सीहोर : इकार्डा- फ़ूड लेग्यूम रिसर्च प्लेटफार्म में किसान दिवस और वैज्ञानिक मिलन समारोह का दसवां स्थापना दिवस मनाया गया
सीहोर – जिले के अमलाहा स्थित इंटरनेशनल संस्थान इकार्डा (इंटरनेशनल सेंटर फॉर एग्रीकल्चर रिसर्च एंड ड्राई एरिया- फ़ूड लेग्यूम रिसर्च प्लेटफार्म) में किसान दिवस और वैज्ञानिक मिलन समारोह का आंठवा स्थापना दिवस मनाया गया कार्यक्रम के शुभारंभ अवसर पर इकार्डा के निदेशक डॉ. शिवकुमार अग्रवाल ने संसथान में चल रही वैज्ञानिक गतिविधियो के बारे में विस्तार से जानकारी दी, उन्होंने कहा कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य इकार्डा द्वारा की जा रही विभिन्न फसलों के अनुसंधान और उनसे होने वाले लाभ से किसानों को अवगत कराना है, इसके साथ ही कार्यक्रम में शामिल हुए अतिथियों तथा वैज्ञानिक के साथ अनुभव साझा किया, डॉ शिव अग्रवाल ने बताया कि इकार्डा मुखयत: मसूर , चना, खेसरी (तिवरा), राम बाटली, कटिया गेहूं एवं जौ के उत्पादन पर और बायोफोर्टिफिकेशन के अनुशंधान पर कार्य करते हैं इसके अलावा हम नागफनी जो की कांटे रहित है उसपर कार्य कर रहे हैं,प्रतिवर्ष इकार्डा इन सभी फसलों का अवलोकन करता है,और सबसे उपयुक्त एवं वातावरण के अनुकूल उन्नत जर्मप्लास्म को नेशनल पार्टनर्स और कृषि वैज्ञानिको के साथ साझा करता हैं जिससे वह नई किस्म को विकसित कर सकें,अभी तक बहुत सी प्रजातियां किसानों के खेतों तक पहुंच चुकी हैं जो की इकार्डा एवं पार्टनर के द्वारा विकसित की गई हैं
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि श्री अशोक बर्णवाल, अपर मुख्य सचिव, मध्यप्रदेश शासन, मंत्रालय, किसान कल्याण तथा कृषि विकास विभाग ने इकार्डा में चल रही अनुशंधान गतिविधियों की सराहना की और दलहनी फसलों को बढ़ाने पर ज़ोर दिया
कार्यक्रम के विशेष अतिथि डॉ. टी आर शर्मा, डिप्टी डायरेक्टर जनरल (क्रॉप साइंसेज), भारतीय कृषि अनुशंधान परिषद् ने अधिक इलीट लाइन्स प्लांटेशन, प्री-ब्रीडिंग गतिविधयां, नैकेड जौ, औद्योयोगिक क्वालिटी कठिया गेंहू उत्पादन और बायोफोर्टिफिकेशन प्रजातियो के अनुशंधान बढ़ाने पर ज़ोर दिया
इस कार्यक्रम में डॉ ज्ञानेंद्र प्रताप सिंह, राष्ट्रीय पादप अनुवांशिक संशाधन बयूरो ने जर्मप्लास्म की उपयोगिता और उनसे होने वाले लाभों को बताया उन्होंने यह कहा कि सीहोर की शरबती गेहूं और काम पानी वाला कठिया गेहूं को राष्ट्रीय बाज़ार में बेचकर अपना अधिक लाभ काम सकते हैं
इस प्रोग्राम में आये हुए अतिथि डॉ. बेंजामिन किलियन ने क्रॉप ट्रस्ट प्रोजेक्ट और क्रॉप वाइल्ड रिलेटिव, लैथरस (खेसारी) के जर्मप्लास्म और उसके भविष्य में होने वाले फायदों को बताया
सभी अतिथितियों ने किसान को मसूर चना और खेसारी का क्वालिटी बीज वितरित किया गया,इस प्रोग्राम में तक़रीबन ४०० किसानो ने भाग लिया और संस्थान की गतिविधियों को देखा. इस प्रोग्राम में कई देश जैसेकी मोरक्को, मिस्र, एथोपिआ, जर्मनी, नेपाल, बांग्लादेश, भूटान, के वैज्ञानिको ने भाग लिया और अपने अनुभव साझा किये.