छत्तीसगढ़ में बीजेपी के इन 43 नेताओं की बढ़ाई गई सुरक्षा, बढ़ते नक्सली हमलों के चलते लिया फैसला
छत्तीसगढ़ में जवानों के एक्शन से नक्सल प्रभावित बस्तर संभाग में नक्सलियों की बौखलाहट बढ़ गई है. बीते कुछ दिनों में बीजापुर इलाके में दो बीजेपी नेताओं की नक्सलियो ने हत्या कर दी थी. इन दोनों वारदात के बाद नक्सल प्रभावित इलाकों में रहने वाले बीजेपी नेताओं में भय का माहौल है.
नेताओं के लिए सबसे बड़ी चिंता यह है कि कुछ दिनो में होने वाले लोकसभा चुनाव के समय में प्रचार प्रसार करने अंदरूनी इलाकों में जाने से उन्हें नक्सलियो से जान का खतरा है. ऐसे में राज्य सरकार ने इस मामले में संज्ञान लेते हुए बस्तर संभाग के 43 बीजेपी नेताओं को X श्रेणी की सुरक्षा मुहैया करा रही है.
इसके अलावा सरकार सुकमा जिले के बीजेपी जिला अध्यक्ष धनीराम बारसे को Y प्लस श्रेणी की सुरक्षा मुहैया करा रही है. इन नेताओं में बीजेपी के जिला अध्यक्ष से लेकर मंडल अध्यक्ष और युवा मोर्चा के सदस्य के साथ ही युवा मोर्चा अध्यक्ष भी शामिल हैं. साथ ही इन नेताओं में उनको भी को शामिल किया गया है, जिन पर पहले भी नक्सली हमला हो चुके हैं या इन्हें जान से मारने की धमकी दे चुके हैं. राज्य सरकार द्वारा जल्द ही इन सभी नेताओं को X श्रेणी की सुरक्षा मुहैया कराई जाएगी.
गृहमंत्री विजय शर्मा ने रखा था ये प्रस्ताव
छत्तसीगढ़ में बीजेपी की सरकार बनते ही डिप्टी सीएम और गृहमंत्री विजय शर्मा ने नक्सलियों के सामने बातचीत करने का प्रस्ताव रखा था. उनके इस प्रस्ताव को नक्सलियों ने कुछ शर्तों के साथ स्वीकार कर लिया था. हालांकि आगे इस बातचीत को लेकर कोई भी पहल नहीं की गई. बीजेपी की सरकार बनने के बाद भी नक्सली अपना खूनी खेल जारी रखे हुए हैं. नक्सलियों ने बीते कुछ दिनों बीजेपी नेताओं की निर्ममता से हत्या कर दिया था. सप्ताह भर में दो और बीते सालभर में 10 बीजेपी नेताओं की नक्सलियों ने हत्या कर दी है.
बीजेपी के प्रदेश प्रवक्ता संजय पांडे ने कांग्रेस पर आरोप लगाते हुए कहा कि 5 साल कांग्रेस की सरकार में नक्सलियों ने अपनी ताकत बढ़ाई और इसका परिणाम सामने आ रहा है. जब कांग्रेस सरकार में थी तब बीजेपी के नेताओं की टारगेट किलिंग की जा रही थी. उन्होंने कहा कि अब सरकार बदल गई है और सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए जा रहे हैं. जगह-जगह पुलिस कैंप खोला जा रहा है. इसी फ्रस्ट्रेशन में नक्सली बीजेपी नेताओं की हत्या कर रहे हैं. इससे खतरा सिर्फ बीजेपी को नहीं बल्कि कांग्रेस के नेताओं को भी है.
दरसअल, 2023 के विधानसभा चुनाव में तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने बीजेपी नेताओं को सुरक्षा मुहैया नहीं करवाई थी, उल्टे उनसे सुरक्षा वापस ले ली थी. हालांकि उन नेताओं को केंद्र सरकार के जरिये सुरक्षा मुहैया कराई गई थी और चुनाव खत्म होने के बाद सुरक्षा व्यवस्था वापस ले ली गई.
बस्तर में नक्सलियों के बढ़ते उत्पात को देखते हुए राज्य सरकार के जरिये संभाग के 43 बीजेपी नेताओं को सुरक्षा मुहैया कराई जा रही है. इस दौरान जिन बीजेपी नेताओं को नक्सलियों से जान का खतरा है और अगर वे सुरक्षा की मांग करते हैं, तो उन्हें भी सरकार सुरक्षा मुहैया कराएगी.
बीजेपी प्रवक्ता संजय पांडे ने बताया कि लोकसभा चुनाव प्रचार में बस्तर पुलिस द्वारा नेताओं को जहां तक जाने की अनुमति होगी वहीं तक वे जाएंगे. साथ ही चुनाव प्रचार के समय में अतिरिक्त्त सुरक्षा व्यवस्था पुलिस के द्वारा की जाएगी, जिससे आखिरी गांव तक बीजेपी के नेता और कार्यकर्ता पहुंच सकें और लोकसभा चुनाव में बीजेपी को बढ़त मिल सके.