पिछले 7 सालों में सिर्फ 37 लोगों को मिली नौकरी, ड़ेढ लाख से ज्यादा युवा बेरोजगार
सूर्यप्रकाश सूर्यकांत
बिलासपुर – छत्तीसगढ़ प्रदेश में भले ही बेरोजगारी दर कम हो, लेकिन जिले में बेरोजगारी लगातार बढ़ती जा रही है। पंजीयन कार्यालय के आंकड़ो के अनुसार बीते 7 साल में सिर्फ 37 लोगों को नौकरी मिली है। वहीं अब भी जिले में 1 लाख 48 हजार 103 लोग बेरोजगार घूम रहे हैं। इस दौरान कुल 1 लाख 48 हजार 140 लोगों ने रोजगार कार्यालय में पंजीयन कराए थे। सबसे अधिक बेरोजगार 2016 और 2018 में पंजीकृत हुए हैं।
राज्य सरकार लगातार बेरोजगारी दर कम करने के लिए रोजगार तो उपलब्ध कराने के दावे कर रही है, लेकिन बिलासपुर जिले में पंजीयन कार्यालय के आंकड़ों पर नजर डालें तो बेरोगारों का यह आंकड़ा साल दर साल बढ़ता जा रहा है। पर बेरोजगारी कम नहीं हो रही है। जिले में बेरोजगार युवक-युवतियों को रोजगार के काबिल बनाने के लिए राज्य और केंद्र सरकार की योजनाओं के तहत अलग-अलग विषयों पर प्रशिक्षण दिया जाता है। इसके बावजूद यह आंकड़ा कम होने का नाम नहीं ले रहे हैं। बीते 7 सालों में रोजगार कार्यालय में 1 लाख 48 हजार से अधिक बेरोजगारों का पंजीयन हो चुका है, लेकिन 37 को ही रोजगार मिला। या फिर और कई को रोजगार मिला होगा, पर बिलासपुर पंजीयन कार्यालय के पास इसका कोई रिकॉर्ड नहीं है। हालाकि अफसर ने कहा कि सभी विभाग में चिट्ठी लिखकर नौकरी मिलने वालों की सूची मंगाई जाएगी।
वर्ष 2021-22 में 40 हजार ने कराया पंजीयन
40 हजार बेरोजगारों ने पंजीयन कार्यालय पहुंचकर अपना पंजीयन कराया है। इनमें सिर्फ एक व्यक्ति को नौकरी मिली हैं। बाकि अभी भी रोजगार की तलाश में इधर-उधर भटक रहे हैं। रोजाना जिले के रोजगार पंजीयन कार्यालय में बेरोजगारी की लंबी लाइन लगी रहती है। बेरोजगार इस आस में रहते हैं कि सरकार कोई न कोई योजना निकाल कर उन्हें नौकरी देगी, लेकिन जिले के युवाओं को किसी प्रकार की नौकरी नहीं मिल रही है।
दो साल से कोरोना के कारण नहीं लगा रोजगार मेला
बीते दो साल से रोजगार मेला नहीं लगाया गया है। बेरोजगार पंजीयन तो करा रहे हैं। पर पंजीयन के बाद भी जिले में युवाओं को रोजगार नहीं मिल रहा है और इधर उधर भटक रहे हैं। अफसर ने कहा कि हमारे हाथ में किसी को रोजगार देने का अधिकार नहीं है। हमसे जितना हो पाता है। उतना युवाओं को सुविधा दे रहे हैं।
रोजगार मेला का हुआ आयोजन
प्रदेश स्तर पर रोजगार मेला का आयोजन कर 46616 हजार पदों की भर्ती की जा रही है। मंगलवार को बिलासपुर जिले के तीन स्थान कैंप लगा। मॉडल आईटीआई कोनी, गर्ल्स पॉलिटेक्निक कॉलेज कोनी व लाईवलीहुड कॉलेज निपनिया बिल्हा में भी 8500 पदों की भर्ती के लिए 39210 बेरोजगर साक्षात्कार के लिए पहुंचे, जिसमें कुल 2839 युवाओं का चयन हुआ। बाकी बचे आवेदकों का 15 दिन के भीतर फिर से साक्षात्कार की प्रक्रिया की जाएगी।
