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ईडी दफ्तर से निकले मंत्री कवासी लखमा, कहा ईडी ने नहीं किया परेशान..जो पूछा मैने बता दिया

छत्तीसगढ़ के बहुचर्चित शराब घोटाला मामले में आज रायपुर के ईडी दफ्तर में पूर्व आबकारी मंत्री कवासी लखमा और हरीश लखमा से ईडी अधिकारियों की पूछताछ खत्म हो गई है। करीब 8:30 घंटे तक चली पूछताछ के बाद कवासी और हरीश लखमा ईडी दफ्तर के बाहर आए। इस दौरान कवासी लखमा ने बताया कि अधिकारियों के सभी सवालों का उन्होंने जवाब दिया। पूर्व आबकारी मंत्री कवासी लखमा ने कहा, “ईडी के द्वारा मांगे गए दस्तावेज़ मैंने उन्हें सौंप दिए हैं। हालांकि, मेरे पूछे गए सवालों का जवाब ईडी के द्वारा नहीं दिया गया। मुझसे जो कागज मांगे गए थे, वे मैंने जमा किए हैं। कुछ बातें सभी ने पूछी, जिसका मैने जवाब दिया। उन्होंने बताया कि कुछ कागज बाकी हैं, जिन्हें पेश करने के लिए मैंने और कुछ दिन का समय मांगा है। मेरी बेटी और पत्नी ने संपत्ति का ब्योरा दिया है, अभी बड़े बेटे और बहू का देना है।” उन्होंने यह भी कहा, “कोई बदतमीजी नहीं हुई है। चाय-नाश्ते के लिए पूछा गया था, लेकिन कोई परेशानी नहीं हुई। अंदर की बातों को सार्वजनिक करना ठीक नहीं है। मैं कांग्रेस पार्टी का सदस्य हूं और कानून को मानने वाला व्यक्ति हूं। बीजेपी ने जानबूझकर मुझे परेशान करने के लिए आरोप लगाए हैं।
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यह आरोप सरकार और बीजेपी के कारण मुझ पर लगाए गए हैं। मैं इस लड़ाई को अंतिम तक लडूंगा। जब तक जिंदा रहूंगा, आदिवासियों के लिए लड़ता रहूंगा।” कवासी लखमा ने आगे कहा, “मैं घोटाले को कबूल नहीं कर रहा हूं, लेकिन जांच चल रही है। अगर दो नंबर की शराब भेजी गई है, तो अधिकारी के घर में क्यों नहीं बन रही थी? तीन शराब बनाने वाली कंपनियां हैं, उनके खिलाफ कार्रवाई क्यों नहीं हो रही? शराब कंपनियों पर जांच करो।” उन्होंने कहा, “ऐसा कोई ऑफर मुझे नहीं मिला है। वे जानते हैं कि मैं कांग्रेस पार्टी में हूं, इसलिए मुझे कोई ऑफर नहीं दिया गया।” बता दे कि बीते गुरुवार को ईडी ने अपने आधिकारी बयान में कहा था कि रेड के बाद कवासी लखमा के घर में कई सूबत मिले हैं. ईडी ने अपने बयान में कहा था कि कवासी लखमा द्वारा नकद में पीओसी के उपयोग से संबंधित सबूत जुटाने में सक्षम हो गया है. इसके अलावा, तलाशी में कई डिजिटल डिवाइस बरामद और जब्त की गईं, जिनके बारे में माना जाता है कि उनमें आपत्तिजनक रिकॉर्ड हैं। छत्तीसगढ़ में शराब घोटाले को लेकर ईडी लगभग दो साल से कार्रवाई कर रही है. इस मामले में कई अधिकारी और नेताओं के रिश्तेदार जेल में हैं. रायपुर मेयर के भाई अनवर ढेबर और एपी त्रिपाठी भी शराब घोटाले के मामले में जेल में बंद हैं.

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