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छत्तीसगढ़ के मदिराप्रेमियों के साथ धोखा !….घोषणा के बाद भी नहीं मिल रही है ब्रांडेड शराब

छत्तीसगढ़ में शराब प्रेमियों में भारी निराशा है, सरकार द्वारा ब्रांडेड शराब उपलब्ध होने की घोषणा के बाद पखवाड़ा भर बीत जाने के बाद भी प्रदेश के सरकारी शराब दुकानों से ब्रांडेड शराब गायब है, अभी भी मदिराप्रेमी उचे दरों पर उन शराबों का सेवन करने पे मजबूर है जिनके नाम भी उन्होंने कभी नहीं सूने, बता दे कि सरकार ने लायसेंसी सिस्टम समाप्त कर पुरानी व्यवस्था लागू कर दी है, आबकारी विभाग ने इसे लेकर दावा किया था कि 11 सितंबर से छत्तीसगढ़ के शराब दुकानों में सभी ब्रांड्स की शराब मिलनी शुरु हो जाएगी जाएगी। विभाग के अनुसार पिछली सरकार ने नियम बदलकर एफएल-10 लागू कर दिया है । जिसमें शराब खरीदी का काम लायसेंसी सिस्टम के तहत बिचौलियों को दे दिया गया था और बिचौलिए वही माल यहां सप्लाई करते थे। इसके लिए उन्हें मोटा कमीशन मिलता था। लेकिन शराब पर अभी भी विदेशी कंपनियों का वर्चस्व है और लोगों को डिमांड भी विदेशी कंपनियों की शराब की रहती है. लेकिन विदेशी कंपनियां कमीशन नहीं देती हैं। इसलिए लोकल कंपनियों ने बिचौलियों को मुंह मांगा पैसा देकर छत्तीसगढ़ में अपना राज कायम कर लिया था।

बांड्रेड बियर और शराब अभी भी गायब
छत्तीसगढ़ में एफएल-10 लागू हो चुका है इससे पहले लायसेंसी सिस्टम के दौरान बड़े बियर बार में तो कुछ ब्रांड मिल जाते थे। लेकिन सरकारी दुकानों में नहीं मिलता था। बियर में सिर्फ एक लोकल कंपनी की सिम्बा उपलब्ध होती थी और लोगों को मजबूरन पीना पड़ता था। छत्तीसगढ़ में नई सरकार बनने के बाद दो महीने पहले जुलाई में लायसेंसी सिस्टम समाप्त कर फिर से पुरानी व्यवस्था कायम की गई थी। इसके तहत ब्रेवरेज कारपोरेशन ने शराब खरीदी का काम प्रारंभ किया। सरकार ने इसके लिए आईएएस श्याम धावडे को बस्तर कमिश्नर से वापस बुलाकर ब्रेवरेज कारपोरेशन की कमान सौंपी।

सभी ब्रांड्स की मिलेंगी शराब -एमडी
ब्रेवरेज कारपोरेशन की कमान संभाल रहे एमडी श्याम धावडे ने दावा किया था कि छत्तीसगढ़ में अब ब्रांड और उपलब्धता की दिक्कत नहीं जाएगी। धावड़े के अनुसार अभी तक 34 शराब कंपनियों से एग्रीमेंट किया गया है। उम्दा ब्रांड की 20 लाख पेटी का आर्डर किया गया था। माल बाहर से आना प्रारंभ हो गया है। उन्होंने कहा था कि 10 से 15 सितंबर के बीच छत्तीसगढ़ की सभी दुकानों में ब्रांड और उपलब्धता का संकट समाप्त हो जाएगा। छत्तीसगढ़ में अंग्रेजी शराब के सारे लेवल उपलब्ध होंगे, पर दावें के एक पखवाड़े से भी ज्यादा समय बीत जाने के बाद प्रदेश के मदिराप्रेमी को निराशा ही हाथ लगी है

सरकार के FL10 A,B लाइसेंस व्यवस्था समाप्त करने के बाद स्टेट बेवरेज कॉर्पोरेशन ने शराब निर्माता कंपनियों से शराब के रेट मंगवाए थे। जिसमें 70 कंपनियों ने विदेशी शराब के लिए रेट ऑफर किया है। इनमें छत्तीसगढ़ समेत दूसरे राज्य की शराब बनाने वाली कंपनियां भी शामिल हैं। इन कंपनियों ने विदेशी शराब के 303 ब्रांड और बीयर के 69 ब्रांड के रेट दिए थे।

दावा था मिलेगी विदेशो में बिकने वाली शराब
विभाग का दावा था कि छत्तीसगढ़ में प्रस्तावित व्यवस्था के लागू होने से यूरोप के बड़े देशों में बिकने वाली विदेशी शराब भी आसानी से सरकारी शराब दुकानों में मिल पाएगी। बैठक में अधिकारियों को स्पष्ट रूप से निर्देश दिए गए कि मदिरा दुकानों में निर्धारित दर से अधिक दर पर मदिरा का विक्रय न हो और मदिरा में किसी भी प्रकार की मिलावट न हो, यह सुनिश्चित किया जाना चाहिए।

क्वार्टर में 10 रुपये और बोतल में 40 रुपये की बढ़ोतरी
छत्तीसगढ़ में भाजपा सरकार ने दूसरी बार शराब के दाम बढ़ाए गए हैं। अलग-अलग ब्रांड के क्वार्टर(पौवा) की कीमत 40 रुपए तक बढ़ाए गए हैं। जम्मू डीलक्स विस्की के क्वॉर्टर में 40 रुपए का इजाफा किया गया तो सिंबा एडिशन बीयर का रेट 30 रुपए बढ़ गया है। 1 सितंबर से बढ़ी हुई नई दरें लागू कर दी गई हैं। इससे पहले अप्रैल में शराब के दाम बढ़ाए गए थे।

इन शराबों के बढ़े दाम
व्हाइट एंड ब्लू, फ्रंटलाइन, विडंसर, रॉयल पैशन, आपटर डार्क, ऑल सीजन, वाइट रैबिट, ब्लैक एंड व्हाइट, 100 पाइपर्स डिलक्स, एसी ब्लैक, डबल ब्लैक के साथ ही जम्मू डिलक्स विस्की के रेट बढ़ गए हैं।

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