसका पूरा परिवार एक संघर्षपूर्ण जीवन जी रहा था। इसे दूर करने तथा ठाट-बाट का जीवन जीने के लिए उसने ऐसे लोगों से संगती की, जिनका काम ही सूदखोरी एवं गुंडागर्दी था।
इस संगती से उसके पास भी तेजी से पैसे आने लगे, जिससे उनकी आर्थिक स्थिति भी सुधरने लगी। सूदखोरी से पैसों की बरसात होती देख उसने इस धंधे को आगे बढ़ाते हुए इसमें अपने भाई को भी शामिल किया। इस तरह दोनों इस सूदखोरी के धंधे में पूरी तरह से लिप्त होकर लोगों को उधार पैसे देते और फिर वसूली के लिए गुंडागर्दी कर प्रॉपर्टी, गहने, वाहन आदि को कब्जे में लेकर हर महीने पैसों की उगाही किया करते थे।
कई राजनेताओं और कारोबारियों के पैसे ब्याज पर चलाए जाने की संभावना पुलिस को संदेह है कि, तोमर बंधू ने कई कारोबारियों के साथ राजनेताओं के काले धन को भी ब्याज के धंधे में लगाया है। इन पैसों के एवज में वह हर महीने उधार लिए लोगों से वसूली किया करता था। पुलिस इसके बारे में लगातार तोमर से पूछताछ कर रही है।

परिवार चलाने के लिए किया संघर्ष
विरेंद्र तोमर ने पूछताछ में पुलिस को बताया कि अंडे का ठेला लगाने पर दो वक्त की रोटी भी मुश्किल से मिलती थी। परिवार की हालत खराब थी और अक्सर पैसों के लिए मोहताज होना पड़ता था। इसी तंगी और गरीबी के दौर में ठाट-बाट की जिंदगी जीने की इच्छा ने अपराध की दुनिया में कदम रखने को मजबूर कर दिया।
अवैध सूदखोरी से मिली आर्थिक मजबूती
विरेंद्र ने ऐसे लोगों से दोस्ती की जो सूदखोरी और गुंडागर्दी के लिए कुख्यात थे। धीरे-धीरे पैसे आने लगे और विरेंद्र ने अपने भाई को भी इस कारोबार में शामिल कर लिया। दोनों भाई मिलकर लोगों को ऊँचे ब्याज पर पैसे देते और वसूली के लिए धमकी-गुंडागर्दी करते। प्रॉपर्टी, गहने और वाहन तक कब्जा कर हर माह उधारी राशि की वसूली की जाती थी।
राजनीतिक और कारोबारी कनेक्शन की जांच
पुलिस को संदेह है कि तोमर बंधुओं ने कई बड़े कारोबारियों और राजनेताओं के काले धन को सूद के कारोबार में लगाया। हर महीने “रिटर्न” के लिए उधार लेने वालों पर दबाव बनाया जाता था। फिलहाल पुलिस लगातार पूछताछ कर और नए राज उजागर कर रही है।
दो महीने से भाई से संपर्क नहीं
टिकरापारा थाना के सीएसपी के अनुसार, विरेंद्र के फरार होने के बाद दोनों भाई अलग हो गए थे। करीब दो महीने से रोहित से संपर्क नहीं हुआ है, हालांकि पुलिस को विरेंद्र के बयान पर संदेह है। जांच के लिए मोबाइल नंबरों की ट्रैकिंग की जा रही है।
मिल थे नकदी, गहने और दस्तावेज
भाठागांव के बंगले में छापेमारी के दौरान पुलिस ने नकदी, गहनों और प्रॉपर्टी के दस्तावेज जब्त किए। इससे यह स्पष्ट होता है कि अवैध सूदखोरी से संपत्ति अर्जित की गई है। पुलिस अब इसकी पूरी पड़ताल कर रही है।
अवैध हथियार भी बरामद
पुलिस ने तोमर के निवास से अवैध रिवाल्वर, कारतूस भी बरामद किए हैं। इनका स्रोत जानने के लिए पूछताछ जारी है। पुलिस ने ग्वालियर से गिरफ्तार कर रायपुर लाकर 14 नवंबर तक रिमांड पर लिया है।






