पत्रकार मुकेश चंद्राकर मर्डर केस में आरोपी ठेकेदार समेत 4 गिरफ्तार, कुल्हाड़ी से वार कर नक्सलियों के सर मढ़ने वाले थे हत्या की जिम्मेंदारी..ऐसे बदल गया प्लान
पत्रकार मुकेश चंद्राकर हत्याकांड के मामले में बीजापुर पुलिस ने 4 आरोपियों को गिरफ्तार किया है. मुख्य आरोपी रितेश चंद्राकर समेत चार आरोपियों को पुलिस ने गिरफ्त में लेकर पूछताछ शुरू कर दी है. हत्या के बाद फरार आरोपी ठेकेदार रितेश चंद्राकर दिल्ली से पकड़ा गया है. ठेकेदार रितेश को पुलिस की टीम दिल्ली से बीजापुर लेकर आई है. पुलिस द्वारा मिली जानकारी के अनुसार, पत्रकार हत्याकांड में अन्य आरोपियों के शामिल होने की भी आशंका है. फिलहाल, पकड़े गए सभी आरोपियों से पुछताछ जारी है.
सेप्टिक टैंक में से मिली थी लाश
गौरतलब है कि पत्रकार मुकेश चंद्राकर की लाश आरोपी ठेकेदार रितेश चंद्राकर के सेप्टिक टैंक में से मिली है. मुकेश के शव को टैंक में छुपाकर ऊपर से कंक्रीट बिछा दी गई थी. पुलिस को जेसीबी चलाकर टैंक तोड़ना पड़ा और फिर पत्रकार का शव बरामद किया गया.
मुकेश चंद्राकर के सहयोगी पत्रकारों का आरोप है कि ठेकेदार ने सुनियोजित तरीके से इस मर्डर को अंजाम दिया है. अन्य जर्नलिस्ट के दबाव में आकर ही पुलिस ने कार्रवाई की थी, जब मुकेश का शव बरामद हुआ. बताया जा रहा है कि नए साल के पहले दिन मुकेश चंद्राकर ने सोशल मीडिया के जरिए सभी को बधाइयां दीं. उसी दिन ठेकेदार रितेश चंद्राकर ने फोन कर के उसे बस स्टैंड के पास बने अपने यार्ड में बुलाया था. आशंका है कि वहीं मुकेश की हत्या की गई है.
कुल्हाड़ी से हत्या किए जाने की आशंका
पत्रकार मुकेश चंद्राकर का पहले गला घोंटा गया। बाद में सिर पर कुल्हाड़ी मारी। इस हमले से मुकेश के सिर पर ढाई इंच गड्ढा हो गया। हत्या के बाद मुकेश की लाश बैडमिंटन कोर्ट कैंपस में बने सेप्टिक टैंक में फेंक दिया और टैंक को 4 इंच कंक्रीट से ढलाई करके पैक कर दिया गया।
बीजापुर में हुई इस हत्या के बाद पत्रकारों में आक्रोश है। उन्होंने बीजापुर नेशनल हाइवे-63 पर चक्काजाम कर दिया है, जो 2 घंटे से जारी है। वहीं, पुलिस ने मामले में 3 आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है, जबकि 3 आरोपी हिरासत में हैं। रिश्तेदार सुरेश चंद्राकर भी संदेह के घेरे में है।
अब जानिए क्या है पूरा मामला ?
