छत्तीसगढ़ के भगोड़े सिपाही ने खुद को मृत बताकर, UP पुलिस में हुआ भर्ती
लखनऊ। चोरी और डकैती के बाद आरोपी द्वारा पुलिस से बचने के लिए किए गए प्रयास को शातिर कहते सुना होगा। लेकिन पुलिस विभाग में एक बेहद चौंकाने वाला मामला सामने आया है जिसने शातिराना अंदाज से छत्तीसगढ़ के साथ ही यूपी पुलिस को भी धोखा देने में कामयाब होकर पुलिस विभाग में भती हो गया। दरअसल छत्तीसगढ़ से भागे सिपाही ने खुद को कागजों पर मृत बता उत्तर प्रदेश पुलिस ज्वॉइन कर ली। बताया जा रहा है कि छत्तीसगढ़ में सुमित कुमार के नाम से सिपाही में भर्ती हुआ था. इसके बाद यूपी में मनोज कुमार के नाम से 12वीं की परीक्षा पास की। 12वीं के बाद यूपी पुलिस की सिपाही भर्ती 2015 में चयनित हुआ था. वह कई साल नौकरी की और जांच होने पर फर्जीवाड़े का खुलासा हुआ है। आरोपी पर हुसैनगंज थाने में FIR दर्ज की गई है।
सीजी पुलिस के एक भगौड़े सिपाही ने नाम बदलकर हाईस्कूल-इंटर किया. फिर उत्तर प्रदेश पुलिस की सिपाही भर्ती-2015 में चयनित हो गया. कई साल तक नौकरी करता रहा. गोपनीय शिकायत पर जब जांच हुई तो उसका फर्जीवाड़ा खुला. भर्ती बोर्ड की तरफ से मामले में आरोपी पर धोखाधड़ी, कूटरचित दस्तावेज तैयार कर इस्तेमाल करने समेत अन्य गंभीर धाराओं में हुसैनगंज थाने में एफआईआर दर्ज कराई गई है। पुलिस भर्ती बोर्ड के आलोक जायसवाल की तरफ से एफआईआर दर्ज कराई गई थी. एफआईआर के मुताबिक मथुरा के राया थाना क्षेत्र निवासी मनोज कुमार 2015 पुलिस भर्ती में सिपाही के पद पर चयनित हुआ था। 2018 में मथुरा एसएसपी कार्यालय को एक गुमनाम शिकायती पत्र पहुंचा था। जिसमें लिखा गया था कि मनोज कुमार छत्तीसगढ़ पुलिस का भगौड़ा सिपाही है. उसका असल नाम सुमित कुमार है।
बताया जा रहा है कि छत्तीसगढ़ पुलिस में वह इसी नाम से भर्ती हुआ था। वहां से भागने के बाद उसने मनोज कुमार के नाम से हाईस्कूल व इंटर की परीक्षाएं पास की। फिर पुलिस भर्ती में शामिल होकर चयनित हो गया. जब विभागीय जांच हुई तो ये आरोपी सही पाया गया. इसी आधार पर कार्रवाई पिछले साल उसकी भर्ती निरस्त कर दी गई. अब उसके खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई गई है. आरोपी ने फर्जीवाड़ा करने में कोई कसर नहीं छोड़ी. छत्तीसगढ़ से भगौड़ा घोषित होने के बाद उसने अपना एक मृत्यु प्रमाण पत्र तैयार किया. मतलब कागजों में खुद को ही मार दिया। वहीं कुटुंब रजिस्टर में मनोज कुमार का नाम जोड़ा।