CGElection – केशकाल से भाजपा ने किया प्रत्याशी का ऐलान, रिटायर IAS टेकाम होंगे मैदान में
रायपुर. छतीसगढ़ में भाजपा ने एक और विधानसभा के लिए प्रत्याशी का ऐलान किया है. केशकाल विधानसभा से रिटायर्ड आईएएस नीलकंठ टेकाम को प्रत्याशी घोषित किया गया है. भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष डॉ. रमन सिंह ने टेकाम को चुनाव लड़ाने का ऐलान किया. उन्होंने कार्यकर्ताओं से टेकाम को भारी बहुमत से जीताने की अपील की है.
बता दें कि इससे पहले भाजपा ने छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव 2023 के लिए 21 प्रत्याशी का ऐलान कर चुकी है. वहीं केशकाल से नीलकंठ टेकाम को प्रत्याशी घोषित किया गया है. टेकाम ने पूर्व सीएम डॉ. रमन सिंह से मुलाकात कर केशकाल से जीत का भरोसा दिलाया.
रिटायर आईएएस टेकाम हाल ही में भाजपा प्रवेश किया है. छात्र जीवन से बुनियादी समस्याओं के समाधान के लिए सक्रिय रहे नीलकंठ टेकाम का जन्म कांकेर के अंतागढ़ ब्लॉक में हुआ. यहां प्रारंभिक शिक्षा के बाद आगे की पढ़ाई के लिए वे कांकेर जिला मुख्यालय में आ गए. जहां कॉलेज की पढ़ाई के साथ ही छात्र राजनीति में वे सक्रिय हो गए. कॉलेज के हॉस्टल में रहकर ही छात्र संघ चुनाव में हिस्सा लेकर अपने कॉलेज का प्रतिनिधित्व करने लगे और 1987-88 कांकेर महाविद्याल के छात्र संघ अध्यक्ष निर्वाचित हुए.
वहीं 1989 में समाज शास्त्र स्नातकोत्तर के बाद मात्र 7 दिनों के लिए 1991 में शिक्षक के रूप में टेकाम चयनित हुए. कुछ ही दिनों के बाद अविभाजित मध्यप्रदेश में खंडवा महिला कॉलेज में प्रोफेसरी और इसके बाद 1994 में मध्यप्रदेश पीएससी में टॉप सूची में शामिल हुए. बतौर डिप्टी कलेक्टर चयनित होकर बस्तर का नाम गौरवान्वित किया.
2008 में मिला आईएएस आवार्ड
मध्यप्रदेश के धार जिले में एसडीएम रहकर उन्होंने सेवाएं दी. उसके बाद छत्तीसगढ़ राज्य विभाजन के बाद मध्यप्रदेश से छत्तीसगढ़ केडर ऐलॉट होने पर रायपुर पहुंचे और उनकी तैनाती जगदलपुर एसडीएम के तौर पर हुई. इसके साथ ही 2008 में उन्हें आईएस अवार्ड मिला और वे बस्तर के कोण्डागांव जिले में कलेक्टर बनाए गये. जब टेकाम कोण्डागांव के कलेक्टर थे तब उनके काम को नीति आयोग ने सराहा था और देश में पहले स्थान पर थे. बतौर कलेक्टर आज भी उनके काम को याद किया जाता है. छत्तीसगढ़ के मंत्रालय में कई पदों में अपनी सेवाएं देने के बाद अब समाज में और बेहतर करने के सपने सजाए प्रोफेसरी से कलेक्ट्री करने वाले नीलकंठ टेकाम भाजपा का दामन थाम चुके हैं. अब देखना होगा एक प्रोफेसर और कलेक्टर राजनीति में कितना सफल हो पाते हैं.