रोजगार मेला में news36 की ठीम ने ग्राउंड पर जाकर जब जानकारी ली तो युवाओं में काफी नाराजगी देखने को मिली।
नौकरी के पहले ही कंपनी ने मांगे 30 हजार रुपए
सेफ्टी फायर पद के लिए आवेदन किए दीपक कुर्रे किसान परसदा मस्तूरी निवासी ने बताया कि वह ग्रेजुएट हैं। कंपनी 10 से 12 हजार तो देने की बात कह रही है, लेकिन युवक ने बताया कि कंपनी की शर्त है कि पहले आपको 30 हजार जमा करना होगा। उसके बाद आपको ट्रेनिंग कराई जाएगी फिर जॉब मिलेगा। आगे युवक ने कहा कि घर में अगर रुपए देंगे तो ही जमा कर पाएगें। बेरोजगार है तो क्या कर सकते हैं। कही न कही तो नौकरी करनी ही पड़ेगी।
सुबह से पहुंचे युवक को कंपनी के कर्मियों ने कहा- समय खत्म हो गया
वापस लौट रहे आईटीआई पास विनय दुबे पड़रिया तखतपुर निवासी ने कहा कि यहां काफी यहां अव्यवस्था है। सिस्टम से कुछ काम नहीं हो रहा है। उसने बताया कि वह गया तो पंजीयन करने वालों ने पहले कहा की समय बीत चुका है। फिर कहा कि रिज्यूम लेकर आओ, फिर कहा रिजल्ट लेकर आओ फिर कई बार फोटो कॉपी करने को कहा इससे परेशान होकर युवक वहां से निकल गया। जबकि उसने बताया कि एक बार सभी दस्तावेज जमा कर दिया था।
आईटीआई पास युवतियों ने कहां
जितनी सैलरी नहीं उससे ज्यादा काम युवतियों ने बताया कि उन्होंने फाइनेंस के लिए आवेदन दिया था, लेकिन उनका साक्षात्कार नहीं हुआ। सिर्फ फॉर्म बस लिया गया। साथ ही बताया फील्ड वर्क के लिए कहा गया है। इसमें 50 से 80 किमी में फील्ड वर्क करना होगा। अपने ही वाहन से फील्ड पर जाना होगा। सिर्फ 12 से 15 हजार रुपए देंगे। इससे बेहतर है कि 10 हजार कि नौकरी यहां भी मिल जाएगी। जिसने सैलरी कंपनी देने को कह रही है। उससे ज्यादा यहां खर्च हो जाएगा।
एक युवा बेरोजगार ने बताया
बेंगुलुरू वीटीएस कंपनी में 16 हजार रुपए सैलरी में ऑफर दिया गया, जिसमें ग्रेजुएट युवा ने कहा कि 400 रुपए रोजी मजदूरी कर कर महीने के लिए 12 हजार रुपए कमा लेगा। साथ ही उसने बताया कि बेगलुरु से स्लीपर ट्रेन में आने जाने में ही 2 हजार से ज्यादा रुपए भी खर्च हो जाएंगे। आगे युवाओं ने बताया कि भिलाई में फाइनेंस कंपनी 8 हजार तो रायपुर ने सिर्फ युवाओं को 10 हजार रुपए देने की बात कही जा रही है।
कई ने बताया कि छत्तीसगढ़ के बाहर जाने पर सिर्फ 12 से 15 हजार की नौकरी ही कंपनियां दे जा रही है। साथ ही कहा कि यहां हमारे क्वालिफिकेशन के हिसाब से नौकरी नहीं दी जा रही है। अब कभी इस तरह के रोजगार मेला में शामिल नहीं होंगे। मेले में 5 हजार से ज्यादा बेरोजगार युवा शामिल हुए थे।