स्टोन क्रेशर के धूल से राहगीर परेशान,दुर्घटना की बनी रहती है आशंका
बिलासपुर – मस्तूरी क्षेत्र में तकरीबन 25 स्टोन केशर और माईन्स है। जिनमे से कई ऐसे क्रेशर है जो नियमो को दरकिनार कर संचालित हो रही है। लिहाज आम जनता परेशान हो रही है। दरसल मस्तूरी से जयरामनगर मेन रोड पर स्थित तुलाराम स्टोन क्रेशर,शर्मा स्टोन क्रेशर उद्योग और बजरंग मिनरल्स मेन रोड के इतने नजदीक है कि क्रेशर से निकलने वाली डस्ट सीधे रोड तक पहुँचता है। क्रेशर से निकलने वाली डस्ट की गुब्बार इतना ज्यादा होता है की पास के आने जाने वाले लोग नही दिख पाते है लिहाजा लोग दुर्घटना के शिकार हो जाते है और जबरन मौत के मुह में समा जाते है।
नियम की अगर बात करे तो क्रेशर से धूल को रोकने के लिए पानी का छिड़काव करना होता है या फिर क्रेशर को कवर करना होता जिससे निकलने वाली डस्ट बाहर न जा सके लेकिन यहां ऐसा नही है। संचालकों की मनमानी की वजह से लोग डस्ट के गुब्बार को खा ही रहे है साथ ही लोग दुर्घटना के शिकार भी हो रहे है।
नियम के विरुद्ध होने के बाद भी कोई कार्यवाही नही
तीनो क्रेशर संचालकों की मनमानी इतनी है कि लगातार नियम को अनदेखी कर क्रेशर को संचालित किया जा रहा है। इनकी मनमानी के बाद भी वही खनिज विभाग और पर्यावरण विभाग इन पर कार्यवाही नही कर पा रही है। कार्यवाही नही होने से साफ पता चलता है कि मामले की जानकारी के बाद भी संचालकों पर अब तक कोई कार्यवाही नही हो रही है।
संचालक द्वारा भेजे आदेश के प्रति से कई सवाल उठ रहे
इस खबर को लेकर पूछे जवाब पर खदान संचालक के द्वारा भेजे जवाब से पता चलता है कि खदान राष्ट्रीय राजमार्ग या राजमार्ग 200 मीटर की दूरी के अंदर नहीं होना चाहिए लेकिन 20 मीटर की दूरी पर एमडीआर सड़क लगा हुआ है। जिसे खनिज विभाग के द्वारा जारी आदेश में पककी सड़क दिखाया गया है जिसे स्टेट हाइवे में तबदील किया जाना है। जो कि जारी लीज आदेश से पहले ही यह सड़क बन चुका है। फिर भी चूनापत्थर उत्खनिपट्टा दे दिया गया है।