क्या छत्तीसगढ़ में हुई राम नाम पे लूट ?…विधानसभा में गूंजा ‘राम की मूर्तियां राम जैसी क्यों नहीं’…अब राम वन गमन योजना का ऑडिट कराएगी सरकार….देखे सदन की कार्रवाई
छत्तीसगढ़ विधानसभा बजट सत्र के पांचवें दिन राम वन गमन पथ का मुद्दा गूंजा। सदन में चर्चा के दौरान भाजपा विधायक अजय चंद्राकर ने कहा कि योजना के तहत बनाई गईं मूर्तियां राम जैसी नहीं दिखती। जहां-जहां मूर्तियां लगी हैं उसकी कीमत भी अलग-अलग दर्शाई गई है। बीजेपी योजना को नए सिरे से रिलॉन्च करने की तैयारी कर रही है। सदन से बृजमोहन अग्रवाल ने इस बात का ऐलान किया है।
देखे सदन की कार्रवाई
विधानसभा सत्र के पांचवे दिन शुक्रवार को MLA अजय चंद्राकर के सवाल पर जवाब देते हुए बृजमोहन अग्रवाल ने कहा, कि योजना के तहत मनमानी होने और निर्माण एजेंसियों की ओर से काम में लापरवाही किए जाने की शिकायत मिली है। इस पर एजेंसियों को नोटिस जारी किया है। राम वन गमन योजना के तहत कामों की जांच करने के लिए समिति बनाई जाएगी। मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने योजना का सोशल ऑडिट कराने के लिए बनाई जाने वाली समिति का अध्यक्ष अजय चंद्राकर को बनाया है।
देखे सदन की कार्रवाई
तीन विधायकों ने योजना पर सवाल पूछकर मांगी जानकारी
भाजपा सदस्य अजय चंद्राकर, MLA धरमलाल कौशिक और MLA राजेश मूणत ने अलग-अलग सवाल करके कांग्रेस सरकार के नेताओं को घेरने का प्रयास किया। कांग्रेस नेताओं पर तंज भी विधानसभा में बीजेपी के विधायकों ने कसा। मामले में मंत्री बृजमोहन अग्रवाल द्वारा सोशल ऑडिट का आश्वासन मिला, इसके बाद बीजेपी विधायक शांत हुए।
इन जगहों पर लगी है मूर्तियां
राम वन गमन योजना के तहत चंद्रखुरी, शिवरीनारायण, चंपारण, धमतरी, मनेंद्रगढ़, राजिम और रामगढ़ में मूर्तियां लगाई गई है। इनका गलत निर्माण करने का आरोप बीजेपी के नेता लगा चुके हैं।
राम वन गमन पथ योजना में इन बिंदुओं को लेकर चल रहा विवाद
📌राम वन गमन पथ में जिन स्थानों को शामिल किया गया है, उनका उल्लेख आज तक हुए शोध में कहीं नहीं है।
📌राम वन गमन योजना के तहत भगवान श्रीराम की जो मूर्तियां बनाई गई है। वे मूर्तियां विकृत बनाई गई, यह बयान बीजेपी नेताओं ने दिया था।
📌कांग्रेस नेताओं ने अपने लोगों को फायदा पहुंचाने के लिए राम वन गमन पथ योजना का रोडमैप बनाया है।
📌योजना के तहत उन स्थानों का विकास किया गया, जहां कांग्रेस नेताओं और उनसे जुड़े हुए लोगों की संपत्ति है।
📌राम वन गमन पथ योजना का निर्माण कार्य जिन एजेंसियों को दिया गया है। वे एजेंसियां कांग्रेस नेताओं के करीबियों से ताल्लुख रखती है।
📌योजना का निर्माण कार्य करने में कई एजेंसियों ने मनमानी की, फिर कांग्रेस शासन ने लगातार उन एजेंसियों को भुगतान किया है।
📌योजना के तहत जिन कंपनियों ने निर्माण कार्य का ठेका लिया है। उन एजेंसियों ने पेटी कांट्रैक्ट में काम करवाया है। पेटी कांट्रैक्ट में काम करवाने से गुणवत्ता के साथ खिलवाड़ हुआ है।
📌कंपनियों का भुगतान करने से पहले पर्यटन मंडल के अधिकारियों ने निर्माण कार्य की गुणवत्ता की जांच नहीं की और कंपनियों को भुगतान कर दिया।