साप्ताहिक बाज़ार गए आदिवासियों को मारकर नक्सली बताया, ग्रामीणों का आरोप
कांकेर। कांकेर में दो कथित माओवादियों के मारे जाने के पुलिस के दावे पर आदिवासियों ने सवाल उठाया है. आदिवासियों का आरोप है कि कथित माओवादियों को पुलिस ने पकड़ कर, फ़र्ज़ी मुठभेड़ में उनकी हत्या की है. इससे पहले शनिवार को पुलिस ने दावा किया था कि कोयलीबेड़ा इलाके के गांव गोमे से लगे हुए जंगल में माओवादियों के साथ सुरक्षाबलों की मुठभेड़ हुई थी. बाद में जब सर्चिंग ऑपरेशन चलाया गया तो घटनास्थल से दो पुरुषों के शव बरामद किए गए.
पुलिस ने मौके से कुछ हथियार भी बरामद करने का दावा किया था. पुलिस ने दोनों शवों को लेकर आशंका जताई थी कि ये माओवादियों की पीपुल्स लिबरेशन गुरिल्ला आर्मी की पांचवीं कंपनी के सदस्य हो सकते हैं. अब मृतकों के परिजन ने कोयलीबेड़ा के थाना प्रभारी और कांकेर ज़िले के एसपी को पत्र लिख कर आरोप लगाया है कि शुक्रवार को अबूझमाड़ के आदनार के कई आदिवासी कोयलीबेड़ा साप्ताहिक बाज़ार गये थे. वहां से वापसी के दौरान रात होने के कारण सभी ग्रामीण गोमे गांव के पुनेश मंडावी के घर रुक गये. ग्रामीणों ने अपने पत्र में लिखा है कि शनिवार की सुबह साढ़े छह बजे, सभी ग्रामीण अपने गांव काकनार जा रहे थे, उसी समय सुरक्षाबल के जवानों ने महिलाओं को अलग किया और काना वेड़ता व मोडाराम पद्दा नामक आदिवासियों को फर्ज़ी मुठभेड़ में उनकी हत्या कर, उन्हें नक्सली घोषित कर दिया. ग्रामीणों ने पूरे मामले की निष्पक्ष जांच और इस मामले में शामिल पुलिसकर्मियों के ख़िलाफ़ प्राथमिकी दर्ज़ करने का अनुरोध किया है.