तेजी से पैर पसार रहा Scrub Typhus, एक महीने में 5 की मौत, अलर्ट मोड पर सरकार
ओडिशा। ओडिशा में स्क्रब टाइफस से एक महीने में पांच लोगों की मौत हो गई है। अब ओडिशा सरकार ने जिला स्वास्थ्य अधिकारियों को राज्य में स्क्रब टाइफस (Scrub Typhus) और लेप्टोस्पायरोसिस (Leptospirosis) के मामलों की मौसमी बढ़ोतरी को देखते हुए निगरानी बढ़ाने के लिए कहा है।
ओडिशा के जनस्वास्थ्य निदेशक डॉ. निरंजन मिश्र ने स्क्रब टाइफस और लेप्टोस्पायरोसिस से निपटने के लिए राज्य के सभी सीडीएमओ और अस्पताल निदेशकों को पत्र लिखा है। मरीजों की बढ़ती संख्या को देखते हुए डीपीएचएल (सार्वजनिक स्वास्थ्य प्रयोगशालाएं ) को टेस्टिंग और पर्याप्त टेस्टिंग किट का स्टाॅक रखने के लिए भी उन्होंने निर्देश दिया है।
जनस्वास्थ्य निदेशक ने कहा है कि डाॅक्टरों को इस बारे में जागरूक किया जाएगा। रोग की जल्द पहचान एवं लोगों को जागरूक करने के लिए जल्द ही कदम उठाए जाएंगे। हर जगह निगरानी बढ़ाई जाएगी।
अस्पताल में पर्याप्त मात्रा में दवाइयां और एंटीबायोटिक्स स्टॉक करने के निर्देश दे दिए गए हैं। स्वास्थ्य निदेशक मिश्र ने कहा है कि मौतों की सही तरीके से जांच और नियंत्रण करने के लिए कदम उठाने के निर्देश दिए गए हैं।
घातक संक्रमण स्क्रब टाइफस क्या है?
स्क्रब टाइफस को बुश टाइफस भी कहा जाता है। यह एक बीमारी है, जो ओरिएंटिया त्सुत्सुगामुशी (Orientia tsutsugamushi) नामक बैक्टीरिया के कारण होती है। स्क्रब टाइफस संक्रमित पिस्सुओं के काटने से लोगों में फैलता है। इस पिस्सू को ज्यादातर घास, झाड़ियों और चूहों, खरगोशों और गिलहरियों जैसे जानवरों के शरीर पर देखा जाता है। इसके संक्रमण के लक्षणों में तेज बुखार, ठंड लगना, गंभीर सिरदर्द, सूखी खांसी, शरीर में दर्द, मांसपेशियों में दर्द, पिस्सू के काटने की जगह पर गहरे रंग की पपड़ी जैसा घाव, शरीर पर लाल धब्बे या चकत्ते, लाल आंखें, भ्रम, कोमा, गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल लक्षण, लिवर और प्लीहा का बढ़ना और मेनिनजाइटिस शामिल हैं। संक्रमित होने के करीब 10 दिन बाद लक्षण शुरू होते हैं। अगर सही बीमारी का इलाज नहीं किया जाता है, तो यह कई अंगों की विफलता का कारण बन सकता है, जो इंसान के जीवन के लिए खतरा बन सकती है। बागवानी और बाहरी गतिविधियों में लगे लोगों को संक्रमण का खतरा अधिक है।