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कांकेर नक्सल मुठभेड़ : ऐसे हुआ 29 नक्सलियों का खात्मा ..जाने इन साइड स्टोरी

📌Highlights
कांकेर जिले के अबूझमाड़ के हापाटोला में हुई नक्सली मुठभेड़
बीएसएफ और डीआरजी की संयुक्त टीम ने 29 नक्सलियों को मार गिराया
29 नक्सलियों के खात्मे के पीछे की इन साइड स्टोरी

कांकेर जिले के अबूझमाड़ के हापाटोला में हुई नक्सली मुठभेड़ में बीएसएफ और डीआरजी की संयुक्त टीम ने 29 नक्सलियों को मार गिराया है और सभी के शव बरामद कर लिए गए हैं। DIG इंटेलिजेंस आलोक कुमार सिंह ने बताया, पिछले कुछ दिनों से कांकेर इलाके में नक्सलियों के मूवमेंट के इनपुट्स मिल रहे थे। इसके बाद पुलिस और BSF ने ऑपरेशन की तैयारी की। इसी के तहत आज का ऑपरेशन प्लान किया गया। नक्सलियों को दोपहर करीब एक बजे घेर लिया गया। तक़रीबन 2 बजे मुठभेड़ शुरू हुई और शाम को 7.30 बजे तक चली। इस दौरान सुरक्षाबलों ने नक्सलियों के शव भी बरामद भी किए हैं। उन्होंने आगे बताया कि, मुठभेड़ में मारे गए शंकर राव और ललिता माड़वी डीवीसी रैंक के नक्सली लीडर थे और दोनों पर 8-8 लाख का इनाम घोषित था। पुलिस ने मौके से 4 ऑटोमैटिक हथियार भी जब्त किए हैं।
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बता दे कि छत्तीसगढ़ में लोकसभा चुनाव से पहले कांकेर जिले के माड़ इलाके में हुई मुठभेड़ में सुरक्षाबलों ने 29 नक्सलियों को ढेर कर दिया और सभी के शव बरामद कर लिए गए हैं। इनमें नक्सली लीडर शंकर राव भी शामिल है। मुठभेड़ में बीएसफ इंस्पेक्टर रमेश चौधरी सहित 3 जवान घायल हुए हैं, जिनमें 2 DRG के जवान हैं। वहीं मौके से 5 AK-47 बरामद की गईं। घायल जवानों को हेलिकॉप्टर के माध्यम से रायपुर लाया गया है। डीआरजी का घायल जवान सूर्यवंशी श्रीमाली धमतरी जिले के नगरी का रहने वाला है।

नदी -नाले पार करते ऐसे पहुंचे जवान
16 अप्रैल को पहाड़, नदी-नाले पार कर करीब 300 से 400 जवान नक्सलियों को घेरने उनके गढ़ में घुस गए। नक्सली जिस जंगल को अपना सुरक्षित ठिकाना मानकर रुके थे, वह टेकरी वाला इलाका था। लगभग 1 से डेढ़ बजे के बीच जवान नक्सलियों के ठिकाने के नजदीक पहुंच गए थे। जवानों और नक्सलियों के बीच की दूरी महज 250 से 300 मीटर ही थी। पेड़ और मेड़ का सहारा लेकर जवान छुप गए। जहां नक्सली मौजूद थे, उस पूरे इलाके को चारों तरफ से घेरा गया। यहां नक्सली कमांडर शंकर अपने साथियों के साथ खाना खाकर निश्चिंत बैठा था। सूत्रों के मुताबिक एनकाउंटर से कुछ देर पहले शंकर अपने साथियों की मीटिंग करने वाला था।

शंकर राव और ललिता
इंटेलिजेंस के सूत्रों मुताबिक, कांकेर इलाके में नक्सली कमांडर शंकर का जबरदस्त असर था। उस इलाके में जितनी भी नक्सल घटनाएं हुई हैं, ज्यादातर का मास्टर माइंड यही था। कई बार मुठभेड़ में ये पुलिस की गोलियों से बचकर भी निकला था, लेकिन 16 अप्रैल की मुठभेड़ में पुलिस की रडार में आ गया।

4 दिन बाद होनी है वोटिंग
उल्लेखनीय है कि, बस्तर लोकसभा सीट पर 4 दिन बाद 19 अप्रैल को वोटिंग होनी है। वहीं कांकेर लोकसभा सीट पर दूसरे चरण में मतदान होना है। इसके लिए नामांकन फॉर्म भी भरे जा चुके हैं। कांकेर में 26 अप्रैल को वोटिंग होगी। सुरक्षाबलों और नक्सलियों के बीच तक़रीबन मुठभेड़ साढ़े 5 घंटे चली।

भूपेश बघेल एनकाउंटर को फर्जी बता रहे , मैं चैलेंज करता हूं आप साबित करके दिखाए – विजय शर्मा

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