देश दुनिया

कई बार जेल के चार दिवारी को भेद कर हो चुका था फरार, कई देशों की एजेंसियां कर रही थीं उसकी तलाश, ऐसे बना गुनाहों का बेताज बादशाह

अपराधों को अंजाम देने के अपने तरीके से बड़े-बड़े अपराधियों को चकित कर देने वाले और जेल प्राधिकारियों को चकमा देकर कई बार फरार हुए कुख्यात, शातिर और निर्मम चार्ल्स शोभराज को वर्षों बाद नेपाल की जेल से शुक्रवार को रिहा कर दिया गया. इसी के साथ इस शातिर एवं कुख्यात अपराधी के जीवन का आज से एक नया अध्याय शुरू हो गया है.

भारतीय-वियतनामी मूल का फ्रांसीसी नागिरक 78 वर्षीय चार्ल्स शोभराज इस समय बीमारी से जूझ रहा है, लेकिन एक दौर ऐसा था, जब उसने कहा था कि ‘‘मैं अपनी मर्जी से जेल से भाग सकता हूं. मैं अपनी मर्जी से लूट सकता हूं. मैं जैसे चाहता हूं, वैसे जी सकता हूं.’’ कई देशों की कानून प्रवर्तन एजेंसियां उसे पकड़ने के लिए एड़ी चोटी का जोर लगा रही थीं.

काफी दिलचस्प रहा है चार्ल्स शोभराज का जीवन

कई किताबों, फिल्मों एवं टीवी कार्यक्रमों के लिए शोभराज का जीवन दिलचस्पी का विषय रहा है और कई साल बाद वह एक बार फिर से सुर्खियों में छाया हुआ है. उसका शिकार हुई कई महिलाएं अपनी हत्या के समय बिकिनी पहने मिली थीं, इसलिए उसे ‘बिकिनी किलर’ और कई बार जेल से भागने में सफल रहने के कारण ‘सांप’ (सर्पेंट) उपनाम दिया गया था, लेकिन कैसे वह इतना शातिर और निर्मम अपराधी बन गया, ये भी जानने वाली बात है.

इस कारण से बना शातिर और निर्मम अपराधी

कई अखबारों में प्रकाशित खबरों के अनुसार, शोभराज का जन्म साइगोन (मौजूदा समय में वियतनाम के हो ची मिन्ह सिटी) में हुआ था. जब वह बच्चा था, तभी उसके पिता ने अपने परिवार को छोड़ दिया था और मां के प्रेमी एवं एक फ्रांसीसी लेफ्टिनेंट ने उसे गोद ले लिया था. अपने सौतेले भाई-बहनों के कारण माता-पिता की बेरुखी झेलने वाला शोभराज बचपन से ही छोटे-मोटे अपराधों को अंजाम देने लगा था और बड़ा होकर ऐसा शातिर और हत्यारा बन गया कि पूरी दुनिया उसे जान गई.

काठमांडू की जेल में सजा काट रहा था शोभराज

ऐसा संदेह है कि उसने 1970 और 1980 के दशक में एशिया में पश्चिमी देशों के करीब 20 यात्रियों की हत्या की. शोभराज ने 1975 में नेपाल में अमेरिकी महिला कॉनी जो ब्रोंजिक की हत्या के सिलसिले में 2003 से काठमांडू की जेल में उम्रकैद की सजा काट रहा था. इसके साथ ही उसे 2014 में कनाडाई पर्यटक लॉरेंट कैरियर की हत्या का दोषी ठहराया गया और दूसरी उम्रकैद की सजा सुनाई गयी. नेपाल में उम्रकैद की सजा का मतलब 20 साल का कारावास होता है.

जेल में 44 साल छोटी महिला से की थी शादी

ऐसा बताया जाता है कि शोभराज अपने आकर्षक व्यक्तित्व से विशेष तौर पर महिलाओं को लुभाने में माहिर था. वह शुरुआत में 1960 के दशक में चोरी और लूट जैसे अपराधों के लिए पेरिस में जेल में बंद रहा और इसी दौरान उसने एक युवा एवं धनी पारसी लड़की सी. कोम्पैगनोन से पहला विवाह किया. कई साल बाद उसने 2008 में नेपाल की जेल में अपने से 44 साल छोटी महिला एवं अपने नेपाली वकील की बेटी निहिता बिस्वास से ही शादी कर ली.

कई देशों की एजेंसियां कर रही थीं उसकी तलाश

एक समय शोभराज के पीछे यूनान, फ्रांस, भारत, थाईलैंड, नेपाल और मलेशिया समेत कई देशों की कानून प्रवर्तन एजेंसियां थीं. वह 1970 के दशक में कई पश्चिमी पर्यटकों की हत्या करने के कारण इंटरपोल की सर्वाधिक वांछित अपराधियों की सूची में रहा. इससे पहले वह हथियारों की तस्करी में शामिल रहा. उसे 1976 में अपने एक साथी के साथ मिलकर नयी दिल्ली के एक होटल में इंजीनियरिंग के 30 से अधिक छात्रों को जहर देने की कोशिश करते समय गिरफ्तार किया गया था. बाद में पता चला कि उसने एक फ्रांसीसी पर्यटक की भी हत्या की है.

उसे विभिन्न अपराधों के लिए दिल्ली के तिहाड़ जेल में 12 साल कैद की सजा सुनाई गई, लेकिन 1986 में वह तिहाड़ जेल की कड़ी सुरक्षा तोड़कर भाग गया और सुर्खियों में आ गया. उसे जल्द ही गोवा के ओ’कोकेरियो रेस्तरां से गिरफ्तार किया गया और फिर वह 1997 तक जेल में रहा.

तिहाड़ जेल से भाग निकला था

कई लोगों का मानना है कि शोभराज थाईलैंड को प्रत्यर्पित किए जाने से बचने के लिए तिहाड़ जेल से भाग निकला था, जहां उसे पटाया में एक समुद्र तट पर छह महिलाओं को नशीला पदार्थ देने और उनकी हत्या के मामले में मौत की सजा दी गई थी. तिहाड़ जेल में रहते हुए थाईलैंड में उसके गिरफ्तारी वारंट की अवधि समाप्त हो गई थी. पिछले कई साल से नेपाल की जेल में बंद शोभराज को रिहा करके शुक्रवार को फ्रांस भेज दिया गया.

🅷🅴🅰🅳🅻🅸🅽🅴 छत्तीसगढ़ के दिनभर के बड़का समाचार ।। 23 दिसम्बर 2022

ख़बर को शेयर करें

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button
news36 से जुड़िए
जोहार...आपकी क्या सहायता कर सकते है