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सनातन धर्म पर बयान देकर बुरे फंसे उदयनिधि और ए राजा, FIR दर्ज करने सुप्रीम कोर्ट में दायर हुई याचिका

नई दिल्ली। सनातन धर्म के खिलाफ डीएमके नेता और तमिलनाडु सरकार में मंत्री उदयनिधि स्टालिन और ए राजा के बयानों के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गई है। उदयनिधि ने सनातन धर्म की तुलना डेंगू, मलेरिया से की थी। इसके बाद डीएमके सांसद ए राजा ने सनातन धर्म की तुलना एचआईवी से कर दी।

अब चेन्नई के वकील ने अपनी याचिका में उदयनिधि और ए राजा पर एफआईआर करने की मांग की गई है। इसमें कहा गया है कि डीएमके नेताओं को ऐसे बयान देने से रोका जाए। साथ ही तमिलनाडु में सनातन धर्म के खिलाफ हो रहे कार्यक्रमों को असंवैधानिक करार दिया जाए। याचिका में कहा गया है कि इस बात की जांच हो कि कहीं इस तरह के लोगों को सीमा पार से आ रही फंडिंग तो नहीं मिल रही है। इन नेताओं के LTTE से संबंध की भी जांच हो।

मामले पर जल्द सुनवाई की गुजारिश की

याचिकाकर्ता ने शुक्रवार को चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ से अपनी याचिका पर जल्द सुनवाई का अनुरोध किया। चीफ जस्टिस ने कहा कि वह सुनवाई के लिए निर्धारित प्रक्रिया का पालन करें।

उदयनिधि और ए राजा ने क्या कहा था

तमिलनाडु सरकार में मंत्री उदयनिधि ने एक कार्यक्रम में कहा कि सनातन धर्म सामाजिक न्याय और समानता के खिलाफ है। कुछ चीजों का विरोध नहीं किया जा सकता है, बल्कि उन्हें खत्म करना होता है। जैसे डेंगू, मलेरिया या कोरोना का विरोध करना मुमकिन नहीं है, लेकिन इसे मिटाया जाता है। ठीक इसी तरह से हमें सनातन को भी मिटाने की जरूरत है। हाल ही में उन्होंने बीजेपी को ‘जहरीला सांप’ तक बता दिया था।

दूसरी ओर, डीएमके सांसद ए राजा तो उदयनिधि से भी दो कदम आगे निकले। उन्होंने कहा कि सनातन पर उदयनिधि नरम रुख वाले हैं। ए राजा का कहना था कि सनातन धर्म सामाजिक कलंक वाली बीमारियां हैं। उन्होंने कहा कि सनातन धर्म की तुलना एचआईवी और कुष्ठ रोग जैसे सामाजिक कलंक वाली बीमारियों से होनी चाहिए। इस बयान की वजह से उन पर पहले से ही एफआईआर हो चुकी है।

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