छत्तीसगढ़ी भाषा के क्षेत्र में कल होगा एक नए अध्याय का आगाज़, छत्तीसकोश एप राजधानी में होगा लांच
रायपुर : भाषा अभिव्यक्ति का सशक्त माध्यम होता है।छत्तीसगढ़ में बोले जानी वाली छत्तीसगढ़ी भाषा की अपनी सुंदरता है।यहां की संस्कृति की छवि छत्तीसगढ़ी भाषा मे स्पष्ट दिखाई देती है।छत्तीसगढ़ की जन जन की भाषा को नार्थ अमेरिका छत्तीसगढ़ एसोसिएशन- एनआरआई एसोसिएशन छत्तीसगढ़ (नाचा) ने छत्तीसकोश एप के माध्यम से एक नई पहचान दी है।जिसका विधिवत शुभारंभ 10 जून को राजधानी रायपुर में की जाएगी।प्रदेश के अलावा पूरी दुनिया मे चाहे किसी भी कोने में हो Chhattikosh एप को डाऊनलोड करके छत्तीसगढ़ी सीखी जा सकती है।
छत्तीसगढ़ की आबादी लगभग 3 करोड़ है।छत्तीसगढ़ी भाषा 70% लोग ही बोल पाते है बाकी 30% लोगो को यह भाषा सीखने के लिए डिजिटल एप लाभप्रद होगा। छत्तीसगढ़ के रहने वाले लोग देश के अलग अलग राज्यो के अलावा विदेशों में बड़ी संख्या में निवासरत है।वही विद्यार्थियों और साहित्यकारों के लिए भी Chhattiskosh एप सुविधाजनक होगी।प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करने वाले छात्र/छात्राओं को तैयारी करने के लिए आसानी होगी।
इस एप के माध्यम से पूर्णतः छत्तीसगढ़ी भाषा को डिजिटिलाइज किया गया है।प्रदेश का संभवत पहला प्रयास जिसमें लोकल भाषा की संस्कृति,साहित्य, व्याकरण,सभी प्रकार की लोक कला को एनआरआई संगठन संग्रहित कर डिजिटल रूप दिया गया है एप में अनुवाद की सुविधा भी रहेगी ।
नार्थ अमेरिका छत्तीसगढ़ एसोसिएशन-एनआरआई एसोसिएशन (नाचा) ने छत्तीसगढ़ी बोली और संस्कृति को बढ़ावा देने की पहल की है। एसोसिएशन ने छत्तीसकोश एप डिजाइन किया हैं जिसमें छत्तीसगढ़ी के शब्दों को अंग्रेजी में और अंग्रेजी के शब्दों को छत्तीसगढ़ी में ट्रांसलेट किया जा सकेगा। इसमें शुरुआत में 25 हजार शब्दों काे ट्रांसलेट कर सकेंगे।
एप में छत्तीसगढ़ी साहित्य कारों की मूल कृति को पढ़ने की सुविधा रहेगी ।
सभी साहित्यकार आदरणीय सुरेंद्र दूबे , सुधीर शर्मा , सुशील भोले, रामनाथ साहू,परदेसी राम वर्मा , शोभामोहन श्रीवास्तव , मोहन श्रीवास्तव अरुण कुमार निगम, तुलसी तिवारी, सविता पाठक, सरला शर्मा,गीता त्रिपाठी, अमिता रवि दूबे, दीपाली ठाकुर, सुमित्रा कमाडिया, आशा देशमुख, अनिल भतपहरी, आशीष सिंग, शिव कुमार पांडेय, रुद्रनारायण पाणिग्राही, गीतेश अमरोहित इन सभी साहित्यकारों के हमारे Chhattiskosh एप में पब्लिकेशन रहेंगे।विशेष रूप से वैभव प्रकाशन(सुधीर शर्मा)और सरस्वती प्रकाशन (आकाश माहेश्वरी)का बहुत बड़ा योगदान रहा है।
साथ ही छत्तीसगढ़ी लैंग्वेज के ट्यूटोरियल वीडियोज भी इसमें शामिल किए जाएंगे। नाचा के प्रेसिडेंट गणेश कर ने बताया कि आज तक किसी भी राज्य के एनआरआई संगठन ने इस प्रकार का प्रयाेग नहीं किया है। 2 साल पहले एप पर काम शुरू हुआ था। उन्होंने कहा ये वर्तमान और भविष्य में बहुत काम आएगा ।
छत्तीसकोश एप के पहले फेस में 25 हजार शब्दों का ट्रांसलेशन किया जा सकेगा। उसके बाद एसोसिएशन का विजन 1 लाख शब्दों को एप की मदद से ट्रांसलेट करना है। उसके बाद पं रविवि में छत्तीसगढ़ी में एमए कर रहे स्टूडेंट्स को ट्रांसलेट करने के लिए प्रोजेक्ट दिया गया। जिसे प्रोफेसर रिव्यू करने के बाद एसोसिएशन को शेयर करते थे। अभी भी स्टूडेंट्स लगातार काम कर रहे हैं। इसमें प्राध्याक, प्रो शैल शर्मा, अध्यक्ष साहित्य एवं भाषा- अध्ययनशाला, डॉ कौस्तुभ मणि द्विवेदी, एवं छात्र मोहित कुमार यदु, संजू गुप्ता, प्राची वर्मा, काम कर रहे है।
एप में ही कर सकेंगे साहित्य पब्लिश
एप में ऐसे फीचर्स भी रहेंगे जिसमें छत्तीसगढ़ी नाटक, उपन्यास, कहानी, पर्व, लोक गीत, विलुप्त शब्दों की जानकारियां मिलेगी। इसमें वीडियोज और कंटेट दोनों रहेंगे। ताकि देश-दुनिया में ज्यादा से ज्यादा लोगों तक राज्य की संस्कृति की जानकारी पहुंच सकें। यदि कोई साहित्यकार अपना बुक पब्लिश करना चाहता है तो वो भी निशुल्क कर सकेंगे और अपना पीडीएफ बुक भी शेयर कर सकेंगे। वहीं इसमें साहित्यकार का अपना फोल्डर होगा। जिसमें उससे संबंधित सभी साहित्यिक सामग्री रहेगी।
नाचा ग्लोबल छत्तीसगढ़ी साहित्य रत्न अवार्ड
इस साल से नाचा ग्लोबल छत्तीसगढ़ी साहित्य रत्न अवार्ड की शुरुआत कर रहा है जो हर साल जिनका इंटरनेशनल लेवल पे सहयोग होगा उन्हें देगा।इस साल ग्लोबल छत्तीसगढ़ी साहित्य रत्न अवार्ड २०२३ का आदरणीय सुधीर शर्मा जी को दिया जा रहा है। शशिसाहू और टीजेंद्र साहू बोले की यह ऐप दुनिया में कही से भी लोग इस एप के ज़रिये अपनी भाषा को पढ़ सकेंगे सीख सकेंगे।
गणेश कर ने Chhattiskosh एप के लिए छत्तीसगढ़वासियों और टीम को बहुत बहुत बधाई दी है।Chhattiskosh टीम में कार्य कर रहे,मीनल मिश्रा,नितिन विश्वकर्मा,दीपाली सरोगी,टीजेंद्र साहू,शशि साहु शत्रुघ्न बरेथ को शुभकामनाएं सन्देश प्रेषित किया गया है।