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किसानों के घाव का मरहम बन रहा सरसों की खेती : सरसों ने ओढ़ी पीली चादर, खेतों पर छाई बसंत की बहार, लहलहा रही पीला सोना

केशव पाल @ तिल्दा-नेवरा | रोमांचित सी लगती वसुधा,आई जौं गेहूं में बाली…उड़ती भीनी तैलाक्त गंध,फूली सरसों पीली-पीली…कवि सुमित्रानंदन पंत की ये पंक्तियां खेतों में लहलहा रही सरसों की फूलों को देख जहन में बरबस ही उतर आता है। अंचल के खेतों में पीली फूलों से खिली सरसों की फसल इन दिनों राहगीरों को खूब लुभा रहा है। सर्दियों के साथ ही खेतों में सरसों के फूलों की पीली चादर बासंती छटा बिखेरने लगी है। चारों तरफ हरियाली के ऊपर पीले फूलों की चादर बिछी है। सरसों की फसल से धानी चुनर पहने हरितमा सुशोभित गुलजार दिख रही है। वहीं पौधों के पंखुड़ियों में हरी पत्तियां व उसके ऊपर खिले पीले-पीले फूल लोगों की नजरें ठिठका रही है। इसके साथ ही इलाके में कोयल का कूकना, चिड़ियों का चहकना व भौरों का गुनगुनाना भी शुरू हो गया है। सरसों की सुंदरता देख राहगीर फोटोग्राफी के लिए भी खेतों में जा रहे है। गौरतलब है कि पिछले कुछ सालों से क्षेत्र में सरसों की फसल का रकबा लगातार बढ़ रहा है। इन दिनों क्षेत्र के किसान सरसों की पैदावार अतिरिक्त आय के रूप में कर रहे हैं। किसानों के खेतों में लहलहा रही पीला सोना अतिरिक्त आय का जरिया बन रहा है। क्षेत्र में पहले किसान सरसों का उत्पादन सीमित मात्रा में सिर्फ भाजी के लिए करते थे,अब बड़े पैमाने पर सरसों की खेती शुरू कर दी गई है। सरसों की खेती कर रहे किसान अब सिर्फ भाजी बेचकर आमदनी नहीं कर रहे बल्कि गांव में सरसों से तेल भी निकाला जा रहा है। अंचल के किसानों ने बताया कि वे पहले सिर्फ बारिश पर आधारित फसल की ही पैदावार करते थे। लेकिन अल्पवर्षा और अतिवर्षा से फसलें प्रभावित होती रही है ऐसी स्थिति में सरसों की फसल विकल्प के रूप में किसानों के घाव की मरहम बन रही है।

प्रकृति के सौंदर्य में निखार

इस समय प्रकृति के सौंदर्य में निखार दिखने लगा है। वृक्षों के पुराने पत्ते झड़कर उनमें नए-नए गुलाबी रंग के पल्लव मन को मुग्ध कर रहे हैं। बसंत ऋतु का प्रकृति, साहित्य व मानव जीवन में विशेष महत्व है। बसंत का मौसम प्रत्येक प्राणी को आकर्षित करता है, उसके आगमन का संदेश सरसों के खेतों में फूले पीले फूल दे रहें हैं।

किसानों के घाव का मरहम बन रहा सरसों की खेती

रबी फसल के सीजन में सरसों की फसल ले रहे अंचल के किसानों का कहना है कि अब सरसों में फूल भी निकल आए हैं। लहलहाती फसल देखकर उन्हें इस बार अच्छी पैदावार की उम्मीद है। सरसों की खेती उनके लिए अतिरिक्त आय का जरिया बन रहा है। क्योंकि इससे अच्छी आमदनी हो जाती है। कई किसान सरसों का तेल खुद तैयार कर बाजार में बेचते हैं। खासकर जब से धान की फसलें प्रभावित होने लगी तब से किसान सरसों की फसलों की ओर अधिक आकर्षित हुए है और इनकी फसल लेना शुरू कर दिए। तिलहन फसलों में सरसों की खेती कम लागत में अधिक मुनाफा कमाने का एक बेहतर माध्यम बना है।

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