छह जिलों में सत्र न्यायालय एवं जिला का बढ़ा कार्यक्षेत्र
बिलासपुर: विधि विधायी विभाग ने छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट के अनुशंसा के बाद प्रदेश के छह जिला एवं सत्र न्यायालय के कार्यक्षेत्र में बढ़ोतरी कर दी है। बिलासपुर, रायगढ़, जांजगीर-चांपा, कोरिया, दक्षिण बस्तर व राजनादगांव जिला एवं सत्र न्यायालय में नए राजस्व जिलों को शामिल कर दिया है। नए राजस्व जिलों के शामिल होने से जिला एवं सत्र न्यायालय का कार्यक्षेत्र भी बढ़ गया है। इसके साथ ही न्यायदान को लेकर भी इनके सामने चुनौती आयेगी।
राज्य शासन ने जहां नए जिलों का गठन किया है उसे राजस्व जिला का दर्जा दे दिया है। राजस्व जिला बनाने के साथ ही कलेक्टोरेट सहित विभिन्न विभागों की स्थापना और उसके अनुसार सेटअप भी तय कर दिया है। नए जिलों में कामकाज प्रारंभ हो गया है। राजस्व जिले के गठन और कलेक्टरों की पदस्थापना के बाद भी मामले मुकदमों की सुनवाई जिला मुख्यालय स्थित जिला एवं सत्र न्यायालय में ही किया जा रहा है। छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट की अनुशंसा के बाद विधि विधायी विभाग ने अब नए राजस्व जिलों को जिला एवं सत्र न्यायालय में शामिल करते हुए इसे सत्र जिला नाम दिया है।
अब नए जिलों के मामलों की सुनवाई संबंधित जिला एवं सत्र न्यायालयों में होगी। विधि एवं विधायी विभाग के अधिसूचना और राजस्व जिलों को जिला एवं सत्र न्यायालयों में समाहित करने के पीछे की मंशा नए जिलों में जिला एवं सत्र न्यायालय का गठन फिलहाल नहीं किया जायेगा।