छत्तीसगढ़रायपुर संभाग

CGPSC : पीएससी के पूर्व चेयरमैन टामन सिंह सोनवानी गिरफ्तार

CGPSC : छत्तीसगढ़ राज्य सिविल सेवा परीक्षा घोटाले में आरोपी और पीएससी के पूर्व चेयरमैन टामन सिंह सोनवानी को सोमवार को CBI ने गिरफ्तार कर लिया है। उल्ललेखनीय है कि, CBI ने कुछ महीने पहले ही सोनवानी के घर छापेमारी भी की थी।

मिली जानकारी के मुताबिक, छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग भर्ती घोटाले में सीबीआई ने बड़ा ऐक्शन लिया है। CBI ने कुछ महीने पहले ही सोनवानी के घर पर छापा मारा था। चेयरमैन के पद पर रहने के दौरान सोनवानी पर चयन के एवज में अभ्यर्थियों से लाखों रुपये रिश्वत लेने के आरोप लगे हैं। साथ ही तत्कालीन सचिव जेके ध्रुव और अन्य लोगों के खिलाफ कथित भाई-भतीजावाद और अपने अयोग्य रिश्तेदारों और परिचितों को डिप्टी कलेक्टर, डीएसपी जैसे बड़े पदों पर भर्ती सुनिश्चित करने के लिए मेरिट सूची में डालने के आरोप लगे हैं।

यह है पूरा मामला
उल्लेखनीय है कि, छत्तीसगढ़ पब्लिक सर्विस कमीशन (CGPSC) का काम राज्य में विभिन्न विभागों में भर्तियां कराने का होता है। इसी में से एक भर्ती राज्य सरकार के प्रशासनिक पदों पर बैठने वालों के लिए आयोजित कराई जाती है। इसके तहत DSP, डिस्ट्रिक्ट एक्साइज ऑफिसर, ट्रांसपोर्ट सब-इंस्पेक्टर, एक्साइज सब-इंस्पेक्टर जैसे पदों के लिए भर्ती होती है। CGPSC की ऐसी ही एक भर्ती में घोटाले का आरोप लगा है। परीक्षा में धांधली के आरोप लगाए गए हैं। 18 अभ्यर्थियों के सलेक्शन पर सवाल खड़े किए गए हैं।

करीबी रिश्तेदारों को नियुक्ति देने का आरोप
छत्तीसगढ़ में बहुचर्चित इस घोटाले के बारे में मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक CGPSC के तत्कालीन चेयरमैन टामन सिंह सोनवानी, राजभवन के तत्कालीन सेक्रेटरी अमृत खलको समेत कई अधिकारियों के बेटे-बेटियों और करीबी रिश्तेदारों को डिप्टी कलेक्टर और DSP जैसे पदों पर नियुक्ति देने के आरोप हैं। मामले को लेकर पूर्व बीजेपी नेता ननकी राम कंवर ने हाई कोर्ट में याचिका लगाई थी।

15 उम्मीदवारों के परिसरों की ली गई तलाशी

उन्होंने बताया कि एजेंसी ने बुधवार को 15 उम्मीदवारों के परिसरों की तलाशी ली, जबकि एक उम्मीदवार के आवास की तलाशी पहले ली गई थी। अधिकारियों ने बताया कि छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग के पूर्व अध्यक्ष तामन सिंह सोनवानी, पूर्व सचिव जीवन किशोर ध्रुव और एक परीक्षा नियंत्रक के खिलाफ जुलाई में अपने बेटे, बेटियों, रिश्तेदारों और परिचितों को मेरिट सूची में उच्च अंक दिलाने में मदद करने के आरोप में मामला दर्ज किया गया था।

सोनवानी के परिवार के पांच सदस्य हुए लाभान्वित

अधिकारियों ने बताया कि भर्ती प्रक्रिया में सोनवानी के परिवार के पांच सदस्य लाभान्वित हुए। इनमें उनके बेटे नितेश और बहू निशा कोसले (डिप्टी कलेक्टर), बड़े भाई का बेटा साहिल (डिप्टी एसपी), बहू दीपा आदिल (जिला आबकारी अधिकारी) और बहन की बेटी सुनीता जोशी (श्रम अधिकारी) शामिल हैं। सीबीआई प्रवक्ता ने कहा, ‘यह भी आरोप लगाया गया है कि छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग के तत्कालीन सचिव (ध्रुव) ने अपने बेटे सुमित को डिप्टी कलेक्टर के पद पर चयनित कराया था।’

ख़बर को शेयर करें

news36Desk

news36 Desk में अनुभवी पत्रकारों और विषय विशेषज्ञों की पूरी एक टीम है जो देश दुनिया की हर खबर पर पैनी नजर बनाए रखते है जो आपके लिए लेकर आते है नवीनतम समाचार और शोधपरक लेख

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button