छत्तीसगढ़रायपुर संभाग

क्या कांग्रेस भेद पाऐगी रायपुर दक्षिण का अभेद किला …?

भाजपा की अभेद किला याने रायपुर की दक्षिण विधानसभा में उपचुनाव के तारिखों का एलान हो चुका है 13 नवंबर को यहां वोट डाले जाऐंगे और 23 नवंबर को इसके परिणाम आ जाऐंगे, कई सालों बाद इस सीट पर अजेय योद्धा याने बृजमोहन अग्रवाल मैदान में नहीं होंगे, उनके लोकसभा चले जाने से इस सीट पर उपचुनाव हो रहा है, बृजमोहन के न रहने से कांग्रेसी खेमा खुश नजर आ रहा है कांग्रेसियों का मानना है की गुटबाजी के शिकार हो चुके बृजमोहन के न रहने पर वे भाजपा का अभेद किला इस बार आसानी से भेद पाऐंगे

फिलहाल कभी रायपुर टाउन के नाम से जानी जाने वाली सीट अब रायपुर दक्षिण विधानसभा सीट के नाम से जानी जाती है. बीजेपी का इस सीट पर सालों से दबदबा बरकरार है लोग इसे बीजेपी का अभेद किला मानने लगे है , इस विधानसभा सीट के सियासी सफर को देखें तो 1977 के चुनाव में इस सीट पर जनता दल का कब्जा रहा. 1977 में हुए विधानसभा चुनाव में रायपुर टाउन सीट पर जनता दल और रायपुर सीट पर जनता पार्टी ने जीत दर्ज की. 1977 के चुनाव में रायपुर टाउन सीट से बीजेपी ने अपना कोई प्रत्याशी खड़ा नहीं किया. यह सीट जनता पार्टी के खाते में गई. जनता पार्टी से रजनी डीपी उपासने ने जीत दर्ज की. जनता पार्टी की उम्मीदवार रजनी डीपी उपासने को 17 हजार 925 वोट मिले जो की कुल मतदान का 41.6 फीसदी रहा. इसी सीट से खड़े कांग्रेस के उम्मीदवार रघुवीर प्रसाद को 30.3 फीसदी वोट मिले.

पहली बार बीजेपी ने 1980 में यहां चुनाव लड़ा

1980 में पहली बार भाजपा ने रायपुर विधानसभा सीट से अपना प्रत्याशी खड़ा किया. 1980 में हुए विधानसभा चुनाव में रायपुर टाउन और रायपुर रुरल दोनों सीटों पर भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने जीत दर्ज की. चुनाव आयोग के आंकड़ों के मुताबिक 1980 में भारतीय जनता पार्टी ने रायपुर टाउन की सीट पर पहली बार अपना प्रत्याशी खड़ा किया. आंकड़ों पर गौर करें तो साल 1980 से ही बीजेपी ने इस सीट पर अपनी पकड़ को मजबूत करना शुरु कर दिया. पार्टी को 1980 में 27 फीसदी वोट हासिल हुए. इस साल बीजेपी की ओर से बालू भाई पटेल मैदान में थे.

1985 में दोनों सीटों पर कांग्रेस ने किया कब्जा

1985 के विधानसभा चुनाव में भी भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने रायपुर टाउन और रायपुर ग्रामीण दोनों सीटों पर जीत दर्ज की. 1980 में बेहतर प्रदर्शन करने वाली बीजेपी ने 1985 में भी बेहतर प्रदर्शन किया और अपनी पकड़ और मजबूत की. भारतीय जनता पार्टी की और से मैदान में उतरे वीरेंद्र पांडे चुनाव में दूसरे स्थान पर रहे. आपको बता दें वर्तमान में रायपुर दक्षिण विधानसभा सीट पहले रायपुर टाउन सीट और रायपुर ग्रामीण सीट के रूप में बंटी रही.

बृजमोहन अग्रवाल ने खिलाया 1990 में कमल

1990 में पहली बार भारतीय जनता पार्टी के बृजमोहन अग्रवाल ने इस सीट को जीतकर बीजेपी का परचम लहराया. साल 1993 में हुए विधानसभा चुनाव में एक बार फिर बीजेपी से बृजमोहन अग्रवाल मैदान में उतरे और कमल खिलाया. 1998 में भी बृजमोहन अग्रवाल ने जीत दर्ज की. राज्य का बंटवारा होने के बाद 2003 में हुए पहले विधानसभा चुनाव में रायपुर टाउन विधानसभा सीट पर भाजपा का दबदबा कायम रहा. बृजमोहन अग्रवाल फिर विजय बने. बीजेपी की पकड़ इस सीट पर लगातार बढ़ती गई.

