छत्तीसगढ़रायपुर संभाग

छत्तीसगढ़ विधानसभा शीतकालीन सत्र में हंगामा : नेशनल हेराल्ड पर कांग्रेस का प्रदर्शन,विपक्षी सदस्यों के व्यवहार की आसंदी ने की निंदा

छत्तीसगढ़ विधानसभा के शीतकालीन सत्र के आखिरी दिन नेशनल हेराल्ड मामले को लेकर कांग्रेस विधायकों ने जोरदार हंगामा किया और केंद्रीय जांच एजेंसियों के दुरुपयोग के आरोप लगाए। सत्ता पक्ष ने इन आरोपों को खारिज करते हुए वंदे मातरम के नारों के साथ जवाब दिया, जिसके बीच सदन की कार्यवाही दो बार 10-10 मिनट के लिए स्थगित करनी पड़ी।​

सदन में नेशनल हेराल्ड पर टकराव

सदन की कार्यवाही शुरू होते ही कांग्रेस विधायकों ने सत्यमेव जयते लिखी तख्तियां लेकर नेशनल हेराल्ड मामले के विरोध में नारेबाजी शुरू कर दी। स्पीकर ने तख्तियों के साथ सदन में बैठने की अनुमति नहीं दी, जिसके बाद विपक्ष लगातार नारेबाजी करता रहा और माहौल गरमा गया।​

नेता प्रतिपक्ष भूपेश बघेल ने केंद्र सरकार पर जांच एजेंसियों के दुरुपयोग का आरोप लगाते हुए कहा कि विपक्षी नेताओं को निशाना बनाया जा रहा है। मंत्री अजय चंद्राकर ने इन आरोपों को बेबुनियाद बताते हुए कड़ी आपत्ति दर्ज की और कहा कि एजेंसियां कानून के दायरे में काम कर रही हैं।​

नारेबाजी, वंदे मातरम और स्पीकर की नाराजगी

कांग्रेस सदस्यों ने सदन में सत्यमेव जयते के नारे लगाए, जिसके जवाब में सत्ता पक्ष के विधायकों ने वंदे मातरम के नारे लगाकर जवाब दिया। दोनों पक्षों की तीखी नोकझोंक के बीच विपक्ष ने जांच एजेंसियों के कथित दुरुपयोग पर स्थगन प्रस्ताव भी लाया, जिसे आसंदी ने स्वीकार नहीं किया।​

लगातार हंगामे और प्रश्नकाल बाधित होने पर स्पीकर डॉ. रमन सिंह ने विपक्षी सदस्यों के व्यवहार को अमर्यादित बताते हुए कड़ी नाराजगी जताई। उन्होंने कहा कि लोकहित के मुद्दों पर चर्चा के बजाय सदन की कार्यवाही बाधित करना संसदीय परंपराओं के खिलाफ है और ऐसे आचरण की पुनरावृत्ति नहीं होनी चाहिए।​

कार्यवाही को बाधित करना निंदनीय -स्पीकर डॉ. रमन सिंह

छत्तीसगढ़ विधानसभा शीतकालीन सत्र के चौथे दिन प्रश्नकाल की कार्यवाही बाधित होने पर स्पीकर डॉ. रमन सिंह ने नाराजगी जताई. उन्होंने विपक्षी सदस्यों के अनुचित व्यवहार की निंदा की, स्पीकर डॉ. रमन सिंह ने कहा कि कांग्रेस विधायकों के सीने पर पोस्टर लगाकर आने पर सत्तापक्ष के विधायकों की आपत्ति के बीच कहा कि लोक हित से जुड़े विषयों पर कार्यवाही को बाधित करना निंदनीय है. विपक्षी सदस्य सदन की कार्यवाही के जानकार हैं, बावजूद उन्होंने जो किया वह अमर्यादित है, मैं आगे उनके विवेक पर छोड़ता हूं.

35,000 करोड़ का सप्लीमेंट्री बजट

शीतकालीन सत्र के तीसरे दिन वित्त मंत्री ओपी चौधरी ने 35 हजार करोड़ रुपए का सप्लीमेंट्री बजट सदन में पेश किया। वित्तीय वर्ष समाप्त होने से तीन महीने पहले लाए गए इस बड़े अनुपूरक बजट पर सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच जोरदार बहस हुई।​

वित्त मंत्री ने कहा कि इस बजट से राज्य के विकास कार्यों को गति मिलेगी और कई महत्वपूर्ण योजनाओं को संसाधन मिलेंगे। मंत्री अजय चंद्राकर ने इसे छत्तीसगढ़ के इतिहास का सबसे बड़ा सप्लीमेंट्री बजट बताते हुए पूर्ववर्ती भूपेश बघेल सरकार पर राजस्व व्यय बढ़ाने और धान खरीदी को राजनीतिक मुद्दा बनाने का आरोप लगाया।​

कांग्रेस के सवाल और रोजगार–किसान मुद्दे

कांग्रेस विधायक राघवेंद्र सिंह ने कहा कि छत्तीसगढ़ लगातार कर्ज के बोझ तले दबता जा रहा है और ऐसे समय में 35 हजार करोड़ के अनुपूरक बजट का औचित्य स्पष्ट नहीं है। उन्होंने आरोप लगाया कि बजट में कोई स्पष्ट विजन नहीं दिखता और सरकार इवेंट मैनेजमेंट पर ज्यादा फोकस कर रही है।​

राघवेंद्र सिंह ने महतारी वंदन योजना के तहत महिलाओं को दिए जा रहे एक हजार रुपए के बावजूद बिजली बिल के नाम पर ज्यादा वसूली का मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा कि नई भर्तियां, नियमितीकरण, किसानों को समय पर भुगतान, सड़कों के सुधार, आदिवासी, युवा और महिलाओं के विकास के लिए स्पष्ट लक्ष्य तय कर ठोस काम की जरूरत है।

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news36Desk

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