साइबर ठगों के ई-वालेट में ट्रांजेक्शन रुकवाने के बाद रिकवरी की कोशिश
रायपुर। छत्तीसगढ़ में साइबर ठगी की वारदातों को अंजाम देने वाले विदेशी ठगों ने भारतीय बैंकों में खाते खुलवाकर रुपये का ट्रांजेक्शन किया है। ठगी की घटनाओं के खुलासे के बाद रकम रिकवरी के लिए रायपुर पुलिस छानबीन में जुटी है, लेकिन ज्यादातर खातों से रुपये निकाले जाने के बाद रिकवरी मुश्किल होती दिख रही है। कोर्ट में याचिका लगाकर पुलिस ने अभी तक लगभग 45 लाख रुपये पीड़ितों को दिलवाए हैं, लेकिन अभी भी 2000 से ज्यादा बैंक खातों की जांच बाकी है।
जानकारी के मुताबिक दिल्ली-नोएडा और जामताड़ा में रहकर ठगी करने वाले गिरोह से रिकवरी को लेकर पुलिस को खासी मशक्कत करनी पड़ रही है। जिला साइबर सेल यूनिट को विदेशी मूल के ठगों के खातों की जांच में कई तरह की अड़चनों का सामना करना पड़ रहा है। ई-वालेट में ट्रांजेक्शन रुकवाने के बाद विदेशी मूल के ठगों के बैंक खातों की जांच अभी अधूरी रह गई है। ऐसे में लाखों रुपये की रिकवरी का मामला ठप पड़ गया है।
जिले में जितने खातों की जांच चल रही है, उस हिसाब से एक करोड़ रुपये ठगी के हिसाब से पीड़ितों को रकम दिलाने की चुनौती है, लेकिन अभी तक सिर्फ 45 लाख रुपये की रिकवरी हो पाई है। पुलिस का कहना है, कोर्ट में याचिका लगाकर बारी-बारी से पीड़ितों को रकम दिलाने का प्रयास चल रहा है। अभी भी साइबर ठगों के कई बैंक खातों की जांच बाकी है। जांच पूरी होने के बाद पीड़ितों को रकम दिलाई जाएगी।
स्टेट थाना में दो विदेशी बैंक खातों की जांच
पीएचक्यू स्टेट साइबर थाना में दो विदेशी बैंक खातों की जांच शुरू हुई है। इनमें नाइजीरियन गैंग द्वारा साऊथ अफ्रीका और चाइना के बैंक खातों का इस्तेमाल किया गया है, यहां ट्रांजेक्शन की जांच के दौरान इसकी पुष्टि होने के बाद पीएचक्यू ने भारतीय दूतावास की मदद लेकर बैंक खातों की छानबीन शुरू की है। गैंग ने ठगी की रकम विदेशी खातों में पहुंचाई।
पीएचक्यू ने अब प्रदेश के सभी संभागों में साइबर थाना संचालित करने मंजूरी दे दी है। इसी कड़ी में रायपुर रेंज में भी गंज थाना से रेंज साइबर थाना की शुरुआत हो चुकी है। रेंज साइबर थाना में अब सीधे एफआइआर दर्ज की जाएगी। पीड़ितों को दूसरे थानों के चक्कर लगाने की जरूरत नहीं है। नए रेंज साइबर थाना के लिए पुलिस विभाग ने अलग से सेटअप तय किया है, जिसमें प्रभारी समेत जांच अफसर शामिल हैं।