औंधे मुंह गिरे टमाटर के भाव : कभी लाल होकर चढ़े थे 1500 रुपए क्रेट, अब 200 में हुए धड़ाम, चिल्हर में 80 की जगह कौड़ियों के दाम बिक रहा
केशव पाल, NEWS 36 @ रायपुर | टमाटर के दाम कम होने से किसानों को आर्थिक नुकसान का सामना करना पड़ रहा है। नयी फसल की बंपर आवक से टमाटर के थोक भाव औंधे मुंह गिरकर 15 रुपये किलोग्राम के न्यूनतम स्तर तक पहुंच गया है। लिहाजा, किसानों के लिए इसकी खेती की लागत निकालना भी मुश्किल हो गया है। जी-तोड़ मेहनत कर टमाटर की पैदावार करने के बावजूद भावों में गिरावट आने से किसानों के चेहरों पर मायूसी छाई हुई है। टमाटर के भाव कम होने से किसान चिंतित हैं। वहीं इधर मंडौस चक्रवात के चलते बदली छाई हुई है ऐसे में बारिश की आशंका से भी टमाटर के भाव में गिरावट आई है। किसानों ने बताया कि, इस बार टमाटर की बंपर पैदावार होने से भावों में भारी कमी आई है। मंडियों में सब्जियों के थोक भाव कम है। लिहाजा औंधे मुंह गिरे टमाटर के दामों ने किसानों की चेहरे की रौनक छीन ली है। सब्जी मंडी में टमाटर के भाव काफी गिर गए हैं। मंडी में टमाटर की एक क्रेट 200 से 400 रुपये तक बिक रही है जबकि कभी टमाटर की रेट 1200 से 1500 रुपये क्रेट था। चिल्हर में 70 से 80 रूपये किलो बिकने वाला टमाटर 20 रूपये किलो में बिक रहा है। तो कहीं 20 रूपये में ढाई किलो मिल रही है। सब्जी मंडियों में हर रोज टमाटर की हजारों क्रेट पहुंच रही है लेकिन किसानों को अच्छा दाम नहीं मिलने से उन्हें निराश होना पड़ रहा है। टमाटर के उत्पादन करने वाले किसान इस बार अच्छे दामों के लिए तरस रहा है। टमाटर के दाम काफी कम होने से किसानों की मेहनत मिट्टी में मिलती दिख रही है। पहले किसानों को टमाटर के अच्छे रेट मिल रहे थे। टमाटर की आपूर्ति शुरू होते ही टमाटर के दाम अचानक गिर गए। इन दिनों सब्जी मंडियों में टमाटर की एक क्रेट 200 से 300 रुपये तक बिक रही है। कहीं-कहीं इससे भी कम है।
टमाटर उत्पादक किसानों की चिंता बढ़ी
बता दें कि कभी किसानों का टमाटर एक क्रेट 1200 से 1500 तक बिका था। जिससे किसानों को टमाटर ने मालामाल कर दिया था। हालांकि, इस बार दाम न मिलने से किसानों को भारी नुकसान झेलना पड़ रहा है। उत्पादकों ने बताया कि टमाटर के दामों में कमी आई है। टमाटर के उचित रेट न होने से दिक्कतें पेश आ रही है। बदली-बारिश से भी बिक्री प्रभावित हो रही है। किसान उम्मीद कर रहे हैं कि आने वाले दिनों में टमाटर के दाम बढ़ जाएं। क्योंकि टमाटर की फसल पर ज्यादातर किसान निर्भर रहते हैं। पिछले साल इस मौसम में टमाटर के दामों ने आसमान छू लिया था, लेकिन इस बार दाम कम होने से किसानों की मुसीबत बढ़ गई है।
लोकल बाजार में खप रहा टमाटर
खासकर बेमेतरा, दुर्ग और जशपुर जिले के टमाटर उत्पादक किसान बेहद परेशान हैं। दूसरे राज्यों से खरीदार नहीं आने से टमाटर लोकल बाजार में खप रहा है। कुछ मंडियों में टमाटर के लिवाल नहीं होने से कीमतें गिर गई है। किसानों ने बताया कि लोकल बाड़ियों से बंपर आवक हो रही है। वहीं दूसरे प्रदेशों से डिमांड घट गई है। किसानों ने कहा कि दाम नहीं बढ़ा तो आने वाले दिनों में फसल खेत पर ही छोड़ने की नौबत आ सकती है। ऐसे में उन्हें दोतरफा नुकसान सहना पड़ सकता है।