अपमानित करने का आरोप लगा बीजेपी ने विधानसभा के कार्यक्रमों का किया बहिष्कार, नेता प्रतिपक्ष ने लिखी चिट्ठी, देखे क्या कहा
रायपुर। छत्तीसगढ़ विधानसभा के शीतकालीन सत्र में हंगामे के बाद विधानसभा अध्यक्ष ने निर्धारित समय से दो दिन पहले अनिश्चितकाल के लिए सत्र को स्थगित कर दिया है। इस दौरान भाजपा विधायकों को निलंबित भी किया गया। इससे भाजपाइयों में नाराजगी है। अब भाजपा विधायकों ने विधनासभा के किसी भी आयोजनों में शामिल नहीं होने का फैसला लिया है।
विपक्ष का हुआ अपमान : बृजमोहन अग्रवाल
बता दे कि, छत्तीसगढ़ विधानसभा का शीतकालीन सत्र 2 से 6 जनवरी तक होनी थी । बुधवार को कार्यवाही का तीसरा दिन था। प्रश्नकाल से ही भाजपा आक्रामक रही । प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के चावल वितरण में घोटाले का आरोप लगाते हुए भाजपा ने हंगामा किया। सरकार के जवाब से नाराज भाजपा विधायक गर्भगृह में उतर गए और निलंबित कर दिए गए। विधानसभा की कार्यवाही भी रोकनी पड़ी। दोबारा कार्यवाही शुरू हुई तो भी हंगामा जारी रहा। ऐसे में दूसरी बार सभा की कार्यवाही रोकनी पड़ी। तब तक भाजपा विधायक गर्भगृह में धरना देकर बैठे रहे। तीसरी बार कार्यवाही शुरू होने से पहले विधानसभा अध्यक्ष डॉ. चरणदास महंत ने कार्यसूची में बदलाव कर दिया। एक दिन बाद प्रस्तावित विधानसभा उपाध्यक्ष के निर्वाचन को भी सूची में शामिल कर लिया गया। तीसरी बार कार्यवाही इस कार्यसूची से शुरू हुई। यह देखकर भाजपा ने विरोध शुरू कर दिया। विधायक बृजमोहन अग्रवाल ने इसे विपक्ष का अपमान बताया। इसी हंगामे के बीच सरकार ने दो विधेयक पेश किए। उनको चर्चा के बिना पारित करा लिया गया। उसके बाद विधानसभा उपाध्यक्ष के निर्वाचन की घोषणा हुई और सदन की कार्यवाही को अनिश्चित काल तक के लिए स्थगित कर दिया गया।
नेता प्रतिपक्ष का विधानसभा अध्यक्ष को चिट्ठी
सत्रावसान के बाद नेता प्रतिपक्ष नारायण चंदेल ने विधानसभा अध्यक्ष डॉ. चरणदास महंत को एक पत्र लिखा, इसमें उन्होंने विधानसभा अध्यक्ष पर सीधे आरोप लगाए हैं। चंदेल ने लिखा है कि आज आपने विपक्ष को सदन में निलंबित स्थिति में रखकर और सदन को बार-बार स्थगित कर हमारे कार्य करने के अधिकार से वंचित रखा है। बाद में आपकी ओर से पूरक कार्यसूची जारी कर 6 जनवरी तक चलने वाले सत्र को 4 जनवरी को ही समाप्त कर दिया। चंदेल ने लिखा, आपकी इस कार्यप्रणाली से विपक्ष अपने आप को अपमानित महसूस कर रहा है। आज के बाद विधानसभा के किसी भी आयोजन में हमारी भागीदारी की अपेक्षा न रखें।
देखे चिट्ठी