Chhattisgarh – दारु के नशे में फूल टून्न होकर सोया था पति, प्रेमी को बुलाकर पत्नी ने करवा दी हत्या
Chhattisgarh – दुर्ग पुलिस ने दिसंबर 2023 में हुई युवक की हत्या की गुत्थी को सुलझा लिया है। युवक की पत्नी ने अपने सहकर्मी दोस्त के साथ मिलकर हत्या की थी। पुलिस ने आरोपी पत्नी और उसके दोस्त को गिरफ्तार कर लिया है। पूरा मामला नेवई थाना क्षेत्र का है। पुलिस के अनुसार रिसाली सेक्टर निवासी मेवाराम साहू ने 14 दिसंबर 2023 को नेवई थाने में शिकायत दर्ज कराई। उसके बेटे लोमेंद्र साहू की मौत हो गई है। उसकी बहू संगीता साहू ने उसे सूचना दी की वह 13 दिसंबर की रात खाना खाकर सोया था। अगली सुबह जब उसे उठाने गई तो नहीं उठा।
पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट रिपोर्ट आने के बाद पुलिस को शक हुआ कि लोमेंद्र की हत्या की गई है। पुलिस ने मामले की तहकीकात के लिए कई टीमें गठित की। पूछताछ में पता चला कि संगीता साहू भिलाई स्टील प्लांट में ठेका श्रमिक (कंप्यूटर ऑपरेटर) थी। उसी कार्यालय में ठेका श्रमिक सुनील डहरिया वाहन चालक है। यह भी पता चला कि घटना की रात सुनील डहरिया को संगीता के घर पर देखा गया था। इसके बाद पुलिस ने सुनील डहरिया को उठाकर पूछताछ शुरू
सख्ती से पूछताछ करने पर उसने बताया कि संगीता साहू के साथ मिलकर उसके पति लोमेंद्र साहू की हत्या की है। लोमेंद्र घटना की रात शराब पीकर आया था। उसका संगीता से विवाद भी हुआ था। इस दौरान संगीता ने उसे अपने घर बुलाया। जब लोमेंद्र खाना खाकर सो गया तो संगीता ने लोमेंद्र का कसकर पैर पकड़ लिया और सुनील ने टेलीफोन की वायर से लोमेंद्र का गला दबाकर हत्या कर दी। संगीता ने पुलिस को बताया कि लोमेंद्र आदतन शराबी था। वो कई सालों से रोज शराब के नशे में घरा आता था और उसके साथ झगड़ा कर मारपीट करता था। संगीता ने जब ये बात सुनील डहरिया को बताया तो उसने लोमेंद्र को समझाने की कोशिश की, लेकिन उसने उसके साथ भी हाथापाई कर दी।
रोज रोज के लड़ाई झगड़े से तंग आकर संगीता और सुनील डहरिया ने मिलकर लोमेंद्र की हत्या करने की साजिश रची थी। संगीता ने बताया कि लोमेंद्र 13-14 दिसंबर 2023 की दरमियानी रात जब घर में नशे की हालत में सोया हुआ था, तो उसने सुनील को बुला लिया। इसके बाद संगीता ने लोमेंद्र का कसकर पैर पकड़ लिया। इसके बाद सुनील डहरिया ने टेलीफोन वायर के जरिए उसका गला घोंट दिया। इससे उसकी मौत हो गई। इसके बाद अगली सुबह उसकी मौत होने की सूचना देकर संगीता ने इसे स्वाभाविक मौत बताने की कोशिश की।