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जानें कौन हैं डॉ. महंत रामसुंदर दास जो रायपुर दक्षिण विधानसभा से बृजमोहन को चुनावी पटखनी देने को हैं तैयार

रायपुर। छत्तीसगढ़ में कांग्रेस (Congress) ने प्रत्याशियों की दूसरी सूची जारी कर दी है। इस सूची में 53 प्रत्याशियों के नाम जारी किए गए हैं। इस लिस्ट में भी पहली लिस्ट की तरह विधायकों के टिकट काटे गए हैं। अब तक कांग्रेस ने 83 सीट पर प्रत्याशियों का नाम जारी किया है। इसमें 18 विधायकों का टिकट काटा गया है, लेकिन दिलचस्प कहानी ये है कि रायपुर दक्षिण से कांग्रेस ने हिंदुत्व कार्ड खेला है। कांग्रेस ने यहां से महंत राम सुंदर दास को बृजमोहन अग्रवाल के खिलाफ चुनावी मैदान में उतारा है।

दरअसल, महंत रामसुंदर दास का नाम चर्चा में इसलिए है क्योंकि, दिसंबर 2021 में जब रायपुर के धर्म संसद में कालीचरण ने राष्ट्रपिता महात्मा गांधी को अपशब्द कहे थे, तब महंत ने मंच से विवादित कालीचरण का विरोध किया था। इसके बाद रामसुंदर दास का नाम चर्चा में आया था। अब कांग्रेस ने हिंदुत्व कार्ड खेलते हुए बीजेपी के दिग्गज नेता बृजमोहन अग्रवाल के खिलाफ रायपुर दक्षिण से उन्हें चुनावी मैदान में उतारा है।

रामायण में कर चुके है पीएचडी

पीएचडी में उनका विषय रामायण कालीन ऋषि मुनियों का तुलनात्मक अध्ययन रहा है। मठ के प्रति उनकी निस्वार्थ भावना को देखते हुए उस वक्त के तत्कालीन महंत वैष्णव दास ने उन्हे प्रभावित होकर अपने बाद मठ उत्तराधिकारी घोषित कर दिया था। महंत वैष्णव दास के देहांत के बाद मठ संचालन महंत रामसुंदर दास करने लगे।

दो बार विधायक रह चुके हैं महंत रामसुंदर दास

इस चुनावी लड़ाई को गुरु शिष्य की लड़ाई की तरह भी देखा जा रहा है, क्योंकि बृजमोहन अग्रवाल महंत राम सुंदर दास के अच्छे संबंध हैं। बृजमोहन अग्रवाल मठ के कार्यक्रमों में लगातार शामिल होते रहते हैं। वो महंत का आशीर्वाद भी लेते हैं। महंत रामसुंदर दास भूपेश बघेल सरकार में गौसेवा आयोग के अध्यक्ष रह चुके हैं। उन्हें कैबिनेट मंत्री का दर्जा दिया गया है। वो 2003 में पामगढ़ और 2008 में जैजैपुर से कांग्रेस के विधायक रह चुके हैं। इसके बाद महंत राम सुंदर दास अब 2023 में चुनावी मैदान में उतरे हैं।

बालकाल्य में आ गए थे रायपुर

जांजगीर-चांपा जिले के पिहरीद गांव में जन्मे रामसुंदर दास अपने बाल्यकाल में ही रायपुर आ गए थे। यहां के ऐतिहासिक दूधाधारी मठ में रहकर उन्होंने अपनी पढ़ाई लिखाई की थी। इसके साथ साथ धार्मिक कार्यों में रहते हुए मठ में काम किया। बताया जाता है कि रामसुंदर दास बेहतर ज्ञान और अपने निस्वार्थ भावना के लिए जाने जाते हैं। राम सुंदर दास ने संस्कृत में एमए किया है। साथ ही साहित्य आचार्य की उपाधि लेने के बाद पीएचडी भी की है।

रायपुर दक्षिण विधानसभा सीट का इतिहास

महंत ने एबीपी न्यूज से बातचीत करते हुए कहा कि मैनें जांजगीर चांपा से दावेदारी की थी, लेकिन पार्टी ने मुझे रायपुर दक्षिण से प्रत्याशी बनाया है, क्योंकि दक्षिण सीट में ही हमारा मठ है. लेकिन महंत के लिए रायपुर दक्षिण सीट को भेदना आसान नहीं होगा, क्योंकि ये सीट बीजेपी की परंपरागत सीट मानी जाती है। बता दें की राज्य गठन के पहले यानी सन 2000 के पहले रायपुर शहर केवल एक सीट हुआ करता था। तब से बृजमोहन अग्रवाल यहां के विधायक रहते हुए आए हैं। वर्तमान में रायपुर सिटी में चार विधानसभा सीटे हैं।

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news36Desk

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