2008 तक रायपुर में सिर्फ 2 विधानसभा सीटें थी

2008 तक रायपुर में सिर्फ दो विधानसभा सीट हुआ करती थी जो रायपुर टाउन और रायपुर रूरल सीट थी. 2008 में रायपुर को कुल चार विधानसभा सीटों में बांट दिया गया जिसमें रायपुर ग्रामीण, रायपुर सिटी वेस्ट, रायपुर सिटी नॉर्थ, और रायपुर सिटी साउथ में बांटा गया. 2013 के विधानसभा चुनाव में भी यह सीट भाजपा के खाते में ही गई. बीजेपी ने जो जीत का जो सिलसिला शुरु किया वो लगातार आगे भी जारी रहा. साल 1990 के बाद बृजमोहन अग्रवाल इस सीट से विजयी योद्धा बन गए. हर बार जीत उनके ही खाते में जाते रही.

अजेय योद्धा बने बृजमोहन अग्रवाल, कमल का बन गया किला

बृजमोहन अग्रवाल ने जो जीत का सिलसिला शुरु किया वो सिलसिला 2024 तक जारी रहा. अब 13 नवंबर को रायपुर दक्षिण विधानसभा सीट पर उपचुनाव होने हैं. दोनों ही पार्टियों ने अपने अपने प्रत्याशियों के नाम का ऐलान नहीं किया है. मतदान की तारीख आने के बाद अब उम्मीद है जल्द ही प्रत्याशियों के नाम भी सामने आ जाएंगे. अब देखना ये है कि जो विरासत जीत की बृजमोहन अग्रवाल ने खड़ी की है वो बरकरार रहती है या फिर कांग्रेस कोई करिश्मा करती है. नतीजे तो जनता के हाथों ही तय होना है

इस सीट पर भाजपा के दावेदारों की होड़

अब भाजपा में इस सीट को लेकर दावेदारों की होड़ मच गई है। लगभग दर्जन भर वरिष्ठ भाजपा नेता अपनी-अपनी दावेदारी पेश कर रहे हैं, जिससे चुनावी माहौल और भी रोचक हो गया है। पार्टी के भीतर अब उम्मीदवारों के चयन की प्रक्रिया शुरू होने की उम्मीद है, जो आगामी उपचुनाव के लिए महत्वपूर्ण होगी। रायपुर दक्षिण विधानसभा उपचुनाव के लिए बीजेपी उम्मीदवारों को लेकर हाल ही में हुई बीजेपी नेताओं की बैठक के बाद कई नामों पर गहन विचार हुआ. जिनमें सुनील सोनी, संजय श्रीवास्तव, केदार गुप्ता, मीनल चौबे, नंदन जैन, सुभाष तिवारी के नामों पर चर्चा हुई. जिनमें तीन नाम फाइनल किए गए हैं. प्रत्याशियों को नामों के साथ ही जातिगत समीकरण, जीत हार को लेकर मंथन हुआ.

रायपुर दक्षिण विधानसभा सीट पर कांग्रेस भी हुई सक्रिय

कांग्रेस पार्टी भी रायपुर दक्षिण विधानसभा सीट पर अपनी दावेदारी को लेकर सक्रिय होती दिखाई दे रही है। बृजमोहन अग्रवाल के सांसद बनने के बाद, कांग्रेस इस सीट को जीतने का सपना संजोए हुए है। बृजमोहन के खिलाफ चुनावी मैदान में उतरने वाले प्रत्याशियों के अलावा, नए चेहरों ने भी अपनी दावेदारी पेश करने का कोई मौका नहीं छोड़ा है।

रायपुर दक्षिण विधानसभा सीट के लिए कांग्रेस भी तैयारी में है. कांग्रेस को इस सीट पर कभी जीत नहीं मिली लेकिन पार्टी इस सीट पर जीत की पूरी तैयारी कर रही है. इस सीट पर जीत के लिए कांग्रेस ने पूरी ताकत झोंक दी है. 9 सदस्यीय चुनाव प्रबंधन समिति का गठन किया है. इसमें 6 पूर्व मंत्रियों और पूर्व विधायक समेत कई वरिष्ठ नेताओं को जिम्मेदारी दी गई है. इनमें पूर्व मंत्री सत्यनारायण शर्मा, रविन्द्र चौबे, मोहन मरकाम, शिव डहरिया, जयसिंह अग्रवाल, पूर्व पीसीसी चीफ धनेंद्र साहू, पूर्व विधायक कुलदीप जुनेजा शामिल है.

ख़बर को शेयर करें

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button
news36 से जुड़िए
जोहार...आपकी क्या सहायता कर सकते है, अपने आस पास की खबरें हमें भेज सकते है