दरअसल, 1 जनवरी 2025 को शाम 7 बजे से मुकेश चंद्राकर घर से लापता हुए थे। अगले दिन 2 जनवरी को उनके भाई युकेश चंद्राकर ने गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई। शिकायत के बाद पुलिस लगातार मुकेश के फोन को ट्रेस कर रही थी। फोन बंद होने की वजह से अंतिम लोकेशन घर के आस-पास का ही दिखा रहा था।
CCTV फुटेज भी खंगाले गए, जिसमें अंतिम बार मुकेश टी-शर्ट और शॉर्ट्स में दिखे। वहीं पत्रकारों ने भी अलग-अलग जगह पता किया। Gmail लोकेशन के माध्यम से लोकेशन ट्रेस किया गया, जिसमें मुकेश का अंतिम लोकेशन बीजापुर जिला मुख्यालय के चट्टानपारा में होना पाया गया।
टैंक पर कंक्रीट का मोटा स्लैब डाला
इस दौरान कुछ पत्रकारों की नजर सेप्टिक टैंक पर गई। टैंक पर कंक्रीट का मोटा स्लैब डाला गया था, लेकिन उसमें एक भी चेंबर नहीं रखा था। अमूमन टैंक की सफाई के लिए एक हिस्से में चैंबर बनाया जाता है। यहां टैंक पूरी तरह से जब पैक दिखा तो शक हुआ। पुलिस से टैंक तोड़वाने की मांग की गई। टैंक तोड़ते ही पानी में मुकेश की लाश मिली। शव को बाहर निकाला गया और पोस्टमॉर्टम के लिए शव को अस्पताल भिजवाया गया।
संदेह के दायरे में ठेकेदार सुरेश चंद्राकर
हत्याकांड में पुलिस के संदेह के दायरे में ठेकेदार सुरेश चंद्राकर और सुरेश के भाई रितेश चंद्राकर हैं। कुछ दिन पहले मुकेश ने करीब 120 करोड़ रुपए की लागत से बनने वाली सड़क की खस्ता हाल की खबर बनाई थी। बताया जा रहा है कि, यह काम सुरेश चंद्राकर का ही था, जिसके बाद से इनके बीच कुछ विवाद भी हुआ था। फिलहाल, पुलिस इस पूरे मामले की जांच कर रही है। जांच के बाद ही हत्यारे और हत्या की वजह स्पष्ट हो पाएगी।
सीएम साय ने जताया दुख
सीएम विष्णुदेव साय ने पत्रकार मुकेश की हत्या पर शोक जताया है। उन्होंने एक्स पर लिखा बीजापुर के युवा और समर्पित पत्रकार मुकेश चंद्राकर की हत्या का समाचार अत्यंत दु:खद और हृदयविदारक है। मुकेश जी का जाना पत्रकारिता जगत और समाज के लिए एक अपूरणीय क्षति है। इस घटना के अपराधी को किसी भी हाल में बख्शा नहीं जाएगा। अपराधियों को जल्द से जल्द गिरफ्तार कर कड़ी से कड़ी सजा देने के निर्देश हमने दिए हैं।
सरकार को आर्थिक सहायता, नौकरी पर भी निर्णय लेना चाहिए- भूपेश
पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने फेसबुक पर लिखा कि, मुझे आज भी वो दिन याद है, जब नक्सलियों के कब्जे से कोबरा बटालियन के जवान राकेश्वर सिंह मन्हास को नक्सलियों के चंगुल से रिहा कराने वाली मध्यस्थ टीम मुख्यमंत्री निवास रायपुर में मुझसे भेंट करने आई थी।साहसी पत्रकार मुकेश चंद्राकर उस मध्यस्थ टीम के प्रमुख सदस्य थे। उनके साहस के लिए मैंने उनकी पीठ थपथपाई थी। मुकेश के साथ जो हुआ है, वो बेहद दुर्भाग्यजनक है। सिर्फ शब्दों से निंदा कर देने से क्षति और असुरक्षा का समाधान नहीं हो सकता। ना ही इस विषय पर कोई राजनीतिक टिप्पणी करना चाहूंगा।
सरकार से अनुरोध है कि त्वरित जांच हो, दोषियों पर कार्रवाई हो और ऐसी नज़ीर पेश हो कि अपराधियों में संदेश जाए। साथ ही मुकेश के परिवार का ध्यान रखने के लिए सरकार को आर्थिक सहायता, नौकरी पर भी निर्णय लेना चाहिए। साहसी पत्रकार मुकेश चंद्राकर को हम सब छत्तीसगढ़वासियों की विनम्र श्रद्धांजलि। ईश्वर उनके परिवार को हिम्मत दे। ॐ शांति: