राज्य स्कूल मानक प्राधिकरण देगा अब छत्तीसगढ़ में स्कूलों को मान्यता

छत्तीसगढ़ में स्कूलों की मान्यता को लेकर बड़ा बदलाव होने जा रहा है। अब जिला शिक्षा अधिकारी (DEO) और माध्यमिक शिक्षा मंडल (माशिमं) के पास स्कूल मान्यता देने का अधिकार नहीं रहेगा। राज्य सरकार जल्द ही एक स्वतंत्र “राज्य स्कूल मानक प्राधिकरण” का गठन करने वाली है, जो पूरे प्रदेश में सभी निजी स्कूलों की मान्यता से जुड़े फैसले लेगा।
राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत प्रस्तावित इस बदलाव के बाद पहली से बारहवीं कक्षा तक स्कूल संचालन की मान्यता प्राधिकरण के अंतर्गत आ जाएगी। अभी तक पहली से आठवीं तक की मान्यता DEO और नवमीं से बारहवीं तक की मान्यता माशिमं द्वारा दी जाती थी। अब मान्यता से जुड़ी शर्तें और दंड का निर्धारण भी यही प्राधिकरण करेगा।
बताया गया है कि इस प्रस्ताव को स्कूल शिक्षा सचिव के पास भेज दिया गया है, हालांकि यह स्पष्ट नहीं है कि प्राधिकरण स्कूल शिक्षा विभाग के तहत होगा या पूरी तरह स्वतंत्र संस्था के रूप में काम करेगा। इसमें सदस्य के रूप में रिटायर जज, शिक्षाविद या समकक्ष योग्य व्यक्ति शामिल किए जाएंगे, न कि सरकारी अधिकारी।
निजी स्कूल संगठन ने भी मांग की है कि यह प्राधिकरण पूरी तरह स्वतंत्र बॉडी हो, जिससे नियुक्तियां निष्पक्ष रहें और उद्देश्य सही दिशा में पूरे किए जा सकें।
गौरतलब है कि देशभर में इस व्यवस्था को लागू किया जा रहा है। महाराष्ट्र में यह लागू हो चुका है और अन्य राज्यों में भी प्रक्रिया चल रही है। छत्तीसगढ़ में हाल ही 29-30 सितंबर को इससे संबंधित कार्यशाला आयोजित हुई थी, जिसमें महाराष्ट्र के मॉडल को प्रस्तुत किया गया था। अधिकारियों ने बताया कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत स्कूल शिक्षा की गुणवत्ता सुधारने और सुशासन सुनिश्चित करने के लिए यह कदम जरूरी माना गया है।






