Chhattisgarh Crime : आरक्षक की गायब थी पत्नी और बेटी सुबह सड़क किनारे मिला शव
Chhattisgarh Crime : छत्तीसगढ़ के सूरजपुर जिले से हत्या का सनसनीखेज मामला सामने आया है. जहां सूरजपुर कोतवाली थाने में पदस्थ प्रधान आरक्षक की पत्नी और बेटी की बेरहमी से हत्या कर दी गई है. दोनों की लाश घर से करीब 5 किलोमीटर दूर पीढ़ा गांव में संदिग्ध हालात में मिली है. इस घटना से पुलिस महकमे में हड़कंप मच गया है. घटना की सूचना मिलते ही एसपी सहित आलाधिकारी मौके पर पहुंचे हुए हैं. पुलिस मर्ग कायम कर जांच में जुट गई है.
अंबिकापुर सूरजपुर के महगवां बाइपास रिंग रोड में दो मंजिला किराए में जब आरक्षक ड्यटी कर घर आया। घटना के वक्त प्रधान आरक्षक तालिब शेख सूरजपुर कोतवाली में ड्यूटी कर रहा था। देर रात करीब एक बजे जब वह घर लौटा तो बाहर का दरवाजा खुला था।
दरवाजे के बाहर खून निशान
दरवाजे के बाहर खून के घसीटने के निशान नजर आने से उसके होश उड़ गए। भीतर जाकर जब वह देखा तो पत्नी और बेटी दोनों नहीं थे। किचन में काफी सामान बिखरा हुआ था। उन्होंने तत्काल कोतवाली थाने में इसकी सूचना दी। देर रात मौके पर एसपी एमआर आहिरे वहां पहुंचे।
धारदार हथियार से वारकर हत्या
सुबह करीब नौ बजे पुलिस टीम ने पीढ़ा और जूर मार्ग के दोनों किनारे में पत्नी और बेटी की लाश को बरामद कर लिया है। सड़क के एक और सीपीटी गड्ढे में पत्नी की और दूसरी और के गड्ढे में बेटी की लाश पड़ी थी। दोनों की धारदार हथियार से वारकर हत्या की गई है। ग्रामीणों ने इसकी सूचना पुलिस को दी। पुलिस टीम और अधिकारी मौके पर पहुंच गए हैं। घटनास्थल की जांच की जा रही है। एसपी आहिरे भी मौके पर डटे हुए हैं। इस मामले में अब पुलिस हत्या का अपराध दर्ज कर जांच कर रही है।
दोनों की हत्या क्यों की गई
प्रधान आरक्षक से भी जानकारी जुटाई जा रही है। दोनों की हत्या क्यों की गई यह भी बड़ा सवाल है। लेकिन अनुमान लगाया जा रहा है कि हत्यारे जो भी थे उन्होंने पूरे मामले की रेकी की थी। उन्हें पता था कि प्रधान आरक्षक रात देर से लौटेगा। नीचे के किराए के मकान में परिवार रहता है वह बाहर गया हुआ है और सूनेपन का फायदा उठाकर उन्होंने प्रधान आरक्षक की पत्नी और बेटी पर घर में घुसकर हमला कर उनकी हत्या कर दी।
सात किलोमीटर दूर गड्ढे में मिला शव
हत्या के बाद दोनों के शव को वहां से घसीटते हुए किसी वाहन के जरिए घटना स्थल से लगभग सात किलोमीटर दूर अलग-अलग गड्ढे में फेंका गया होगा। पुलिस आसपास के लोगों से पूछताछ भी कर रही है। घटनास्थल जहां लाश मिली और जिस किराए के मकान में प्रधान रक्षक रहता है वहां फॉरेंसिक की टीम और डॉग स्क्वॉड को जांच के लिए बुलाया गया है।
प्रधान आरक्षक पत्नी और उसकी बेटी गायब थी
लापता प्रधान आरक्षक की पत्नी और उसकी बेटी की तलाश की जा रही थी। जानकारी के अनुसार सूरजपुर महगवां रिंग रोड में किराए के मकान के ऊपरी मंजिल में प्रधान आरक्षक तालिब शेख 42 वर्ष अपनी पत्नी मेहनाज 36 वर्ष और बेटी आलिया 14 वर्ष के साथ रहता है। उसकी पुत्री सूरजपुर के साधुराम विद्या मंदिर में पढ़ती थी।
प्रधान आरक्षक तालिब शेख लगाते रहे कॉल
तालिब शेख की पदस्थापना रमकोला थाने है लेकिन वह कुछ दिनों से सूरजपुर कोतवाली में संलग्न होकर काम कर रहा था। प्रतिदिन की तरह वह रविवार शाम को कोतवाली में ड्यूटी कर रहा थे। घर में पत्नी मेहनाज और पुत्री आलिया थी। रात करीब 10 बजे तालिब शेख ने घर में पत्नी को मोबाइल से फोन किया लेकिन उसने फोन नहीं उठाया। तालिब शेख ने सोचा शायद कहीं काम में व्यस्त होगी इस कारण से उसने इस बात पर ध्यान नहीं दिया।
तालिब शेख जब घर पहुंचे सीढ़ी में खून निशान देख उड़े होश
देर रात करीब एक बजे प्रधान आरक्षक अपने घर पहुंचा दो वहां का नजारा देख उसके होश उड़ गए। घर की पहली मंजिल के बाहर और सीढ़ी में खून से सने किसी व्यक्ति को घसीटने के निशान दिखे। अनहोनी को आशंका से वह अंदर घर में गया तो वहां पत्नी और बेटी दोनों नहीं मिले। किचन में काफी सामान बिखरा हुआ था।
पूरी रात चलता रहा खोजबीन, सुबह मिला शव
रात भर दोनों की खोजबीन चलती रही। एसएसपी भी रात भर कोतवाली में बैठ घटना की मॉनिटरिंग करते रहे। ऊपरी मंजिल से नीचे खेत तक खून के निशान किराए के मकान की पहली मंजिल से लेकर नीचे खेत तक खून के घसीटने के निशान मिले हैं। घर के पास एक चाकू भी मिला। सुबह मिला शव।
घर को किया गया सील
पुलिस ने घर को फिलहाल सील कर दिया है। फोरेंसिक टीम को भी मौके पर बुलाया गया है। आईजी अंकित गर्ग के घटनास्थल की जांच कर एसएसपी से मामले को लेकर चर्चा की। तालिब शेख जिस किराए के मकान में रहता था वह बोखी कबाड़ी का है।
नीचे के घर में रहता है दूसरा परिवार
दो मंजिला मकान के भूतल वाले हिस्से में रेलवे में काम करने वाले एक कर्मचारी का परिवार रहता है। वह 10 अक्टूबर को अपने परिवार के साथ जयपुर गया हुआ है। उसके घर में ताला लगा है। दोनो परिवार मूलतः यूपी का रहने वाला था। वर्तमान में दोनों परिवार मनेन्द्रगढ़ में रहते हैं। तालिब के पिता हेडकांस्टेबल थे। उसके ससुर एसईसीएल कर्मचारी थे।