कांग्रेस नेता ने दिया भूपेश बघेल को मानहानी का नोटिस, AICC सदस्य ने 15 दिन में मांगा जवाब, लगाया आतंकवादियों से तुलना का आरोप…देखे पूरी खबर
भिलाई। छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कांग्रेस में कुछ लोगों को ”स्लीपर सेल” बताया था। स्लीपर सेल वाले बयान के बाद उन्हें अब खासा विरोधों का सामना करना पड़ रहा है। जिसको लेकर कांग्रेस के पूर्व प्रदेश महासचिव और AICC सदस्य अरुण सिसोदिया ने उन्हें मानहानि का नोटिस भेजा है। उन्होंने अपने वकील सौरभ चौबे के माध्यम से उन्हें नोटिस भेजा है और 15 दिन के भीतर उनसे जवाब मांगा है।
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पूर्व सीएम भूपेश बघेल ने शुक्रवार को मीडिया से चर्चा के दौरान कहा था कि, कांग्रेस में कुछ लोग खराब नीयत से स्लीपर सेल की तरह काम कर रहे हैं। वे पार्टी की बेहतरी नहीं चाहते हैं। उनका यह बयान उन कार्यकर्ताओं के लिए था, जो कि हाल ही में खुले मंचों पर बड़े नेताओं को निशाना साधते हुए अपनी बात रख चुके हैं। दरसअल, स्लीपर सेल आतंकवादी संगठनों के लिए काम करने वालों की भाषा है। आतंकवादी संगठन में स्लीपर सेल आम आदमी की तरह काम करते हैं।
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दीपक बैज को पहले भी लिख चूके है पत्र
प्रदेश कांग्रेस कमिटी के पूर्व महामंत्री और अखिल भारतीय कांग्रेस कमिटी के सदस्य अरुण सिसोदिया ने प्रदेश अध्यक्ष दीपक बैज को पत्र लिखा है। जिसमें उन्होंने लिखा है कि, प्रदेश कांग्रेस कमेटी में कोषाध्यक्ष रामगोपाल अग्रवाल द्वारा अपने मित्र और पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के राजनितिक सलाहकार विनोद वर्मा के बेटे की कंपनी टेसू मीडिया लैब गाजियाचाद को 5 करोड 89 लाख रुपए दिया गया। जिसकी जानकारी तब के तत्कालीन प्रदेश अध्यक्ष मोहन मरकाम व प्रभारी महामंत्री को थी। जबकि कोषाध्यक्ष को कार्यादेश जारी करने अनुमति नहीं और पार्टी बायलोज के अनुसार प्रदेश कार्यकारणी में प्रस्ताव लाकर पास करना आवश्यक है और प्रदेश अध्यक्ष के नोट शीट एप्रूवल लिया जाना जरूरी है।
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निजी लोगों को दिए पैसे
अरुण सिसोदिया ने कहा कि, सुरेंद्र दाऊ कार्यकर्ता हैं उनके साथ जो बढ़ता हुआ एक सभा के दौरान वह बिल्कुल अस्वीकार्य है। यदि कोई सभा में कोई नेता अपनी बात रखता है तो उसका समाधान करना चाहिए। ना ही की उसमें व्यवधान उत्पन्न करना चाहिए और उनको परेशान करना चाहिए। सुरेंद्र दास ने जो आरोप लगाया कि, वह आप नहीं एक प्रकार से प्रमाण है। ब्लाक अध्यक्ष व जिला अध्यक्ष को 5-10 हजार मासिक सगठन के कार्य करने नहीं दिया गया पर अपने परिवार के लोगों को एक कमरे में बैठकर कार्यादेश व गवाह निजी लोगों को बनाकर भुगतान कर दिया गया। साथ ही जो रकम 10 लाख 6 लाख व 3 लाख यानि 19 लाख प्रति माह मुगतान किया गया वो वर्तमान में 10 गुना है। यानि प्रति माह 20 लोगो की टीम 3 लाख में कार्य कर रही है जैसा की आपको पूर्ण विदित है।
सुरेंद्र दाऊ के मंच वाले कांड से फजीहत हुई शुरु
भरे मंच से पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को खरी-खरी सुनाकर चर्चा में आए राजनांदगांव जिले के कांग्रेस नेता सुरेन्द्र दाऊ को पुलिस सुरक्षा प्रदान की गई है। सुरेंद्र दाऊ ने राजनीतिक धमकी मिलने की बात कहते हुए पुलिस से सुरक्षा की मांग की थी।
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बता दे कि, छत्तीसगढ़ की राजनांदगांव लोकसभा क्षेत्र से कांग्रेस पार्टी ने पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को प्रत्याशी बनाया है। पिछले दिनों श्री बघेल वहां कार्यकर्ता सम्मेलन में शामिल होने पहुंचे थे। इसी सम्मेलन में स्थानीय कांग्रेस नेता सुरेंद्र दाऊ ने श्री बघेल की मौजूदगी में स्थानीय कार्यकर्ताओं की उपेक्षा का आरोप मंच से ही लगा दिया। कांग्रेस पार्टी ने सुरेंद्र दाऊ की इस दहरकत को अनुशासनहीनता मानते हुए कारण बताओ नोटिस जारी किया है। वहीं सुरेंद्र दाऊ ने इस बीच राजनांदगांव पुलिस से राजनीतिक धमकी मिलने की बात कहते हुए सुरक्षा की मांग की थी।
कांग्रेस के पूर्व जिला पंचायत उपाध्यक्ष सुरेंद्र दाऊ का कहा था कि राजनांदगांव लोकसभा प्रत्याशी के रूप में भूपेश बघेल को राजनांदगांव से उतारा गया है, तो वे दुर्ग से ही कार्यकर्ताओं को लाकर काम क्यों नहीं करवा रहे हैं. मैंने पूर्व सीएम की मौजूदगी में कांग्रेस कार्यकर्ताओं की पीड़ा बताई थी. जिस पर मुझे नोटिस दिया गया है, अगर सच्चाई बोलना गुनाह है तो मैं यह गुनाह बार-बार करूंगा.