नवागांव में शराबी युवक ने बंदर की पूछ पकड़कर घसीटा…… बेरहमी से की पिटाई, वन विभाग ने की कार्रवाई , आरोपी गया जेल
सीपत :— सीपत थाना क्षेत्र के ग्राम नवागांव में एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है। सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे एक वीडियो में नशे में धुत एक युवक द्वारा बंदर पर बर्बरता से हमला करते हुए देखा जा सकता है। इस वीडियो के वायरल होने के बाद सर्व हिंदू समाज के लोग आक्रोशित होकर थाना पहुंचे और आरोपी के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है।
जानकारी के अनुसार घटना 29 अक्टूबर 2024 की है, जब नवागांव में मनोज यादव के आवास पारा में स्थित घर के बाड़ी में एक बंदर सब्जियों को खाने लगा। मनोज यादव और उनके परिवार के सदस्यों ने बंदर को भगाने के लिए पत्थर का उपयोग किया। दुर्भाग्यवश पत्थर बंदर के शरीर पर लग गया, जिससे वह घायल हो गया और नीचे गिर गया। जब परिवार के लोग घायल बंदर को पानी पिलाने लगे, तभी गांव का ही रहने वाला सनत विश्वकर्मा पिता स्व: रामजी विश्वकर्मा जो शराब के नशे में धुत था, वहां आ पहुंचा। सनत विश्वकर्मा ने शराब के नशे में बंदर पर डंडे और पत्थरों से हमला शुरु कर दिया। वायरल वीडियो में साफ नजर आ रहा है कि सनत बंदर को बेरहमी से पीट रहा है। आसपास के लोगों ने उसे रोकने की कोशिश भी की, लेकिन वह नहीं रुका और लगातार बंदर पर वार करता रहा। इस हमले में बंदर बुरी तरह घायल हो गया, जिसके बाद उसे उपचार के लिए पशु विभाग की टीम ने संभाला और उसे इंजेक्शन देने के बाद कानन पेंडारी में इलाज के लिए भेज दिया गया है, जहां उसका इलाज जारी है। वीडियो के वायरल होते ही पूरे क्षेत्र में आक्रोश फैल गया। सर्व हिंदू समाज के लोग रविवार शाम को सीपत थाना पहुंचे और आरोपी सनत विश्वकर्मा के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की। उन्होंने इस कृत्य को न केवल अमानवीय बल्कि हिंदू आस्थाओं पर भी चोट के समान बताया। समाज के लोगों का कहना है कि बंदर को भगवान हनुमान का प्रतीक माना जाता है और इस तरह का व्यवहार धार्मिक भावनाओं को आहत करने वाला है। मामले की सूचना पर सीपत वन विभाग के डिप्टी रेंजर अजय बेन सदलबल अपनी टीम के साथ घटनास्थल पर पहुंचे व मामले की जांच करते हुए आरोपी युवक के खिलाफ उक्त मामले को लेकर वन्य प्राणी संरक्षण अधिनियम 1972 की धारा 2,9,39,50 एवं 51 के तहत कार्रवाई की गई है। उक्त कार्रवाई में सीपत सर्किल ऑफिसर अजय बेन, बीट फॉरेस्ट ऑफीसर सचिन राजपूत, राजकुमार चेलकर, केशव गिरी गोस्वामी, सुरक्षा श्रमिकों रामदयाल खरे, अजय कुर्रे, अन्य सहयोगियों में कृष्ण कुमार कश्यप, धनंजय गिरी गोस्वामी, राम सिंह ठाकुर, पंकज पांडे, छत्रपाल साहू, रिंकू शर्मा आदि का विशेष योगदान रहा।