Chhattisgarh : छत्तीसगढ़िया क्रांति सेना द्वारा धुमधाम से मनाया गया जबर हरेली रैली, प्रकृति को बचाने संवारने का दिया गया संदेश
Chhattisgarh : कृषि प्रधान प्रदेश छत्तीसगढ़ में हरेली त्यौहार छत्तीसगढ़ का प्रमुख त्योहार है इसमें किसान अपनी फसल की सुरक्षा की कामना करते हुए हरेली त्यौहार मनाते है. जब किसान आषाढ महीने में अपने खेत फसल उगाता है तो यह श्रावण महीने के आते धान की फसल हरा – भरा हो जाता है. तब किसान अपनी फसल की सुरक्षा की कामना लिए हरेली त्यौहार धुमधाम से मनाते है. इसी उद्देश्य को लेकर आज इस्पात नगरी भिलाई में छत्तीसगढ़िया क्रान्ति सेना द्वारा अंबेडकर मूर्ति, पावरहाउस भिलाई से लगातार सातवीं बार जबर हरेली रैली निकाली गयी.। इस रैली में लोक कलाकार एवं छत्तीसगढ़िया जन अपने प्रथम त्यौहार हरेली को उल्लासमय वातावरण में मनाते दिखे । सुसज्जित बैलगाड़ियों का जूलूस, बस्तरिहा रेला-पाटा, गेड़ी, पंथी, करमा, सुवा, राऊत नाचा, डंडा नृत्य करते हुए लोग प्रकृति के साथ-साथ अपनी मूल संस्कृति को बचा कर रखने का संदेश दिया गया . छत्तीसगढ़ महतारी और छत्तीसगढ़िया महापुरुषों की झांकी, हसदेव जंगल रक्षा का संदेश देती चलित झांकी रैली के विशेष आकर्षण का केंद्र बिंदु रहा
साथ में महिला पंथी दल का गतिमान नृत्य एवं छत्तीसगढ़ के अखाड़ा के रुप में छत्तीसगढ़ियों का शौर्य प्रदर्शन भी किया गया. होगा । विशाल जन-समूह के साथ चलती रैली आगे जाकर रिसाली दशहरा मैदान के जनसैलाब में समाहित हुई . वहां हल एवं कृषि औजारों की विधि विधान से पूजा की गई, जहां छत्तीसगढ़ महतारी और बुढ़ादेव एवं पुरखा देवता की पूजा अर्चना की गई
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